बिलासपुर/ रायगढ़ 21 सितंबर 2022। बिलासपुर में लगातार यात्री ट्रेनों के निरस्त होने व लेट लतीफी के चलते आज जीएम ऑफिस का घेराव कर उग्र प्रदर्शन किया गया। दूसरी तरफ साउथ एक्सप्रेस को रायगढ़ में रोके जाने व उत्कल का रूट बदलने से नाराज यात्रियों ने रायगढ़ स्टेशन में हंगामा मचा दिया। आरपीएफ ने किसी तरह दोनो जगह लोगो को नियंत्रित किया।
मार्च माह से लगातार कभी माल लदान तो कभी नॉन इंटरलॉकिंग कार्य का हवाला दे यात्री ट्रेनों को निरस्त कर दे रहा है। कोरोना के चलते लगातार ट्रेनें लंबे समय तक बंद रही उसके बाद दो सालों के अंतराल के बाद जब ट्रेनें चलनी शुरू हुई तो उसके निरस्त होने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले 6 माह के अंतराल में लगातार सैकड़ो यात्री ट्रेनें निरस्त की जा चुकी है। जिससे रेलवे को करोड़ो का टिकट रिफंड भी करना पड़ा है। पर माल लदान से होने वाली कमाई के चलते रेलवे की आर्थिक सेहत पर इसका कोई प्रभाव नही पड़ा है। ट्रेनें रद्द करने के बाद यात्रियों द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नही की जाती। बस खेद की औपचारिकता निभा दी जाती है। मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के तमाम नेता ट्रेनें रद्द करने का विरोध करते हुए ट्रेनें बहाल करने की मांग कर चुके है। पर चालाक रेलवे प्रबंधन नेताओं की मांग पर दो चार ट्रेनों को बहाल करने की औपचारिकता निभा कर उससे कही अधिक ट्रेनों को फिर निरस्त कर देती है।
ट्रेनें रद्द होने से सबसे अधिक नुकसान मध्यम व निम्न मध्यमवर्ग के लोगो को उठाना पड़ रहा है। जिसके चलते आज रेलवे की तानाशाही के खिलाफ नागरिक सुरक्षा मंच के बैनर तले परेशान नगरवासियों ने बिलासपुर जोन के रेलवे जीएम ऑफिस का घेराव कर दिया। सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शनकारियों की भीड़ जब जीएम दफ़्तर की ओर बढ़ी तो आरपीएफ के जवानों ने उन्हें रोक दिया। जिस पर आरपीएफ के जवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर धक्का मुक्की भी हुई और अंदर नही जाने से नाराज प्रदर्शनकारी जीएम दफ्तर के सामने ही जमीन पर बैठ गए। इस दौरान केंद्र सरकार और रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नागरिक सुरक्षा मंच के संयोजक अमित तिवारी ने बताया कि रेलवे अपने फायदे के लिए माल गाड़िया चला कर लगातार यात्री ट्रेनें निरस्त कर दे रही है। जिससे जनता हलाकान है। छतीसगढ़ के कोयले का परिवहन कर रेलवे लगातार फायदा तो कमा रही है पर छतीसगढ़ की जनता को कोई सुविधा देने की तरफ रेलवे प्रबंधन का ध्यान नही है। अमित तिवारी ने आगे बताया कि यदि जल्द से जल्द यात्री ट्रेनें बहाल नही की जाती है तो सभी ट्रेको पर मेगा ब्लॉक कर कोयला परिवहन करने वाली सारी ट्रेनों को रोक दिया जाएगा।
दूसरी तरफ रायगढ़ में साउथ बिहार ट्रेन को रोक दिए जाने से यात्रियों ने स्टेशन में हंगामा खड़ा कर दिया है। पूर्वी भारत के कई हिस्सों में कुर्मी समुदाय के लोगों ने एसटी का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की अपनी मांग को लेकर पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओड़िशा में रेलवे पटरियों पर आवागमन बाधित किया और सड़कें जाम कर दी हैं। खड़गपुर डिवीजन के नीमडीह रेलवे स्टेशन और आद्रा डिवीजन के कौस्तुर रेलवे स्टेशन पर लोग पटरी पर बैठ गए है। इसी तरह पश्चिम बंगाल के खेमाशोली स्टेशन के पास कुड़मी समाज के हजारों लोग पटरियों पर बैठे दक्षिण-पूर्व रेलवे के आद्रा मंडल के कुस्तौर और निमडीह स्टेशन, खड़गपुर मंडल के खेमासुली और भांजपुर तथा चक्रधरपुर मंडल के औनलाजोरी स्टेशन में भी आंदोलन चल रहा है। जिसके चलते कई ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हो रहा है।
प्रदर्शनों के चलते रायगढ़ स्टेशन में साउथ बिहार एक्सप्रेस ट्रेन को रोक कर आगे की यात्रा के लिए रद्द कर दिया गया है। साथ ही यात्रियों को वहां से वापस भेजे जाने की सलाह दी जा रही है। उड़ीसा के मयूरभंज जिले में भी प्रदर्शनकारियों ने ट्रेने रोक दी है। जिसके चलते उत्कल एक्सप्रेस को भी झारसगुड़ा से डायवर्ट किया जा रहा है। बीच यात्रा में ट्रेन कैंसिल होने से परेशान यात्रियों ने रायगढ़ स्टेशन में टीटीई को घेर कर जम कर हंगामा मचाया और वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की। जिन्हें आरपीएफ व जीआरपी के जवानों ने किसी तरह समझाइश दी।