बिलासपुर । कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाने को लेकर पूरे देश मे खुशी का माहौल है । और क्यो नही होना चाहिए ।इसे दूसरी आजादी का भी नाम दिया जा रहा है । यदि सरकार की प्रकिया पर बहस न किया जाए तो निश्चित ही यह अच्छा कदम है । सरकार के निर्णय के बाद सत्तापक्ष से जुड़े लोग ज्यादा खुशियां मना रहे हैं और यह उनका हक भी बनता है मगर पूरे मामले में देश के प्रथम प्रधानमंत्री को पूरी तरह खलनायक साबित करने में कोई कसर नही छोड़ा गया । सरकार के निर्णय और फैसले पर आम नागरिक भला क्या बोल सकता है । स्थिति तो यह है कि अभी तक कश्मीर का क तक नही जानने वाले लोग भी अब कश्मीर को लेकर सोशल मीडिया में लंबी चौड़ी हांक रहे है ।
बात जवाहर लाल नेहरू से नफरत की हो रही थी तो कश्मीर को लेकर सरकार द्वारा उठाये गए अभूतपूर्व कदम की तारीफ में और भारत को अखण्ड बनाने के अवसर पर एक विजय जुलूस जो पैदल होगा 8 अगस्त को दोपहर 3,30 बजे निकाली जाएगी । जम्मू कश्मीर विजय यात्रा के नाम से निकाली जाने वाली यह यात्रा गांधी चौक से निकलेगी । अमूमन होता तो यही आया है कि कोई भी जुलूस गांधी चौक से निकलकर नेहरू चौक में समाप्त होती रही है मगर जम्मू कश्मीर विजय यात्रा की विशेषता यह है कि यात्रा नेहरू चौक न जाकर उसके पहले ही देवकीनन्दन चौक में समाप्त हो जाएगी ।
जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र छत्तीसगढ़ प्रान्त द्वारा निकाली जाने वाली यात्रा में इस बात का जरूर ध्यान पहले ही रखा गया कि यात्रा का समापन नेहरू चौक के बजाय उसके पहले वाले चौक में ही कर दिया जाए । यह इसलिए भी सामान्य है कि जब संसद में बहस के दौरान पूरे समय तक नेहरू को देश के खलनायक के रूप में पेश कर दिया गया हो तो विजय यात्रा भला नेहरू चौक तक यात्रा क्यों जाए ?