बिलासपुर । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपातकालीन ड्यूटी पर पदस्थ चिकित्सक ने 25 मई को उनके साथ हुई मारपीट का आरोप जिन कलेक्टर पर लगाया है… आश्चर्य की बात देखिए की वही कलेक्टर तुरंत जांच कमेटी भी बिठा दी ।
उल्लेखनीय है कि डॉ नितीश आनंद सोनवानी 25 मई की रात को दुलदुला जशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आपात ड्यूटी पर तैनात थे। उन्होंने आरोप लगाया है कि उस दौरान निरीक्षण के नाम पर पहुंचे कलेक्टर एवं संसदीय सचिव व निरीक्षण टीम के सदस्यों ने उनके साथ गाली-गलौज धक्का-मुक्की और मारपीट की है।
इस मारपीट से अपमानित और हताश डॉक्टर नीतीश आनंद सोनवानी ने जशपुर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर अपने कलेक्टर एवं संसदीय सचिव तथा अन्य के द्वारा की गई मारपीट की जानकारी देते हुए कहा है कि ऐसी घटना से मैं बेहद अपमानित महसूस कर रहा हूं। इसलिए मैं स्वेच्छा से अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं। आपसे निवेदन है कि आप इस पत्र को गंभीरता से लेकर इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें जिससे भविष्य में किसी चिकित्सक को ऐसे अपमानजनक हालात का सामना ना करना पड़े।
विडंबना देखिए कि इस घटना के सोशल मीडिया में प्रचारित प्रसारित होने के बाद डॉक्टर से मारपीट के आरोपी जशपुर कलेक्टर ने ही आनन-फानन एक जांच कमेटी गठित कर दी।
इस मामले में सवाल यह उठता है कि क्या कोई आरोपी ही भले वह कितने भी बड़े पद पर हो अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित कर सकता है क्या।वहीं बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने इस पूरी घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा है कि शासन को इस पूरे मामले की जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए। विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि कलेक्टर पर लगे आरोप बहुत गंभीर हैं। शराब के नशे में मारपीट और गाली गलौज का आरोप बहुत बड़ी बात है। उन्होंने आगे कहा कि डॉक्टर सेवा भाव से कार्य करते हैं और ऐसी घटनाओं से सभी डॉक्टरों का मनोबल टूटेगा। उन्होंने कहा कि वे इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से करके जांच की मांग करेंगे।