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April 8, 2025 10:38 pm

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प्रवासी ईट भट्टा मजदूर सम्मेलन में बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी के उन्मूलन की मांग जोर शोर से उठी

बिलासपुर ।. जांजगीर चांपा जिले के शिवरीनारायण में 6 सितम्बर को ईंट भट्टों में काम करने के लिए हर साल राज्य से पलायन करने वाले मजदूरों का राज्य स्तरीय सम्मलेन आयोजित किया गया. सम्मलेन का उद्देश्य था ईंट भट्टा मजदूरो को संगठित करना व उनके अधिकारों की प्राप्ति हेतु उनके संघर्ष को आगे बढ़ाना.।. यह सम्मलेन छत्तीसगढ़ में काम कर रहे मजदूर संगठन छत्तीसगढ़िया बनिहार संघ, छत्तीसगढ़ ईंट भट्टा मजदुर संघ व् लोक सिरजनहार यूनियन द्वारा साझा रूप से आयोजित किया गया। सम्मलेन में जांजगीर चाम्पा, बिलासपुर, बलोदा बाज़ार, महासमंद, और रायगढ़ जिलों के लगभग 700 मजदूर शामिल हुए. सम्मलेन की खास बात बड़ी संख्या में महिला मजदूरों की भागीदारी थी. इस सम्मेलन में पंजाब, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा व् छत्तीसगढ़ में काम कर रहे मजदुर संगठनो के पदाधिकारी भी शामिल हुए। सम्मेलन की अध्यक्षता लोक सिर्जनहार यूनियन के अध्यक्ष सुबोध लखन ने की. अन्य प्रमुख वक्ता थे पठानकोट पंजाब की लाल झंडा यूनियन के सचिव कामरेड शिव कुमार, राष्ट्रीय ईंट भट्टा मजदूर संघर्ष समिति के संयोजक सुधीर कटियार, राजस्थान प्रदेश ईंट भट्टा मजदुर यूनियन के संयोजक मदन वैष्णव, श्रमिक अधिकार मंच बलांगीर ओड़िसा के त्रिलोचन पूंजी तथा एक्टिविस्ट जगदीश देवांगन तथा आयोजक यूनियन के प्रमुख पदाधिकारी.

समेलन में वक्ताओं ने ईंट भट्टा मजदूरों के शोषण की जानकारी दी. वक्ताओं ने मजदूरों को संगठित होकर अपने हकों के लिए संघर्ष करने का आव्हान किया. कई भट्टा मजदूरों ने अपनी कार्य परिस्थिति बताई की कैसे उन्हें रात दिन काम करना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के हजारो ईंट भट्टा मजदूर प्रति वर्ष भारत के आलग अलग राज्यों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, गुजरात, जम्मू कश्मीर, झारखण्ड, महाराष्ट्र व ओडिशा राज्यों में दलालों- सरदारों व् बिचोलियों द्वारा प्रशासनिक मिलीभगत के माध्यम से काम पर ले जाए जाते है। इन मजदूरो को कर्ज के चंगुल में फसा कर दुसरे राज्यों में काम पर ले जाने का बड़ा व्यसाय बन चूका है जो पूरा कमीशन पर आधारित है । इस पुरे मानव व्यापर व्यवसाय में बड़े बड़े स्थानीय व्यवसायी शामिल हैं जो कर्जा, एडवांस व दादन देकर मजदूरो को गुलाम की तरह अपनी निजी सम्पति मानते है । देश के ईंट भट्टो में मजदूरो से गुलामो की तरह काम करवाया जाता है, वहां मजदूरों बहुत ही कम सुविधाए दी जाती हैं । सभी मजदुर ओर उनके बच्चे मजदूरी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा आदि से वंचित है ।
सम्मेलन के अंत में रामेश्वर कुरे ने राज्य सरकार को सौंपे जाने वाले ज्ञापन को प्रस्तुत किया. पूरी सभा ने ज्ञापन को अपनी मंजूरी दी. सभा का सञ्चालन वीरेंदर भरद्वाज और डोलोमनी बाघ द्वारा किया गया. ज्ञापन की प्रमुख मांगे निम्न हैं.

  1. प्रशासन द्वारा मजदूरों के पलायन को निगमित करने के लिए महाराष्ट्र के माथाडी बोर्ड की तर्ज पर श्रमिक विनिमय केंद्र labour exchange की स्थापना की जाए.
  2. भट्टा मजदूरो की मानव तस्करी में संलग्न मानव तस्करों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय
  3. छत्तीसगढ़ राज्य को एक राष्ट्र एक राशन कार्ड योजना योजना से जोड़ा जाए ताकि प्रवासी श्रमिक प्रवास के समय सस्ता राशन प्राप्त कर चुके हैं
  4. भट्टो में पीस रेट के स्थान पर दैनिक मजदूरी दी जाय. न्यूनतम वेतन रु 18,000/ घोषित हो.
  5. भट्टों में मजदूरी का नियमित भुगतान किया जाए, सभी श्रम कानूनों का पालन किया जाए, भट्टों को फैक्ट्री एक्ट में सम्मिलित किया जाय.
  6. भट्टों में सामाजिक सुविधाएँ जैसे शिक्षा, स्वास्थय, आंगनवाडी की सुविधाएँ प्रदान की जाए.
  7. छत्तीसगढ़ प्रशासन द्वारा प्रवासी श्रमिको की मदद के लिए एक हेल्पलाइन और सहायता केंद्र स्थापित किया जाय.

निवेदक संगठन
रामेश्वर कुर्रे, महासचिव, छत्तीसगढ़िया बनिहार संघ 789859296विष्णु बंजारा महासचिव, छत्तीसगढ़ ईंट भट्टा मजदुरसंघ9584553058
वीरेन्द्र भारद्वाज, महासचिव, लोक सिरजनहार यूनियन, 8717834059,मदन वैष्णव सहायक संयोजक, राष्ट्रीय ईंट भट्टा मजदूर संघर्ष समिति 9414296573

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