बिलासपुर। साढ़े तीन साल पहले अर्श से फर्श पर आ चुके भारतीय जनता पार्टी में सत्ता से बेदखल हो जाने के बाद भी कोई बदलाव नहीं दिख रहा था और पार्टी के तमाम नेता अपने में मस्त थे।विशाल बहुमत के साथ सत्ता में लौटी कांग्रेस और भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ पूरे दमखम के साथ लड़ने भाजपा नेता शायद हिम्मत नही जुटा पा रहे थे लेकिन छत्तीसगढ़ में पार्टी की दयनीय स्थिति को भांपते हुए पार्टी संगठन के राष्ट्रीय नेताओ ने जो बदलाव शुरू किया उससे पार्टी में एक नई उम्मीद जागी है इतना ही नही बदलाव के बाद प्रदेश भाजपा के नेताओ की स्वेच्छाचारिता पर अंकुश लगा हैं।हालांकि प्रदेश प्रभारी के रूप में डी पुरंदेश्वरी ने पार्टी के नेताओं पर अंकुश लगाने की कोशिश जरूर की थी लेकिन वे दिल्ली से आकर सिर्फ राजधानी में ही बैठक लेने तक सीमित रही ।इस वजह से प्रदेश भाजपा में कोई खास बदलाव नजर नहीं आया लेकिन पार्टी संगठन ने क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में अजय जामवाल को छत्तीसगढ़ भेजकर अधिकांश पार्टी नेताओ के लिए भारी दिक्कतें पैदा कर दी है ।
पार्टी संगठन में अजय जामवाल बहुत अनुभवी और अनुशासनप्रिय है ।इसी वजह से उनकी अनुशंसा और रिपोर्ट सीधे संघ के बड़े नेताओं और गृहमंत्री अमित शाह के पास पहुंचती है ।इसीलिए छत्तीसगढ़ के स्थापित भाजपा नेताओं के लिए यह परेशानी का सबब बन गया है ।परेशानी इसलिए भी कि अजय जामवाल सिर्फ रायपुर ही नही बल्कि छत्तीसगढ़ के सभी विधानसभा क्षेत्र में दौरा करेंगे जिससे सक्रिय और निष्क्रिय तथा जोड़तोड़ में विश्वास रखने वाले पार्टी नेताओ की सच्चाई उनके सामने आएगी ।श्री जामवाल को इन्ही सारी खामियों को पूरी कड़ाई के साथ ठीक करना है और पार्टी के लिए बोझ बनते जा रहे नेताओ को उनकी असलियत का अहसास भी कराना है साथ ही पार्टी हित के लिए उन्हें कठोर निर्णय भी लेंगे पड़ेंगे ।विधानसभा चुनाव को अब बमुश्किल सवा साल ही बचे है और छत्तीसगढ़ में भाजपा को चुनाव के पहले ठोक बजाकर पूरी तरह खड़ी भी करनी है इसलिए क्षेत्रीय संगठन मंत्री के रूप में अजय जामवाल पूरे प्रदेश में सक्रिय होंगे और पार्टी के नेताओं को समय से पहले सुधर जाने का मौका भी दे सकते है ।श्री जामवाल कल मंगलवार को बिलासपुर आ रहे है वे जिला भाजपा कार्यालय में संभागीय बैठक लेंगे ।श्री जामवाल के बिलासपुर आने की खबर से स्थानीय भाजपा नेता हड़बड़ाहट में और वे इस प्रयास में है कि कल की बैठक शांतिपूर्वक निपट जाए लेकिन श्री जामवाल यदि जिला स्तर पर संगठन के कार्यों और प्रगति पर रिपोर्ट लेना और पूछताछ शुरू कर दिए तो कई पदाधिकारी मुश्किल में पड़ सकते है ।
श्री जामवाल छत्तीसगढ़ में पार्टी संगठन की स्थिति से पूरी तरह वाकिफ है और यहां आने के पहले पूरा फीड बैक भी ले चुके है इसलिए उनके सामने जवाब नही दे पाने या झूठी जानकारी देने वाले भाजपा नेता और संगठन के पदाधिकारी को खरी खोटी भी सुनने को मिल जाए तो आश्चर्य नहीं होगा ।यह तो आईने की तरह साफ है कि पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बदलते हुए सांसद अरुण साव को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बना तो दिया है लेकिन पूरे प्रदेश में भाजपा की स्थिति को पहले जैसे लाने की जिम्मेदारी सिर्फ अरुण साव के ऊपर ही थोपने की गलती नही करेगी बल्कि डी पुरंदेश्वरी और अजय जामवाल के निर्देश ,आदेश ,नियंत्रण और पकड़ से पार्टी को संकट से उबारने की दिशा में काम किया जायेगा और इसकी शुरुआत हो चुकी है । प्रदेश में भाजपा को पूरी तरह स्ट्रांग बनाने के लिए पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी द्वारा जिस तरह बदलाव किया जा रहा है कड़े अनुशासन में रहने वाले और अनियंत्रित नेताओ को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले पदाधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है उससे आने वाले दिनों में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए भाजपा कई बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है ।71 विधानसभा में बहुमत प्राप्त कर सरकार बनाने वाली कांग्रेस पार्टी के भाजपा कड़ी चुनौती के रूप में खड़ी होगी इसमें कोई दो राय नहीं है बशर्ते भाजपा को कई जिलों में संगठन में व्यापक फेरबदल और नए लोगो को तरजीह देनी पड़ेगी ।