Explore

Search

November 21, 2024 5:40 am

Our Social Media:

प्रसिद्ध थियेटर आर्टिस्ट डा फिरदौस ने डा आनंद कश्यप लिखित उपन्यास*गांधी चौक*के समीक्षा कार्यक्रम में शामिल हुए

बिलासपुर । प्रसिद्ध थिएटर आर्टिस्ट डॉक्टर फिरदौस जो मशहूर फिल्म एक्टर बोमन ईरानी के भाई है ,आज बिलासपुर पहुंचे ।वे डा आनंद कश्यप द्वारा लिखित उपन्यास *गांधी चौक* की समीक्षा कार्यक्रम में शामिल होने आए है । इस उपन्यास की समीक्षा “पायनियर”और हिंदुस्तान टाइम्स जैसे राष्ट्रीय अखबारों ने करते हुए संपादकीय भी लिखा है ।

,प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए डा फिरदौस ने कहा स्ट्रगल के बिना जीवन में मजा नहीं है और हर किसी को किसी न किसी तरह स्ट्रगल करना ही पड़ता है। व्यक्ति को छोटा झरना के समान होना चाहिए ना कि बड़ा समुद्र की तरह क्योंकि समुद्र बड़ा होने के बाद भी उस का जल खारा होता है। उन्होंने गांधी चौक उपन्यास की चर्चा करते हुए कहा कि उपन्यास के लेखक डॉक्टर आनंद कश्यप बहुमुखी प्रतिभा के धनी है। वे छोटे से कस्बे से निकलकर गांधी चौक उपन्यास को व्यापक रूप से स्थापित किया है।

बिलासपुर के गांधी चौक में तैयारी करने वाले बच्चों पर आधारित यह उपन्यास प्रतियोगियों के विभिन्न रंगों को जैसे संघर्ष ,समर्पण और सफलता को दिखाया है। इस उपन्यास में भीष्म सिंह का किरदार सजीव हो उठा है। ऐसा लगता है मानो कोई बड़ा भाई हमें पढ़ने के लिए प्रेरित करता हो ।यह उपन्यास दो भाषाओं में प्रकाशित किया गया है ।हिंदी वर्जन हिंद युगम से और इसका अंग्रेजी वर्जन ब्लू डायमंड से प्रकाशित है ।इस उपन्यास का लगभग 60 से भी अधिक रिव्यू आ चुका है जिसमें प्रमुख डा जश किरण चोपड़ा जो हिंदुस्तान टाइम्स और पायनियर जैसे अखबारों के लिए लिखते हैं उन्होंने भी इस उपन्यास की समीक्षा लिखी है ।उसी तरह बॉलीवुड स्क्रिप्ट राइटर राशिद दमोही ने भी समीक्षा लिखी है ।मुंबई से चलकर यहां इसलिए आयाहूँ ताकि आनंद कश्यप जैसे न्यू लेखकों को प्रोत्साहन मिले । गांधी चौक उपन्यास पर एक लघु फिल्म विचाराधीन है आनंद कश्यप शहर के लिए साहित्य का हीरा है इस पर गर्व महसूस करना चाहिए। डा आनंद कश्यप ने उपन्यास गांधी चौक के माध्यम से बिलासपुर के गांधी चौक को संपूर्ण भारत में मशहूर कर दिया । यह उपन्यास समाज के सभी बिंदुओं पर केंद्रित है। छत्तीसगढ़ राज्य सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं की महत्वाकांक्षा उनके संघर्ष और समाज के सहयोग तथा सहयोग जैसे बिंदुओं पर केंद्रित है किंतु यह सभी बिंदु काल्पनिक नहीं बल्कि अनुभव और सत्यता पर आधारित है। इस सत्यता को कोई भी व्यक्ति गांधी चौक जाकर स्वयं महसूस कर सकता है। गांधी चौक उपन्यास को प्रकाशित हुए कुछ ही दिन हुए हैं फिर भी इतनी अल्पावधि में इस उपन्यास में पाठकों और साहित्यकारों के बीच अपनी जगह बनाई है। संपूर्ण भारत के श्रेष्ठ शिक्षकों के द्वारा इस पुस्तक की समीक्षा की जा रही है। जिसमें सहायक प्राध्यापक यशपाल जंघेल ने भी इसे प्रतियोगी छात्रों के लिए गीता समान, प्रदीप निर्णेजक ने इसकी तुलना गोदान से जबकि सहायक अध्यापक अंकित भोई ने इसकी तुलना डार्क हॉर्स से किया है। प्रसिद्ध उपन्यासकार दिव्य प्रकाश दुबे ने अपने पेज से गांधी चौक उपन्यास के लेखक को स्नेह दिया है ।युवा साहित्य अकादमी प्राप्त नीलोत्पल मृणाल ने भी इसे आशीर्वाद दिया है ।उपन्यास के लेखक डॉक्टर आनंद कश्यप का मानना है कि मैं पटवारी सहायक शिक्षक सहायक प्राध्यापक आदि की तैयारी के लिए काफी मेहनत की 15 साल तक गांधी चौक में किराए के मकान में लेकर रहते हुए मेहनत की असफलता कुंठा हताशा और निराशा का सम्मिश्रण तथा अनुभव को सागर है यह उपन्यास गांधी चौक युवा वर्ग को मोटिवेट करने वाला भी है जिसे लिखने में 6 माह लगे।

Next Post

स्मार्ट सिटी के पैसों की हो रही बंदरबांट,भाजपा ऐसे चेहरों को बेनकाब करेगी

Sun Sep 12 , 2021
बिलासपुर। स्मार्ट सिटी के पैसो की हो रही बंदरबांट को लेकर भारतीय जनता पार्टी शिकायत कर चेहरा किया जाएगा बेनकाब, उक्त बाते पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा वार्डो की मूलभूत समस्याओं को लेकर चलाए जा रहे वार्ड स्तरीय धरना प्रदर्शन के दौरान कही।श्री अग्रवाल ने शासन […]

You May Like