प्रदेश भाजपा संगठन में व्यापक बदलाव किए जाने की खबरों के बीच भाजपा के दिग्गज नेता जयपुर पहुंच गए है ।वहां पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होने वाली है इसी बीच इस बात की व्यापक चर्चा है कि छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन में व्यापक बदलाव होने जा रहा है ।खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन की जिम्मेदारी अब युवाओं और पार्टी के नए चेहरों को सौंपे जाने की बात कही जा रही है।जिसमे बिलासपुर को भी महत्व मिलने की पूरी संभावना है ।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन के बीते तीन साल की गतिविधियों से पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं है । संगठन के कामकाज की समीक्षा में पार्टी नेतृत्व छत्तीसगढ़ में व्यापक बदलाव किए जाने के पक्ष में ताकि विधानसभा चुनाव तक पार्टी की स्थिति बेहतर हो सके । विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और सत्ता चले जाने के बाद भी बीते साढ़े 3 साल में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने ऐसा कोई उल्लेखनीय कार्य या भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ आंदोलन नही किया है जिससे प्रदेश की जनता में भारतीय जनता पार्टी के प्रति सहानुभूति की गुंजाइश नजर आए ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओ के लिए ऐसा कोई मुद्दा नहीं छोड़ रखा हैजिसे लेकर जनता के बीच जाया जा सके और मुद्दे कई है भी सरकार के खिलाफ तो उसे भाजपा नेता प्रदेश की जनता के बीच सही ढंग से नही रख पा रहे है ।
प्रदेश में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के सामने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय की कोई सक्रियता नही दिखाई देती भले ही वे पार्टी संगठन में सक्रिय हों उसके बनिस्बत पार्टी के अन्य पदाधिकारी जरूर कुछ सक्रिय है ।पार्टी की पूरे प्रदेश में हो रही बैठकों से प्रदेश की जनता को कोई मतलब नहीं है ।भाजपा नेताओ,पूर्व मंत्रियों, हारे हुए प्रत्याशियों के साथ ही पार्टी के गिनती के विधायको का सत्ता वाला ठशन अभी भी बरकरार है सत्ता चले जाने का दुख उन्हे नही है ।सत्ता वाला टेंपरा मेंट उनमें अभी भी है ।वे अभी भी जनता से दूर ही हैं जबकि चुनाव को डेढ़ साल भी नही बचा है ।
कुल मिलाकर आज की स्थिति में छत्तीसगढ़ में भाजपा कांग्रेस और भूपेश बघेल की सरकार से टक्कर लेने की स्थिति में नहीं है और सच्चाई यही है ।इस कटु सच्चाई से भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व अच्छी तरह वाकिफ है ।प्रदेश प्रभारी बी पुरंदेश्वरी भी छत्तीसगढ़ में पार्टी के लिए कोई खास नहीं कर पा रही ।इतना जरूर है कि विधानसभा चुनाव में 90 में से 80 सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाने की सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है ताकि प्रदेश में पार्टी को फिर से स्थापित किया जा सके इसीलिए प्रदेश प्रभारी ने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से कई नए चेहरों को समय समय पर बुलाकर उनसे चर्चा कर संभावनाएं तलाशने की कोशिश की है ।इसमें संघ से जुड़े लोग भी शामिल है ।
यह भी पता चला है कि बिलासपुर से बुलावे पर दिल्ली गए एक नए चेहरे लेकिन संघ में सक्रिय रहने वाले दावेदार को जब प्रदेश प्रभारी ने अभी से जनता के बीच जाकर सक्रिय होने की बात कही तो उक्त नेता ने बड़ी विनम्रता के साथ प्रदेश प्रभारी से सवाल किया कि आज की तिथि में वह पार्टी में कुछ भी नही है उनकी हैसियत एक उपेक्षित कार्यकर्ता के रूप में है तो भला वे किस हैसियत से जनता के पास बात करेंगे और कैसे उन्हे पार्टी के प्रति आकर्षित करेंगे ?इस प्रश्न पर प्रभारी ने उन्हें जल्द ही प्रदेश संगठन में महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने की बात कही ।पार्टी कई नए और पुराने विधायको की टिकट काटने के पक्ष में है ।पार्टी में प्रदेश के नेताओ के बीच चल रही गुटबाजी से भी पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व वाकिफ है ।संभव है जयपुर की बैठक से प्रदेश संगठन में बदलाव की चर्चा के साथ ही फेरबदल पर अमल भी हो जाए ।
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