बिलासपुर ।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन और बिलासपुर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष में जो फेर बदल किया है उसके कई मायने निकाले जा रहे है ।कहने को तो एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का हवाला दे एक से अधिक पद पर बैठे नेताओ को पद मुक्त किया जाना और सामान्य प्रक्रिया कहा जा रहा है लेकिन इस बदलाव को छत्तीसगढ़ में सत्ता और संगठन को लेकर जो कुछ भी आपाधापी मची है उससे जोड़कर देखा जा रहा है ।संगठन में बदलाव का असर बिलासपुर में भी पड़ा है ।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव और शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद नायक की जगह श्रीमती वाणी राव को प्रदेश उपाध्यक्ष और विजय पाण्डेय को शहर अध्यक्ष बनाए जाने से गुटीय समीकरण में भी बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है ।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव को भूपेश सरकार द्वारा पर्यटन विकास मंडल का चेयर मैन और शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद नायक को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही यह निश्चित हो गया था कि दोनो को संगठन के पदों के दायित्व से मुक्त कर दिया जायेगा लेकिन दोनो के स्थान पर नई नियुक्तियों के समय को लेकर बड़ी चर्चाएं है । प्रदेश के मुख्यमंत्री बदले जाने की चर्चा तो पिछले कुछ महीने से लगातार चल रही है लेकिन विधायको के दिल्ली दौरे से लोगो के मन में कई तरह के प्रश्न उठ रहे है इसी बीच अटल श्रीवास्तव की जगह श्रीमती वाणी राव को प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रमोद नायक की जगह विजय पाण्डेय को शहर अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा को लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई है हालांकि पार्टी ने बिलासपुर में दो अनुभवी लोगो को बड़ी जिम्मेदारी दी है और दोनो की नियुक्ति का पार्टी कार्यकर्ता जोरदार स्वागत कर रहे है और कांग्रेस संगठन को मजबूती देने वाला निर्णय बता रहे है ।
पिछले दो साल के अंदर बिलासपुर जिले में कांग्रेस संगठन में रार और तकरार बढ़ी है । कई गुट हो गए है ।खींचा तानी भी चल रही है लेकिन पूर्व में भी शहर कांग्रेस का अध्यक्ष रह चुके विजय पाण्डेय को संगठन चलाने का अच्छा अनुभव है इसी तरह श्रीमती वाणी राव महापौर के साथ ही महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन्हें भी संगठन में काम करने का प्रदीर्घ अनुभव है । आगामी विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर रखते हुए इन दोनो की नियुक्ति काफी महत्वपूर्ण है । कांग्रेस में वर्तमान जिस तरह से संगठन में फेरबदल किया उससे सर्वाधिक प्रभावित बिलासपुर संभाग हुआ। बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा के शहर अध्यक्ष बदल दिए गए। बिलासपुर में विजय पांडेय ने प्रमोद नायक का , जांजगीर में रागवेंद्र सिंह ने चोलेश्वर चंद्राकर का स्थान लेंगे तो सुरेंद्र जायसवाल कोरबा ग्रामीण के अध्यक्ष बना दिए गए है । कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी द्वारा किए गए फेरबदल का सबसे बड़ा असर बिलासपुर में पड़ा है ।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रबल समर्थक अटल श्रीवास्तव को संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है और वाणी राव को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है । बिलासपुर जिले में वैसे भी कांग्रेस कमजोर है ।चुनाव के दौरान कांग्रेस की लहर चलने के बाद भी बिल्हा ,बेलतरा ,मस्तूरी ,कोटा मरवाही विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस को पराजय की पीड़ा झेलनी पड़ी थी हालांकि मरवाही उपचुनाव में काग्रेस को जीत मिली मगर जिले में कांग्रेस कमजोर होने की जिम्मेदारी से पार्टी संगठन के पदाधिकारी मुक्त नहीं हो सकते ।
संगठन में जिस तरह का बदलाव हुआ उससे बिलासपुर में कांग्रेस की राजनीति में निश्चित ही नये समीकरण बनेंगे । ऐसा लगता है कि एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला इसी तरह चला तो जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष पद से विजय केसरवानी की भी छुट्टी तय है क्योंकि अभी वे वार्ड नंबर 53 से पार्षद और एमआईसी सदस्य भी हैं । केशरवानी के खिलाफ प्रदेश संगठन तक कई शिकायते पहुंची है देर सबेर विजय केशरवानी को भी जिला अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा और उनकी जगह पार्टी के किसी पिछड़ा वर्ग को यह जिम्मेदारी दी जाएगी । शहर अध्यक्ष के पद पर रहते हुए आखिरी समय में विवादास्पद प्रस्ताव पारित करवा कर प्रमोद नायक ने गुटीय विवाद को हवा देने का काम किया ।शहर अध्यक्ष पद पर प्रमोद नायक की विदाई तय थी किंतु शहर विधायक शैलेश पांडेय को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव एआईसीसी और पीसीसी के पास भेजना उन्हें ज्यादा भारी पड़ गया ।
इस बार शहर अध्यक्ष के लिए बेहद परिपक्व अनुभवी विजय पांडेय की नियुक्ति की गई है ।श्री पाण्डेय पूर्व में भी शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी बिना किसी गुटीय विवाद के बखूबी निभा चुके हैं जिन वर्षों में विजय पांडेय शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे उसी समय स्थानीय निकायो के। चुनाव में नगर निगम महापौर चुनाव के लिए श्रीमती वाणी राव को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थीऔर बिलासपुर में अमर अग्रवाल न केवल नगरीय निकाय मंत्री थे बल्कि वित्त और आबकारी विभाग भी उन्हीं के पास था। उन्होंने महापौर पद के लिए पूर्व महापौर स्व. अशोक पिगले की बहन को भाजपा टिकट दिलाया था किंतु सत्ता में रहते हुए भी बीजेपी का प्रत्याशी महापौर चुनाव नहीं जीत सकी तब ऐसा माना जाता था कि शहर अध्यक्ष विजय पांडेय और श्रीमती वाणी राव की सधी हुई रणनीति ने तत्कालीन कद्दावर मंत्री अमर अग्रवाल को शिकस्त देने में सफलता मिली थी ।
वाणी राव को काफी दिनों बाद पीसीसी में बड़ा पद मिला है।अब कांग्रेस संगठन को बिना गुटीय विवाद के चलाने और आगे बढ़ाने तथा पुराने और उपेक्षित कार्यकर्ताओं को खबर लेकर उन्हें साथ जोड़ने की महती जिम्मेदारी श्रीमती वाणी राव और विजय पांडेय को मिली है जिसमे उन्हे खरा उतरना होगा ।