Explore

Search

November 21, 2024 11:24 am

Our Social Media:

अमित जोगी को हाईकोर्ट से कोई राहत नही मिली ,चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर वकील ने जमानत याचिका दायर कर मांगी थी राहत

अमित जोगी को हाईकोर्ट से कोई राहत नही
बिना किसी वरीयता के नियमित अंतराल के बाद जमानत याचिका पर सुनवाई नियत करने का आदेश

बिलासपुर । गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के पुत्र व छजकां के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को अपोलो अस्पताल से डिस्चार्ज कर मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है वही धोखाधड़ी के मामले में जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने आज अमित जोगी को किसी भी प्रकार से राहत देने से इनकार करते हुए बिना किसी वरीयता के अंतिम सुनवाई के लिए नियमित अंतराल के बाद नियत करने का आदेश दिया है । अमित जोगी के वकील ने चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर याचिका पेश कर राहत देने का निवेदन किया था ।
जन्मस्थान अलग अलग बताने को लेकर भाजपा प्रत्याशी समीरा पैकरा ने फरवरी 2013 में अमित जोगी के खिलाफ पुलिस में धारा 420 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराया था उसके बाद पिछले हफ्ते पुलिस पर अमित जोगी को बचाने का आरोप लगाते हुए मरवाही के ग्रामीणों के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन भी किया था उसके दूसरे ही दिन पुलिस ने अमित जोगी को बिलासपुर में गिरफ्तार कर गौरेला के निचली अदालत में पेश किया था जहां जमानत आवेदन को खारिज करते हुए अमित जोगी को पेंड्रा उपजेल में भेज दिया गया । दूसरे दिवस पेंड्रा के एडीजे कोर्ट ने भी जमानत देने से इनकार करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी ।
जेल में न्यायिक अभिरक्षा के तहत बंद अमित जोगी को स्वास्थ्य खराब होने पर पहले सिम्स और फिर उसके बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया । इलाज के दौरान अमित जोगी ने जारी एक वीडियो में अपोलो के डॉक्टरों पर दबाव वश डिस्चार्ज करने का आरोप लगाया तो आनन फानन में जेल प्रशासन और सीएमएचओ ने मिलकर अमित जोगी का मेडिकल रिपोर्ट जारी कर बताया कि अमित जोगी नार्मल है । साथ ही जबरिया डिस्चार्ज करने के आरोप को भी गलत बताया गया । कल रात अचानक पता चला कि अमित जोगी को मेदांता अस्पताल रिफर किया जा रहा है ।
अमित जोगी के वकील ने उसके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की जिस पर जस्टिस आरसी सामन्त के एकल पीठ में सुनवाई के बाद चिकित्सा रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने कोई राहत प्रदान न करते हुए उक्त प्रकरण को अंतिम सुनवाई हेतु बिना किसी वरीयता के नियमित अंतराल के बाद नियत करने हेतु आदेशित कर दिया । प्रकरण में शासन की ओर से महाअधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पैरवी की । शासकीय अधिवक्ता घनश्याम पटेल भी इस दौरान मौजूद रहे ।

Next Post

पंचायतों के परिसीमन और आरक्षण के लिए संशोधिधित समय सारणी घोषित ,

Wed Sep 11 , 2019
बिलासपुर । राज्य में त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन वर्ष 2019-20 के लिए परिसीमन वार्ड, क्षेत्र का निर्धारण और आरक्षण की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने समय सारणी घोषित कर दी है। सोमवार को जारी इस कार्यक्रम में आंशिक संशोधन कर मंगलवार को फिर से जारी किया गया […]

You May Like