बिलासपुर । बगैर नक्शा स्वीकृत कराए बिल्हा ब्लाक के ग्राम धमनी में 25 से 30 एकड़ एरिया में अवैध प्लाटिंग का बड़ा कारोबार चल रहा है ।इस अवैध धंधे में लगे लोग सबकी आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहे है । इन लोगों ने प्लाट खरीदने के इच्छुक लोगो को कई तरह से आकर्षित करने अवैध काम कर रहे है । विद्युत विभाग से अनुमति लिए बिना ही सैकड़ों पोल लगवा कर उसमे तार भी डलवा दिए है ताकि प्लाट खरीदने वालो को लगे कि वहां बिजली लाइन लग गई है जबकि सच्चाई तो यह है कि विद्युत पोलो में कोई बिजली कनेक्शन है ही नही । यह समझने के लिए पर्याप्त है कि 30 एकड़ के विशाल क्षेत्र में कहीं कोई विद्युत ट्रांसफार्मर लगा ही नही है ।इन अवैध प्लाटिंग करने वालो ने बिलासपुर शहर समेत गांवों में भी सिर्फ 150 रुपए से 199 रुपए वर्ग फुट की दर से स्मार्ट सिटी और विमानतल से 2 किमी की दूरी पर शानदार प्लाट देने का जगह जगह बोर्ड लगवाए है सिर्फ ग्राहकों को फंसाने के लिए जबकि सच्चाई यह है कि 199 रुपए के दर वाली कोई प्लाट ही नही है और वैसे भी शहर और आसपास में न्यूनतम 500 रुपए की दर से कोई प्लाट नही मिल सकता । अवैध प्लाटिंग करने वाले लोग ग्राहकों को 250 से 300 रुपए का रेट बता 199 रुपए वाला प्लाट पूरा बिक जाने का बहाना बनाते है ।शहर और आसपास के ग्रामों में अवैध प्लाटिंग कर जमीन बेचने वालो की बाढ सी आ गई है । निगम और राजस्व विभाग के अधिकारी ऐसे लोगो के खिलाफ अपनी सुविधानुसार कारवाई कर रहे है ।यदि कोई पार्षद चुनाव जीतने के बाद एक सूत्रीय कार्यक्रम अवैध प्लाटिंग कर जमीन बेचने में लग जाय तो देर सबेर उस पर नजर लगना ही है । सिरगिट्टी के वार्ड क्रमांक 11 के पार्षद रवि साहू ने तो हद ही कर दी उसके कृत्य से भूपेश बघेल की सरकार बेवजह बदनाम हो रही है । इस पार्षद ने पंकज रामटेके और अन्य लोगो के साथ मिलकर बिल्हा ब्लाक के धमनी ग्राम में अवैध प्लाटिंग के लिए 30 एकड़ से भी ज्यादा जमीन ऐसी जगह चुना जो पूरी तरह मुरूम खदान वाला क्षेत्र है वहां पानी मिलना मुश्किल है ।कई बोर खुदाई हुई मगर सब फेल हो गए । वहां पर एसडीके बिजली पानी की कोई व्यवस्था नहीं लेकिन प्लाट खरीदने आने वालो को गुमराह करने सौ से भी ज्यादा विद्युत पोल न केवल लगवा दिए गए है बल्कि उनमें तार में भी दिखा गया है जबकि बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है और बिजली की आपूर्ति होगी भी कैसे क्योंकि वहां तो बिजली के खंभे तक लगाने की कोई अनुमति बिजली विभाग से नही ली गई है ।इसका प्रमाण यह है वहां एक भी ट्रांसफार्मर नही लगा है । वैसे भी बिजली विभाग अपनी शर्तो पर पोल और ट्रांसफार्मर लगाने के बाद बिजली आपूर्ति की अनुमति देता है ।वहां जो भी अवैधानिक कार्य हो रहे है वह सब ग्राहकों को लुभाने के लिए है । ताज्जुब तो यह है की धमनी ग्राम में इतने बड़े भूभाग पर अवैध प्लाटिंग का खेल चल रहा है और पटवारी आर आई तहसीलदार ,जिला प्रशासन विद्युत विभाग के अधिकारी चुपचाप तमाशा देख रहे है । उनको उसकी जानकारी न हो ऐसा हो ही नही सकता । चर्चा तो यह भी है कि राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने लाखो में डील कर लिया है ।इस अवैध प्लाटिंग के लिए जमीन की खरीदी बिक्री किस तरह हुई यह जानने का प्रयास किया गया तो पता चला कि जमीन मालिको में कुछ से अलग अलग नाम पर रजिस्ट्री कराई गई तो कुछ किसान उनके सलाह पर खुद प्लाटिंग करवा रहे ताकि प्लाट बिकने पर अवैध प्लाटिंग करने वाले उन किसानों से लम्बा कमीशन प्राप्त कर सके । यदि इस अवैध प्लाटिंग के बड़े खेल को रोका नहीं गया तो कालांतर में यहां बनने वाली विशाल कालोनी में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने शासन को राजस्व की व्यवस्था करनी होगी क्योंकि अवैध प्लाटिंग करने वाले तो प्लाट बेचकर और करोड़ों कमाकर निकल लिए रहेंगे। जमीन की खरीदी बिक्री और रजिस्ट्री में भी शासन को करोड़ों का चूना लगाया गया है इसमें कोई शक नही है ।
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Sat Feb 20 , 2021