बिलासपुर ।लगभग डेढ़ दशक तक बिलासपुर में जिला कार्यक्रम अधिकारी के पद पर रहते हुए गड़बड़ियों का रिकार्ड कायम कर चुके सुरेश सिंह के साथ ही काम करने वाली जिला महिला एवम बाल विकास अधिकारी श्रीमती नेहा राठिया का चयन उप कुलसचिव के पद पर हो गया है और वे निश्चित ही महिला एवम बाल विकास विभाग की नौकरी छोड नई नौकरी ज्वाइन कर लेंगी मगर बड़ा सवाल यह कि उनके ऊपर लगे गंभीर आर्थिक गड़बड़ियों का क्या होगा ?कायदे से उनके खिलाफ गंभीर शिकायतो की जांच होनी चाहिए और जांच रिपोर्ट आते तक उनका नौकरी से इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए ।
बिलासपुर में डेढ़ दशक तक नौकरी कर आर्थिक गड़बड़ी के अनेक आरोप झेलने का रिकार्ड बना चुके सुरेश सिंह का दो माह पूर्व एक झटके में सुकमा तबादला कर दिया गया लेकिन अभी भी उन्होंने सुकमा में पदभार ग्रहण नही किया है ।मेडिकल रिपोर्ट की आड़ में वे अपना तबादला रुकवाने अभी भी भरसक कोशिश में लगे हुए है ।सुरेश सिंह के साथ ही महिला एवम बाल विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत श्रीमती नेहा राठिया के खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत पर विभाग ने अभी जांच का निर्णय नही लिया है लेकिन अब जबकि नेहा राठिया का चयन उप कुल सचिव के पद पर हों चुका है इसलिए यह जरुरी हो गया है कि नई नौकरी का वे पदभार ग्रहण करे इसके पहले उनके खिलाफ लगे तमाम आरोपों की जांच हो ।
मुख्यमंत्री ,सचिव महिला एवम बाल विकास विभाग को किए गए शिकायत में कहा गया है कि बिलासपुर जिले में संचालित शासकीय बाल संप्रेषण गृह प्लेस ऑफ सेफ्टी एवं विशेष गृह में वित्तीय अधीक्षक श्रीमती नेहा राठिया जिला महिला बाल विकास अधिकारी एवं प्रभारी अधीक्षक राहुल पवार के द्वारा संस्थाओं के उपयोग हेतु टी वी फ्रिज कूलर गद्दा पलंग की खरीदारी सुधा सेल्स से अधिक दाम में लिया गया है जिसका बिल वाउचर देखा जा सकता है।संस्था में दैनिक उपयोग की वस्तुएं जैसे फिनाइल,एसिड हार्पिक झाड़ू मंजन साबुन तेल निरमा, सीनेटाइजर मास्क आदि की खरीदारी एस एस संस और माधव ट्रेडर्स से विगत 2 वर्ष में लगभग 8 लाख की खरीदी की गई है मगर इस नाम की कोई दुकान बिलासपुर में नही है और बिना सत्यापन किए श्रीमती नेहा राठिया के द्वारा भुगतान किया गया है इसकी भी पुष्टि बिल वाउचर देख कर किया जा सकता है। संस्था में निवासरत बालको के लिए भोजन हेतु राशन सामग्री एवम फलसब्जी हिमांशु ट्रेडर्स से बाजार मूल्य से अधिक कीमत परबिना टेंडर इस फर्म से पिछले वर्ष में 28 लाख रुपए का भुगतान किया गया है।बाल संप्रेषण गृह के मरम्मत और सुधार कार्य के लिए शासन द्वारा दिया गया थाजीसे लोनिवि या आर ई एस से कराया जाना था लेकिन बिना टेंडर के इन दोनो अधिकारियों प्रभारी अधीक्षक राहुल पवार और नेहा राठिया महिला एवम बाल विकास अधिकारी द्वारा कूट रचना कर निजी ठेकेदार संतोष से कराया गया जिसके एवज में 40 फीसदी कमीशन लिया गया है इसकी देखरेख एवम निरीक्षण का जिम्मा राहुल पवार को दिया गया था जो अलग से 30 प्रतिशत लेकर काम में लीपापोती किया गया है ।
संस्था में बंद आरोपी बच्चो के माता पिता को डरा धमका कर और जमानत दिलाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है।पैसे नही देने पर बच्चो के साथ मारपीट की जाती है।राहुल पवार को नेहा राठिया द्वारा खुला संरक्षण दिया गया है।बालिका गृह सरकंडा की अधीक्षक ममता तिवारी पिछले 18वर्षों से यही पदस्थ है और भ्रष्ट्राचार की सीमा पार करते हुए शासन द्वारा बालिका गृह के संचालन के लिए दिए गए डेढ़ करोड़ रुपए की सामग्री क्रय करने के नाम पर सिर्फ बिल वाउचर लगाया गया है।बच्चो के कपड़े की खरीदारी वर्मा क्लाथ सेंटर से की जाती है।जिस कपड़े का दम 200 रुपए है उसका बिल 800 का प्रस्तुत किया जाता है।बच्चो की दवाई का बिल बिना डॉक्टर के सलाह के गुप्ता मेडिकल स्टोर्स सरकंडा का लगाया जाता है।शिकायत में नेहा राठिया के संरक्षण में राहुल पवार ,ममता तिवारी तीनो मिलकर 2 वर्ष में 2 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी करने और व्यापक आर्थिक भ्रष्ट्राचार करने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की गई है ।अब जबकि नेहा राठिया का चयन उप कुलसचिव के पद पर हो गया है तो वे इसके पहले कि महिला एवम बाल विकास विभाग की नौकरी से इस्तीफा दे पूरे शिकायतो की निष्पक्षता से जांच तो बनती है और नए पद पर ज्वाइन करने के लिए उनका नौकरी से स्तीफा तब तक स्वीकार न किया जब तक जांच की रिपोर्ट न आ जाए ।