नगर विधायक शैलेष पांडेय ने एक बार फिर सिम्स की ओर राज्य सरकार का ध्यानाकर्षण कराया है। उन्होंने पूछा कि सिम्स में स्थापित सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन से कितने मरीजों को लाभान्वित किया गया है। इसके लिए उन्होंने माह वार जानकारी मांगी। सवाल के जवाब में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि बिलासपुर के सिम्स में स्थापित सिटी स्कैन और एमआरआई मशीन से फरवरी 2021 से जनवरी 2022 तक 5570 मरीजों की जांच की गई है।
माहवार जानकारी निम्नानुसार है :-
*फरवरी 2021 सिटी स्कैन 171 एमआरआई 35
*मार्च 2021 सिटी स्कैन 572 एमआरआई 85
*अप्रैल 2021 सिटी स्कैन 284 एमआरआई 42
*मई 2021 सिटी स्कैन 308 एमआरआई 39
*जून 2021 सिटी स्कैन 453 एमआरआई 94
*जुलाई 2021 सिटी स्कैन 507 एमआरआई 126
*अगस्त 2021 सिटी स्कैन 548 एमआरआई 96
*सितंबर 2021 सिटी स्कैन 376 एमआरआई 74
*अक्टूबर 2021 सिटी स्कैन 204 एमआरआई 77
*नवंबर 2021 सिटी स्कैन 495 एमआरआई 93
*दिसंबर 2021 सिटी स्कैन 477 एमआरआई 108
*जनवरी 2022सिटी स्कैन 206 एमआरआई 100
*** बिलासपुर में जुलाई माह से शुरू हो सकता है 300 बिस्तरों वाला सुपर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल
स्वास्थ्य मंत्री ने विधायक पांडेय को सदन में दिया जवाब – – 200 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है हास्पिटल
न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस (कार्डियो थोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी), नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, से संबंधित बीमारियों का किया जाएगा ईलाज
नगर विधायक के प्रयास से बिलासपुर वासियों को छत्तीसगढ़ के सबसे अत्याधुनिक अस्पताल की मिलेगी सौगात
बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में नगर विधायक शैलेश पांडेय ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी एस सिंहदेव से कोनी में निर्माणाधीन सिम्स के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संदर्भ में प्रश्न किया, स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव ने सदन में बताया कि बिलासपुर के कोनी में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल वर्तमान में निर्माणाधीन है निर्माण एजेंसी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग बिलासपुर के अनुसार एच.एल.एल इंफ्रा सर्विस लिमिटेड (एच.आई.टी.ई.एस) के द्वारा किए जाने वाले सिविल कार्य यदि 31 अप्रैल 2022 तक पूर्ण हो जाते हैं तब की स्थिति में 2 माह के पश्चात निर्माण कार्य पूर्ण होना संभावित है इस मल्टी लेवल हॉस्पिटल की लागत 200 करोड रुपए है। हॉस्पिटल का निर्माण पूर्ण होते ही निर्माण एजेंसी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग बिलासपुर से भवन आधिपत्य प्राप्त होने के पश्चात प्रारंभ होगा।
यहां न्यूरोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस (कार्डियो थोरैसिक वैस्कुलर सर्जरी) नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियों का उपचार किया जाएगा। 300 बिस्तरों की क्षमता वाला अस्पताल निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा और जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।
नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान सिम्स में सभी तरह के बेसिक इलाज की सुविधा उपलब्ध है लेकिन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनने से कम खर्च में अधिक सुविधा मिलेगी। एक ही परिसर में सब कुछ रहेगा कोनी में शासन ने सिम्स को 50 एकड़ जमीन दी है। इसमें से 10 एकड़ में राज्य के प्रथम कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण किया जाएगा। इसी परिसर में से 40 एकड़ भूमि पर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल व अन्य जरूरी इकाइयां रहेंगी। हार्ट, कैंसर सहित सभी गंभीर बीमारियों के लिए तैयार हो रहा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, इमरजेंसी सुविधा भी रहेगी
यह विभाग संचालित होंगे
हृदय रोग से संबंधित समस्य मेडिसिन व शल्य क्रियाएं(कार्डियोलॉजी विभाग एवं कार्डियो थोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग)
किडनी रोग से संबंधित समस्त मेडिसिन एवं शल्य क्रियाएं(नेफ्रोलॉजी विभाग एवं यूरोलॉजी विभाग)
मस्तिष्क रोग से संबंधित मेडिसिन एवं शल्य क्रियाएं(न्यूरोलॉजी विभाग एवं न्यूरोसर्जरी विभाग)
छत्तीसगढ़ का दूसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कोनी में बन रहा है। 44.58 एकड़ में बन रहे अस्पताल में राज्य कैंसर संस्थान, ट्रामा सेंटर, बर्न सेंटर, नवीन सिम्स छात्रावास, डॉक्टरों और स्टाफ के लिए आवास सहित अन्य सुविधाएं मिलेंगी। अस्पताल में अधिकतर निर्माण पूरे हो चुके हैं। बचे काम जल्द ही पूरे होने की संभावना है। यूं तो अस्पताल को फरवरी 2020 तक पूरा करना था लेकिन कोरोना महामारी में यह प्रोजेक्ट लेट हो गया। लेकिन दावा है कि 12 मंजिल के इस अस्पताल का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके शुरू होने से बिलासपुर सहित पूरे प्रदेश और देशभर के लोगों को सरकारी दर पर बेहतर इलाज मिलेगा।
नगर विधायक शैलेष पाण्डेय ने बताया कि रायपुर के डीकेएस मल्टी-स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बाद बिलासपुर में राज्य का दूसरा शासकीय मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है। यह सिम्स से बिल्कुल अलग है। इस हॉस्पिटल में ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन चिकित्सा के अलावा गहन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। यहां बिलासपुर संभाग के अलावा छत्तीसगढ़ और देशभर के मरीजों को सरकारी दरों में स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी कोर्सेस की पढ़ाई शुरू होगी। इससे राज्य में सुपर स्पेशिलिटी डॉक्टरों की कमी दूर होगी।