बिलासपुर ।जनता की गाढ़ी कमाई को लूट कर फरार हो जाने वाली चिट फंड कंपनियों से अपनी राशि वापस पाने की उम्मीद में भुगतभोगी जमाकर्ताओं का आवेदन देने कलेक्ट्रेट में आज भारी भीड़ जमा हो गई । पीड़ितो का ऐसा रेला की कोरोना की किसी को परवाह नही रही और नियमो की धज्जियां उड़ती रही प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने रहे । धारा 144 की भी किसी ने परवाह नही की ।
प्रदेश सरकार ने फरार चिट फंड कंपनियों से जमाकर्ताओं से उनकी गाढ़ी कमाई को वापस दिलाने आवेदन जमा करने का निर्देश देकर पीड़ितो में एक नई आस जगा दी है जिसका नतीजा आज कलेक्ट्रेट में देखने को मिला ।लोग भूखे प्यासे आवेदन जमा करने टूट पड़े ।कलेक्ट्रेट में इन लोगो के लिए पीने की पानी तक की व्यवस्था नहीं थी ।आम जनता से धोखाधड़ी कर कई चिट फंड कंपनियों ने करोड़ों की राशि डकार लिए और फरार हो गए । वसूल किए राशि को कई कारपोरेट कंपनियों में लगाया गया है । लोगो ने अपनी जीवन भर की कमाई को अधिक पैसे की चाहत में चिटफंड कंपनियों के हवाले कर दिए। कंपनियों ने इन लोगों को बड़े बड़े सब्जबाग दिखाकर मोटी रकम लेकर रातों रात चपंत हो गए। इस धोखाधड़ी के खेल में अपना सब कुछ लुटा चुके ये लोग चिटफंड कंपनियों से पैसे की वापसी के आस पर कलेक्ट्रेट में आवेदन जमा करने हजारों की संख्या में जुटे हुए थे । प्रशासन ने इन सभी निवेशकों एवम एजेंटों को राहत देने के लिए आस जगाई है। उम्मीद में लोग कलेक्ट्रेट परिसर में संबंधित कंपनियों के बॉन्ड समेत अन्य दस्तावेजों के साथ हजारों की संख्या में पहुंचे थे।
कलेक्ट्रेट परिसर में वैसे तो लोग रोज न्याय की आस में आते है मगर गुरुवार को कलेक्ट्रेट का नजारा पूरी तरह से बदला हुआ था। यहां पर एक या दो फरियादी नहीं थे बल्कि हजारों की तादाद में लोग पहुंचे हुए थे । लोग जमीन पर बैठकर कागजों को जमा रहे थे। यह भीड़ चिटफंड कंपनियों को अपनी जीवन की कमाई का सारा धन लुटा चुके लोगो की थी। किसी का 10 लाख,तो किसी का 5 लाख और किसी का 50 हजार डूब चुके थे।
एक भूक्त भोगी युवक ने बताया कि उसके 6 बॉन्ड है। जिसे जमा किया था। लाखो की राशि लेकर कंपनी लेकर फरार हो गई है। प्रशासन ने 6 अगस्त तक राशि वापसी के लिए आवेदन भरने की तारीख दी है। उसी कड़ी में आज यहां पहुंचकर वह भी फार्म भर रहा है।
एक तरफ जहां प्रशासनिक अधिकारी बाजारों, दुकानों व सार्वजनिक स्थलों पर विभिन्न माध्यमों से कोविड नियमों का पालन करने के निर्देशों के संदर्भ में बात करते हैं. वही ऐसा ना करने पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। वही ये आलाधिकारी कलेक्ट्रेट परिसर में उमड़ी भीड़ को व्यवस्थित करने व कोविड नियमों का पालन कराने में असफल दिखे.
कलेक्टोरेट के दूसरे तल पर निवेशको से प्रपत्र शाखा में आवेदन लिए जा रहे थे। यहां ही खुली हवा आने लायक जगह था औन ही वहां पहुंचे लोगों की बैठने की व्यवस्था थी। यहां तक की लंबी लाइन लगाकर घंटों खड़े रहने वालों के कंठ सूख गए थे। लेकिन वहां पीने तक की पानी की व्यवस्था नहीं की गई थी।