बिलासपुर। इन दिनों महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी के दफ्तर में अजीब तरह का खेला चल रहा है। 19 मई 2020 को जिला कार्यक्रम अधिकारी केेे हस्ताक्षर से एक पत्र जारी हुआ है । जिसमें कहा गया कि पूर्व में श्रीमती रीना बाजपेई परियोजना अधिकारी की जो जांच चल रही थी उसे संस्थित करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया जा रहा है । इस पत्र की प्रतिलिपि सात स्थानों पर भेजी गई है इस पत्र को आधार बनाकर बिलासपुर के एक नागरिक ने सचिव छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग को 10 जुलाई 2021 में शिकायत की है । शिकायतकर्ता का दावा है की जिला कार्यक्रम अधिकारी बिलासपुर द्वारा अनेक वित्तीय अनियमितताएंं बरती जा रही है उनके कार्यालय के अनेक अधीनस्थ सदस्य आहरण अधिकारी परियोजना अधिकारियों का वित्तीय आहरण एवं वाउचर की सूक्ष्म निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। शिकायतकर्ता ने कहा है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा संदर्भित आदेश 19 मई 2020 में कई अनियमितता है उसने अपने शिकायत में जिला कार्यक्रमअधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित कर कलेक्टर द्वारा अनुमोदित होनेे का उल्लेख कर बिना जावक पजीकरण के ही पत्र जारी हुआ जो कि बिल्कुुल ही नियम विपरीत है ।प्रतिलिपि में भी सभी संबंधित कार्यालयों को प्रेषण नहीं हुआ केवल प्रदर्शित किया गया। आदेेश में जावक क्रमांक नहीं होनेे से स्पष्ट है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा अनाधिकृत तौर से अपने स्तर से ही केवल रीना वाजपेयी परियोजना अधिकारी सरकंडा का कार्य प्रभार अपने समर्थक परियोजना अधिकारी को हस्तांतरित करना और वित्तीय कार्य करना षड्यंत्र है। पत्र में उल्लेखित तथ्य के अनुसार परियोजना अधिकारी रीना बाजपेई के विरुद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओंं की शिकायत उपरांत जांंच हुई ।जांच में प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव नियम 14 के प्रावधानों के तहत ना करके 8,9 माह बाद बिना कोई कार्यवाही किए उसी पद पर मौखिक बहाली और इतनेे दिनों का पूर्ण वेतन आहरण एवं भुगतान संदेह के घेरेे में है ऐसा लगता है कि अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी के बीच कोई सांठ-गांठ हुई है शिकायतकर्ता ने तथ्यों की विस्तृत जांच की मांंग करी है।
सोनगंगा कालोनी निवासी शिकायत कर्ता मनोहर लाल ने सचिव महिला एवम बाल विकास विभाग को भेजे शिकायत में यह भी कहा है कि जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश विगत वर्षों में अनेक बार यहां से अनियंत्रित स्थानांतरित होने के बाद भी कुछ माह बाद ही पुनः बिलासपुर में विगत कई वर्षों से पदस्थ रहते हुए अनेक वित्तीय अनियमितताएं की जाकर भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से संलिप्त हैं उनके समस्त कार्यकाल का उनके कार्यालय के साथ साथ उनके अधीनस्थ समस्त आहरण अधिकारी परियोजना अधिकारियों का वितरण एवं वित्तीय आहरण एवं वाउचर की सूक्ष्म एवं निष्पक्ष ऑडिट तथा जांच कराए जाने पर अनेक अनेक वित्तीय घोटाले प्रकाश में आने की पूर्ण संभावना है जिसमें करोड़ों का भ्रष्टाचार उजागर होना निश्चित है।परियोजना अधिकारी रीना बाजपेई के प्रकरण का उल्लेख करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा कि यदि कोनी के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के शिकायतों की जांच सही पाई गई और प्रथम दृष्टया श्रीमती बाजपेई को आचरण नियमों के विपरीत पाया गया तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव प्रावधानों के तहत नहीं कि जाकर 89 वहां बाद बिना कोई नियमानुसार कार्यवाही के उन्हें उसी पद पर मौखिक बहाली कर आठ नौ माह का वेतन नियमित रूप से आरण एवं भुगतान बिना कोई कर्तव्य के ही किया जाना संदेहास्पद है ऐसा स्पष्ट है कि बिना कोई वरिष्ठ अधिकारी की जानकारी के उन्हें पद से अलग रखते हुए बिना शासकीय कर्तव्य अथवा आठ नौ माह की अवधि का अवकाश नियम अनुसार सक्षम अधिकारी के निराकरण आदेश के बिना ही आपसी सांठगांठ एवं लेनदेन कर पूरा वेतन कारण एवं भुगतान किया जा कर उसी पद पर पदस्थ किए जाने से भ्रष्टाचार होने की पुष्टि होती है। पद से हटाने के बाद बिना कोई यथोचित अनुशासनात्मक कार्रवाई आदेश की प्रतिस्थापित कर पूर्ण कर्तव्य अवधि कैसे माना जाकर प्रकरण का निराकरण हुआ यह अपने आप में प्रश्न है इसलिए विस्तृत जांच प्रार्थी के समक्ष में कराई जा कर समुचित कार्यवाही के लिए संबंधित सभी दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की अपेक्षा के साथ यह शिकायत पत्र भेजा जा रहा है।