बिलासपुर । पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार को माफियाओं के चंगुल में फंसी सरकार बताते हुए कहा कि ढाई साल में यह सरकार कर्ज में डूब गई है और दिवालिया होने की ओर छत्तीसगढ़ बढ़ रहा है ।राज्य की वित्तीय व्यवस्था चरमरा गई है ।किसी भी सरकार के लिए ढाई साल का कार्यकाल स्वर्णिम काल होते हैं मगर भूपेश बघेल की सरकार ढाई साल गंवा दिए हैं ।सरकार के पास पैसे नहीं है ।सरकार का आर्थिक प्रबंधन फेल हो गया है ।सारे निर्माण कार्य और विकास कार्य बंद है और भाजपा तथा प्रदेश की जनता अगर उनसे सवाल पूछती है तो जवाब देने के बजाय भागते हैं।
भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुए डॉ रमन सिंह ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं और अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हम लोग गांव-गांव में जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं तो उन्हें इस सरकार के प्रति घोर निराशा आक्रोश और पीड़ा है और वह अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
बिलासपुर की चर्चा करते उन्होंने हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के साथ ही बिलासपुर के हालात बहुत गंभीर है यहां अवैध प्लाटिंग हो रही है नगर निगम के अधिकारी चुप बैठे हैं सत्ता के संरक्षण में भूमाफिया सक्रिय है ।यहां अमृत मिशन के कार्य , अरपा भैसाझार परियोजना ,तिफरा ओवरब्रिज का काम सब लटके हुए हैं ।दरअसल सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है कि वह हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान स्वीकृत किए गए कार्यों को पूरा करें ।पूरे प्रदेश में रेत माफिया सक्रिय हैं और उन्हें सत्ता का संरक्षण प्राप्त है ।कानून व्यवस्था की स्थिति भी गंभीर है। जिस तरह प्रदेश में अराजकता का माहौल है उसे आम आदमी भी महसूस कर रहा है। बेरोजगारों को रोजगार तथा बेरोजगारी भत्ता के सवाल पर यह सरकार जवाब नहीं दे रही है। किसानों का रकबा कम क्यों किया जा रहा है ,किसानों को 2 साल का बोनस भी नहीं मिला है ।महिलाओं से शराबबंदी का वादा किया गया था वह भी पूरा नहीं हुआ। वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिल रहे हैं। इसका जवाब सरकार के पास नहीं है ।सरकार पूरी तरह संवेदनहीन हो चुकी है। यहां के विधायक पुलिस कमिशन की बात उठाते हैं। ढाई साल में छत्तीसगढ़ अपराध गढ़ बन गया हैं ।इस सरकार ने छत्तीसगढ़ को कमीशन खोरी का अड्डा बना दिया है ।केंद्र सरकार के प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ भी लाखों गरीबों को मिलना था वह भी नहीं मिला ।गरीबों के साथ इस सरकार ने वादाखिलाफी की है क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा गरीबों के आवास के लिए जो राशि स्वीकृत की गई थी उसमें राज्य सरकार को मेचिग ग्रांट के तहत जो राशि दिए जाने थे वह जमा नहीं किया गया। सरकार के पास किसी भी मद के लिए पैसे नहीं है। हम यह आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि सीएजी ने जो ऑडिट किया है उसके आंकड़े को हम बता रहे हैं ।राज्य के बजट 80,000 करोड रुपए में 70611 करोड रुपए राजस्व मंद में खर्च हो गए। यानी बजट का 88% राशि सब्सिडी वेतन ब्याज आदि में खर्च हो रहा और मात्र 12% राशि ही पूंजीगत है ।हमारी सरकार ने 15 साल में 33 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिए लेकिन भूपेश बघेल की सरकार ने सिर्फ ढाई साल में ही 37 हजार करोड़ का कर्ज ले लिया है इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य की आर्थिक स्थिति किस तरह है ।
उन्होंने कहा कि बारिश में सीमेंट के मूल्य में कभी भी बढ़ोतरी नहीं होती मगर इस सरकार के कार्यकाल में बारिश में सीमेंट के मूल्य बढ़कर ₹300 हो चुका है और रेत का तो भगवान ही मालिक है ।रेत छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश और बिहार जा रहा है सरकार माफियाओं के चंगुल में फंसी हुई है।
*इमर्जेसी की बातें आज की युवा पीढ़ी को मालूम होना चाहिए *****
डॉ रमन सिंह ने आज ही के दिन 25 मई 1975 को तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल की चर्चा करते हुए कहा कि आपातकाल की जानकारी नई पीढ़ी के लोगों में रहे ताकि कोई भी सरकार देश को बंधक ना बना सके आज उस आपातकाल को याद करने का अवसर है खासकर छत्तीसगढ़ के संदर्भ में की किन परिस्थितियों में तत्कालीन सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर नागरिकों के नैसर्गिक आजादी को छीन ली थी ।देश के सवा लाख लोगों को मीसा के तहत जेल में डाल दिया गया था । कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान की धज्जियां उड़ा दी थी तब जयप्रकाश नारायण अटल बिहारी वाजपेई , जार्ज फर्नांडीस ,मधु लिमए समेत सारे विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार की इस निर्णय का विरोध कर 1977 में देश को दूसरी आजादी दिलाने में योगदान दिया । सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी को भी कुचलने में कोई कमी नहीं किया और हजारों अखबार बंद कर दिए गए ।बहुतों के विज्ञापन बंद कर दिए गए ।अनेक पत्रकारों को जेल जाना पड़ा । कांग्रेस आजादी की जंग में लड़ाई लड़ने की बात कहती है उसी की पार्टी ने देश में इमरजेंसी लगाकर देश को फिर से गुलाम बना डाला था ।इमरजेंसी के दौरान जो कुछ भी हुआ जो भी जुल्म ढाए गए उसे आज की पीढ़ी को बताना बहुत जरूरी है ताकि केंद्र में किसी की भी सरकार हो दोबारा इस तरह की हिम्मत ना कर सके ।
डॉ रमन सिंह ने देश में बढ़ रहे डीजल पेट्रोल रसोई गैस आदि की कीमत को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि क्योंकि इनकी दरें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेलों के दाम घटने बढ़ने पर निर्भर करता है इसलिए राज्य सरकारें अगर अपना टैक्स कम कर दें तो डीजल पेट्रोल के दाम कम हो सकते हैं हमारी सरकार ने भी एक बार पेट्रोल पर ₹16 कम किए थे