बिलासपुर । जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर में किसानों के नाम ए टी एम जारी कर उनके खाते से बैंक कर्मियों द्वारा निकाले गए 8 लाख रुपए के मामले पुलिस की जांच ,8 कर्मचारियों का निलंबन और दोषी महिला कर्मचारी के विरुद्ध अब तक कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रभात मिश्रा से विस्तार से बात हुई तो उन्होंने स्वीकार किया कि इस मामले में बैंक की ओर से पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है । पुलिस ने पीड़ित किसानों की रिपोर्ट पर जांच की है ।
*मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री मिश्रा ने यह भी स्वीकार किया कि बैंक में वित्तीय गड़बड़ी के मामलों में बैंक प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य होता है रकम की भरपाई जल्द से जल्द हो ।पुलिस में मामला जाने पर जांच और कोर्ट की कार्रवाई में वर्षों लग लग जाते है और बैंक की रकम जाम हो जाती है इसलिए बैंक की रकम वक्त पर जमा हो जाए इस उद्देश्य से आरोपी कर्मचारियों को कार्रवाई की चेतावनी देते हुए किश्तों में भी रकम जमा करने की हिदायत दी जाती है ।रकम जमा हो जाने के बाद निलंबन और एक दो वेतन वृद्धि रोक दी जाती है ।
उन्होंने कहा कि बैंक में ए टी एम फ्राड का मामला उनके पदभार ग्रहण करने के पहले का है इसके बारे में पूरी जानकारी उन्हे नही है ।ए टी एम द्वारा किसानों के खाते से राशि निकाले जाने की जानकारी उन्हे जरूर मिली है ।तब तत्कालीन सी ई ओ ने 8 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था ।उन्होंने कहा इस तरह के बैंक फ्राड में एक से अधिक लोग होते है क्योंकि एक कर्मचारी इतना सब कुछ नही कर सकता इसलिए 8 कर्मी निलंबित किए गए है ।पुलिस की जांच रिपोर्ट मिल जाए तो मुख्य आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही निलंबित कर्मियों को कुछ सजा के साथ बहाल कर दिया जाएगा लेकिन यह भी देखा जायेगा कि पूरे मामले में किस किस कर्मचारियों की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संलिप्तता रही है ।
श्री मिश्रा ने कहा कि जिन किसानों के खाते से रकम निकाली गई थी उन किसानों को निकाली गई राशि का भुगतान बैंक द्वारा बैंक को होने वाले लाभ की राशि में कर दी गई है लेकिन बैंक में उक्त राशि दोषियों द्वारा जमा करवाना अनिवार्य है ।