
बिलासपुर । राज्य शासन द्वारा 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू करने की घोषणा की है इसके लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंको एवं सहकारी समितियो में धान खरीदी के लिए तैयारी शुरू कर दी गई थी इसी बीच सहकारी समितियों के प्रबंधक व कर्मचारियों ने अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है इससे धान खरीदी की तैयारी में निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
बिलासपुर जिले में करीब 99 सहकारी समितियां है जिसमें प्रत्येक में एक प्रबंधक और औसतन 4 कर्मचारी कार्यरत है लेकिन जिला सहकारी केंद्रीय बैंको ने इन्हें अपना कर्मचारी नहीं माना ।शासकीय कर्मचारियों की तरह सहकारी समितियों के कर्मचारियों को भी मानने तथा उसी के अनुरूप वेतन व अन्य भत्ता सुविधाएं देने की मांग हर वर्ष धान खरीदी शुरू होने के पहले सहकारी समितियो के कर्मचारी पिछले कई वर्षों से मांग करते आ रहे हैं लेकिन उनकी मांग कभी पूरी नहीं हुई ।इस बार सहकारी समितियो के कर्मचारियों ने 5 सूत्री मांगों को लेकर आज से हड़ताल शुरू की है ।उनकी मांगे हैं धान परिवहन देरी से होने के कारण धान में आ रही सुखत व अतिरिक्त खर्चों की राशि समितियों को देते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय में बढ़ोतरी की जाए ।वेतन अनुदान देते हुए शासकीय कर्मचारियों की भांति नियमित कर वेतनमान दी जाए ।जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के खाली पदों पर सहकारी समितियों के कार्यरत कर्मचारियों को शत प्रतिशत सहयोग करते हुए उम्र बंधन व योग्यता में शिथिलता देते हुए बैंकों में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक लगाई जाए। सेवा नियम 2018 में संघ के मांग के अनुसार आंशिक संशोधन तत्काल किया जाए तथा खरीफ वर्ष 2021-22 धान खरीदी नीति व परिवहन नीति में संघ के मांग केअनुसार करते हुए नीति निर्धारण में संघ के प्रतिनिधि मंडल को भी शामिल किया जाए। उपरोक्त मांगों को लेकर सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल का आज पहला दिन था जिस पर अभी तक सहकारी बैंकों एवं राज्य शासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। हड़ताल अनिश्चितकालीन है इसलिए हड़ताली कर्मियों से बातचीत का रास्ता खोलने में कुछ दिन अवश्य लग सकता है। /विक्रम सिंह ठाकुर /