बिलासपुर । एनटीपीसी सीपत परियोजना द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में 24 मार्च 2022 तक सीपत विद्युत गृह द्वारा 81. 58% पीएलएफ पर 20 887.2 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर पूरे एनटीपीसी में चौथा और पीएलएफ के मामले में छठा स्थान हासिल किया है । वर्ष 2020 21 के लिए एनटीपीसी सीपत को पूरे एनटीपीसी में निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर प्रथम स्थान घोषित किया गया है। वर्तमान में सीपत एनटीपीसी को दीपक आ कोयला खदान से कोयले की आपूर्ति होती है और अभी हमारे यहां 13 दिन का कोयला स्टॉक में है अगर कोयले की किल्लत होती है तो अन्य खदानों से भी कोयला लेने के लिए प्रयास किया जाएगा।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए एनटीपीसी सीपत परियोजना के महाप्रबंधक घनश्याम प्रजापति ने आज पत्रकारों को बताया कि सीपत परियोजना द्वारा उत्पादित बिजली 82% गुजरात 27% महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ को 16, 16 प्रतिशत आपूर्ति की जाती है यहां से गोवा दमन दीव को भी बिजली की आपूर्ति की जाती है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक 11 लाख से भी ज्यादा पौधरोपण किया जा चुका है और इस वर्ष 52000 पेड़ लगाए जाएंगे ।पौधरोपण का सर्वाइवल रेट 80% है ।उन्होंने पावर प्लांट के रॉक उत्सर्जन को लेकर उठाया जा रहे सवाल पर कहा कि अब प्लांट के अंदर से ही ट्रेन के माध्यम से राख बाहर भेजे जाने का निर्णय लिया गया है। आस-पास के गांव में राख के उड़ने से फसलों की क्षति होने की शिकायतों पर उन्होंने बताया कि टैंकर द्वारा पानी से राख पर सिंचित कर उसे उड़ने से रोकने का प्रयास हमारे द्वारा किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि एनटीपीसी सीपत परियोजना के प्रारंभ होने से लेकर अभी तक प्रभावित ग्रामों के किसानों को मुआवजा के साथ ही उनके परिवार के लोगों को नौकरी देने के प्रश्न पर जिला प्रशासन, प्रभावितों और एनटीपीसी के संयुक्त निर्णय के मुताबिक अभी तक 424 लोगों को नौकरी दी गई है कुल 626 लोगों को नौकरी दिया जाना है जिसमें 41 लोगों को अगले माह समायोजित किया जाएगा वही 154 पद अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व किया गया है।
श्री प्रजापति ने विद्युत उत्पादन को लेकर बताया कि प्रथम चरण की 660 मेगावाट की तीन सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित इकाइयां कुल 1980 मेगा वाट प्रचालन में तथा द्वितीय चरण के 500 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां प्रचलन में है।जिसमे कुल 2980 मेगा वाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है । 68567.18 मेगावाट क्षमता के साथ एनटीपीसी भारत के विकास को गति प्रदान करते हुए विश्व की सबसे बड़ी और सर्वश्रेष्ठ विद्युत कंपनियों में से एक के रूप में उभर कर सामने आया है एनटीपीसी सीपत में व्यवसायिक स्तर पर बायोमास पेलेट्स को फायरिंग प्रारंभ हो चुका है अभी तक 271. 9 मिलियन टन बायोमास उपयोग कर 4.26 लाख यूनिट हरित विद्युत का उत्पादन किया जा चुका है।इससेCO२ का उत्सर्जन387.2 टन कम किया जा चुका है । स्टेज 1 व 2 के सभी यूनिटों में शुष्क राख निकास पद्धति स्थापित किया जा चुका है अब एनटीपीसी सीपत में हंड्रेड प्रतिशत 100% शुष्क राख निकास की कार्य क्षमता है जल उपयोगिता को मापने रियल टाइम डैशबोर्ड लगाए गए हैं एनटीपीसी सीपत की सभी क्षेत्रों में ऊर्जा प्रबंधन पद्धति निर्धारण के लिए आईएसओ 500 01 :2018 सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।
श्री प्रजापति ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में एनटीपीसी सीपत सीएसआर ने पेयजल स्वास्थ्य और स्वच्छता शिक्षा खेल कला और संस्कृति को बढ़ावा देने सहित विषय गत क्षेत्रों पर प्रमुख रूप से अभी तक लगभग 363 करोड रुपए खर्च किए हैं जिसमें उल्लेखनीय कार्य है शासकीय मानसिक स्वास्थ्य अस्पताल सिणधरी बिलासपुर में मरीजों के प्रचार को के लिए अतिरिक्त कक्ष स्थापित करने जिला प्रशासन को सहयोग किया गया इसी तरह साप्ताहिक हाट बाजार में एंबुलेंस की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को मदद किया गया फुटबॉल को बढ़ावा देने छत्तीसगढ़ फुटबॉल एसोसिएशन के साथ मिलकर फुटबॉल कोचिंग कैंप का आयोजन सीखने की स्तर में सुधार लाने हेतु स्कूलों में स्मार्ट क्लास कंप्यूटर की स्थापना शौचालय का निर्माण और रखरखाव ट्राइबल महोत्सव में सहयोग गांव में विकास कार्य तथा सुश्री निशु सिंह को तंजानिया में पर्वत पर चढ़ने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया गया। पर्यावरण पर्यावरण संरक्षण के तहत एनटीपीसी सीपत द्वारा अभी तक 11 लाख से अधिक वृक्षारोपण कराया गया है वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021 22 में 50000 पौधरोपण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य वन विकास निगम को कार्य आदेश दिया गया है तथा पौधरोपण का कार्य चल रहा है इनमें 30,000 पौधरोपण मियावाकी तरीके से कराया जाएगा पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए so2 सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करने के लिए स्टेज 1 यूनिट 3*660 मेगा वाट में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन स्थापना का कार्य तेजी से प्रगति पर है तथा स्टेज 2 यूनिट 2*5००मेगावॉट के लिए कार्य हाल ही में शुरू किया गया है इस दिशा में नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन को निर्धारित सीमा में रखने हेतु यूनिट 1 3 4 तथा 5 में कंबयूशन मोडिफिकेशन का कार्य संपन्न किया जा चुका है तथा यूनिट-2 में भी शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा ।
हाल ही में एनटीपीसी सीपत द्वारा बॉयलर में बायोमास का फायरिंग शुरू किया गया है जिसके फलस्वरूप बायोमास को पर्यावरण अनुकूल तरीके से निपटान करने तथा खुल में जलाने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी।
एनटीपीसी सीपत द्वारा जल संरक्षण हेतु नई तकनीकों एवं उच्च प्रचालन दक्षता के साथ सारे प्रयास किए जा रहे हैं यहां अब लिक्विड डिस्चार्ज 0% है उपयोग किए गए जल का ट्रीटमेंट कर द्वारा उपयोग किया जाता है इस वाटर का पुनर्चक्रण करने से जल संरक्षण में विशेष सफलता प्राप्त हो रहा है राष्ट्रीय स्तर पर हमारे संयंत्र का जल खपत सबसे कम होने के कारण बेस्ट वाटर रीसेंट प्लांट का अवार्ड भी हासिल हुआ है उन्होंने बताया कि एनटीपीसी सीपत ने मिशन एनर्जी फाउंडेशन द्वारा पावर प्लांट पर फार्मर 2021 का पुरस्कार जीता है एनटीपीसी सीपत में ग्रीन इफेक्ट अवार्ड 2021 में जीती है तथा 21 में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार में इकाई का पुरस्कार भी मिला है इसी तरह वाटर सस्टेनेबिलिटी अवार्ड 2021 क्षेत्र में पानी के उपयोग के लिए पुरस्कार एनटीपीसी सीपत ने ही जीता है।