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August 20, 2025 12:47 am

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कौन हैं वो चार लोग जो होटल में बैठकर शहर के वार्डों का परिसीमन कर दिए ? मचा है बवाल , आरोप -कांग्रेस पार्षदों से न राय ली और न ही पूछा

मचा है बवाल,कांग्रेस विधायक का आरोप -किसी से नही ली राय न पूछा गया
कांग्रेस का एक धड़ा कर रहा मौन समर्थन
बिलासपुर । नगर निगम की सीमा वृद्धि के बाद बनाये गए 70 वार्डो का जिस तरह आनन फानन में परिसीमन कर दिया गया उसे लेकर बवाल मच गया है । भाजपा जहां परिसीमन को कांग्रेस नेताओं को फायदा पहुंचाने की चाल बता रहे वही कांग्रेस विधायक शैलेश पांडेय और पार्टी के दर्जन भर पार्षद का आरोप है कि चंद प्रभावशाली लोगो की शह पर चार छह लोगों ने होटल में बैठकर आनन फानन में परिसीमन कर दिया गया है । काँग्रेस के पार्षदों से न तो पूछा गया और उनसे राय ली गई । कुछ लोगो को फायदा पहुंचाने बाकी कांग्रेस पार्षदों को हराने बनाई गई परिसीमन को लेकर मुख्यमंत्री से बात की जाएगी ।
पहले भाजपा सरकार के कार्यकाल में नगर निगम सीमा में बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को भूपेश बघेल की सरकार ने मूर्त रूप दिया और नगर निगम की सीमा को बढ़ा दिया गया । भाजपा सरकार के कार्यकाल में बनाये गए तिफरा नगर पालिका और सकरी तथा सिरगिट्टी नगर पंचायत के साथ ही शहर से लगे 16 ग्राम पंचायतों को बिलासपुर नगर निगम में शामिल कर दिया गया । इसका भाजपा विधायकों और नेताओं ने विरोध तो किया मगर उनके विरोध को दरकिनार कर दिया गया । सीमा वृद्धि के पूर्व नगर निगम में 66 वार्ड थे जिन्हें घटाकर 44 कर दिया गया और ग्रामीण क्षेत्रों को मिलाकर कुल 70 वार्ड बनाये गए यहां तक तो ठीक था मगर असली खेल वार्डों के परिसीमन में हुआ । परिसीमन की जिम्मेदारी जिन अधिकारियों को सौपा गया था उनपर अब गम्भीर आरोप लगने शुरू हो गए है । इन अशिकारियों ने किन नेताओ के दबाव पर और किन नेताओं को लाभ पहुंचाने आनन फानन में कुछ ही दिन ही में पूरे 70 वार्डों का परिसीमन कर दिया यह तो स्पष्ट नही हो रहा मगर जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे है उससे निगम का चुनाव प्रभावित हुए बिना नही रह सकता । सबसे ज्यादा विरोध सत्ताधारी दल कांग्रेस के एक धड़े द्वारा किया जा रहा है यानि परिसीमन जस का तस रहा तो निगम चुनाव में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है जबकि कांग्रेस का दूसरा धड़ा मौन है यानि इस धड़े के नेताओ को परिसीमन साफ सुथरा और कांग्रेस की जीत वाली लग रही है । परिसीमन में बिल्डर लाबी को लाभ पहुंचाने वाली बात भी कही जा रही जा रही है ।
परिसीमन से शुरू हुआ विवाद क्या निगम के चुनाव नतीजे को प्रभावित करेगा यह प्रश्न अभी से किया जाने लगा है । परिसीमन को लेकर भाजपा के नेता खुल कर विरोध नही कर रहे है क्योंकि वे जान रहे कि उनके विरोध का सरकार पर कोई असर नही पड़ने वाला और वही होगा जो सरकार चाहेगी इसलिये भाजपा नेता विरोध करके समय जाया करने के बजाय निगम के चुनाव की तैयारी में लग गए है और पूरे 70 वार्डों में पार्षद तथा महापौर पद पर जीत के लिए रणनीति बनाने में लग गए है जबकि कांग्रेस नेता परिसीमन को लेकर दो धड़ों में बंट गए है और यह विवाद निगम चुनाव तक चलेगा ।
नगर निगम में वर्तमान में भाजपा पार्षदों के बहुमत है जबकि कांग्रेस पार्षदों की संख्यां 24 है उसमें से भी 14 से 16 पार्षद परिसीमन के विरोध में है और परिसीमन में उसके वार्ड के उन क्षेत्रों को जानबूझकर कांट छांट करने का आरोप लगा रहे है जहां उनका वोट बैंक है ।इस तरह कथित कांट छाँट को हराने की रणनीति भी वे बता रहे है ।

: कांग्रेस के जिन पार्षदो को परसीमन में षणयंत्र नजर आ रहा है और वे इसे साजिश करार दे रहे है ऐसे पार्षद अपनी बात रखने शहर के विधायक शैलेश पांडेय के पास पहुंच गए और पूरे मामले से उन्हें अवगत कराया ।

विधायक शैलेष पांडेय ने परिसीमन को लेकर उठे विवाद पर कहा कि वार्डों का परिसीमन किन लोगों ने किया वे नही जानते मगर वे कांग्रेस पार्षदो और पार्टी की हित को लेकर जरूर अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे ।इस तरह के परिसीमन से निगम चुनाव में कांग्रेस को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है ।
श्री पांडेय ने यह भी कहा कि होटल में चार लोग बैठकर आनन फानन में वार्डों का परिसीमन कैसे कर सकते है ? उन्होंने कहा वे नही जानते कि होटल में चार लोग कौन थे और वो होटल कौन सा था मगर कांग्रेस पार्षदों से राय तथा सहमति लिए बगैर वार्डों का परिसीमन नही किया जाना था । उनके पास पहुंचे कांग्रेस पार्षदो को शक है कि उनकी राजनीति समाप्त करने और चुनाव में उन्हें हराने के लिए उनके वार्डों का परिसीमन बेतरतीब ढंग से कर दिया गया है ।
[29/08, 16:35] निर्मल माणिक: शहर विधायक शैलेष पांडेय ने यह भी कहा कि आनन फानन में परिसीमन करके भाजपा नेताओं को फायदा पहुंचाने की नीयत स्पष्ट रूप से प्रतीत हो रहा है । परिसीमन करने वाले जो भी हो वे मुझे नही बुलाये कोई बात नही इसकी मुझे कोई शिकायत नही है मगर उन पार्षदों को तो सुझाव व राय देने के लिए तो बुलानी थी जिनके वार्डों में तोड़फोड़ की गई है और सीमाक्षेत्रो में में व्यापक बदलाव किया गया है ।ये पीड़ित पार्षद न्याय के लिए आखिर कहाँ जाएं ? उन्हें लगा उनकी बात को विधायक गम्भीरता से सुन और समझ सकता है इसलिए वे सारे पार्षद मेरे पास आये । मैं उनकी समस्या और कांग्रेस पार्टी के हित में पूरी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखूंगा ।

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