बिलासपुर ।प्रकृति के प्रकोप या दुर्घटनावश, अपने हाथ-पैर गंवाने का दर्द, पीड़ित व्यक्ति ही समझ सकता है। समाज में, सहानुभूति देनेवालों की संख्या तो अधिक होती है, पर वास्तविक सेवा भावना से उनके लिये सहायतार्थ प्रयास करने वाले बिरले ही होते हैं। ऐसे ही विकलांगो की पीड़ा के सहभागी बनते […]