बिलासपुर । घरों में फास्ट फूड के आदी हो चुके और घर पहुंच सेवा के तहत डिलव्हरी ब्वॉय से हमेशा सामान मंगाकर भुगतान अपने मोबाइल से फोन पे आदि के माध्यम से करने में माहिर शहर वासियों अब पूरी तरह अलर्ट हो जाइए क्योंकि आपके मोबाइल नंबर का कभी भी दुरुपयोग हो सकता है और आपका बैंक अकाउंट भी खाली क्योंकि शहर में कुछ ऐसे युवकों के सक्रिय होने की खबर है जो डिलवरी ब्वॉय से मोबाइल नबर लेकर बैंक अकाउंट खाली करने का काम कर रहे है इसके एवज में डिलवरी ब्वाय को रकम देते है ।
अब पईयर फोन की दुकान खोल कर भला कोई आदमी महंगी कारों से घूमने , विदेश ट्रिप में जाना और आलीशान मकान में रह कर तमाम शौक पूरा करे क्या ऐसा संभव है ? लेकिन बिलासपुर में यह सब संभव है ।आइए जानते है इस मामले में पूरी कहानी क्या है “ईयर फोन दुकान की आड़ में साइबर बैंक अकाउंट हैकिंग कर सुनियोजित ढंग से लोगों को चुना लगा महंगे शौक पालना आसान है और इसमें ऐसे डिलीवरी ब्वायो की काफी मदद लिया जा रहा है जो होम डिलीवरी के द्वारा लोगों को खाने का सामान पहुंचाते हुए ऑनलाइन पेमेंट करने वालों का नंबर ऐसे लोगों को दे रहे हैं और इसमें डिलीवरी ब्वायों को भी अच्छी खासी इनकम हो रही है ।
शहर में लंबे अरसे से साइबर बैंक अकाउंट हैकिंग के अपराधी सक्रिय हैं जो ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर करने एवं मोबाइल दुकानों की आड़ में अपने कारनामे को अंजाम दे रहे हैं l इन अपराधियों का लिंक ऑनलाइन डिलीवरी पहुंचाने वालों से है, यह डिलीवरी ब्वॉय ऑनलाइन पेमेंट करने वाले कस्टमरों के मोबाइल नंबरों की सूची साइबर क्राइम करने वाले अपराधियों को दे रहे हैं इसके एवज में इन्हे बकायदा मोटा कमीशन दिया जाता है मगर बिलासपुर जिले की पुलिस कार्रवाई के नाम पर चोरी उठाईगिरी करने वाले अपराधों तक सिमट कर रह गई है l
सोशल नेटवर्किंग के इस आधुनिक दौर में साइबर क्राइम अपराधियों के पर निकल आये हैं जो बगैर मेहनत किये ही अमीर बनना चाहते है और ऐसा हो भी रहा है।स्वयं प्रदेश के डीजीपी अशोक जुनेजा का भी मानना है कि सोशल नेटवर्किग इतना हावी हो चुका है कि अपराधी भी चतुर और चालक हो गए है यह पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है । ज्ञात हो की एटीएम फ्रॉडी, ऑनलाइन फोन कॉल के जरिए बैंक अकाउंट में सेंधमारी कर लाखों रुपए निकाले जाने जैसी अपराधिक घटनाएं बिलासपुर में लगातार घटित हो चुकी है ।बिलासपुर जिले की पुलिस अभी तक ऐसे मामलों में बिहार, झारखंड, असम उत्तर प्रदेश सहित दिगर राज्य में बैठकर फोन कॉल के जरिये बैंक एकाउन्ट हैक कर पैसा निकालने वाले अपराधियों को पकड़ चुकी है l
,एक बड़ी जानकारी सामने आई है कि शहर के तालापारा क्षेत्र में कई महीनों से कुछ लड़के एकाउंट हैकिंग के कारनामें को अंजाम दे कर लोगों के एकाउंट में सेंधमारी कर रहे है इनका कनेक्शन जॉमेटो, अमेजन और दीगर कम्पनियों के समानों की डिलेवरी देने वाले कर्मचारियो से है जो सामान देने के बाद ऑनलाइन पेमेंट करने वालों का मोबाइल नंबर इन अपराधियों को बकायदा सूची बनाकर दे रहे है l इस काम के एवज में इनकी अतिरिक्त मोटी कमाई हो रही हैl इस अपराध में शामिल युवक की शान व शौकत, लग्जरी लाइफ स्टाइल देखने लायक है जो ए टीम, बुलेट, स्कोडा की महंगी गाडियों में फर्राटा मारते हैंl इनका ठिकाना एक जगह नही है बल्कि लोकेशन ट्रेस होने के डर से अपने रिश्तेदारी जो मुंगेली, कुंडा और कोरबा जिला में रहते है के यहां जाकर भी जगह बदल बदल कर एकाउंट हैकिंग के अपराध को बड़ी आसानी अंजाम दे रहे है l बड़ी बात यह है बिलासपुर जिले की पुलिस को इसकी अबतक भनक नहीं लगी है l
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संदिग्ध युवक पीपल चौक,
मरिमाई मोहल्ले के निवासी है l इनपर कोई शक न करे इसलिए इन लड़कों ने दिखावे के लिए ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर और मोबाइल इयरफोन की छोटी सी दूकान खोल रखी हैl किन्तु पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और बयां कर रही है l पुलिस एहतियात के तौर पर अगर एक्शन ले तो ऑनलाइन अपराध करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दा फाश हो सकता है l
दिन को दूकान में एक युवक एहतियात के तौर पर बैठे रहता है और तीन चार युवक घर में लैपटॉप, सिस्टम लेकर बैठ सुबह से शाम तक ऑनलाइन बैंक एकाउन्ट में सेंधमारी जैसे काम में लगे रहते है वही आने जाने वालों पर नज़र रखने घर के बाहर परिवार का ही एक सदस्य निगरानी करता बैठा रहता हैl यह सिल सिला कई महीनों से चल रहा है ।पुलिस यदि पूछताछ करे तो संभव है कई और भी खुलासे हों ।वैसे भी पुलिस अचानक ऐश की जिंदगी जी रहे कई लोगो को पकड़कर पूछताछ के बाद कई अपराधो का पर्दाफाश हो चुका है ।
इधर पुलिस अधिकारियों का मानना है कि साइबर अपराधियों की धरपकड़ अब और अधिक आसान हो जाएगी। साइबर अपराधियों की ट्रेकिंग के लिए साइकेप्स पोर्टल विकसित किया गया है। नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में इस पोर्टल के संचालन के लिए पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण सत्र के शुभारंभ अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) प्रदीप गुप्ता ने साइबर अपराध के अत्यधिक वृद्धि के प्रति चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसके निवारण हेतु CyCAPS Portal की सराहना करते हुये प्रशिक्षण में सम्मिलित सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को पोर्टल में उपलब्ध टूल्स को समझते हुये इसके प्रभावी उपयोग पर बल दिया। प्रशिक्षण में देवेन्दर सिंह, पुलिस अधीक्षक, स्पेशल सेल, इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट (तेलंगाना पुलिस) ने पोर्टल के संचालन के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों की ट्रेकिंग एवं धरपकड़ के लिए CyCAPS Portal विकसित किया गया है, जो विभिन्न डेटाबेस जैसे NCRP] Cyber Safe] CCTNS इत्यादि से जुड़ा हुआ है। श्री सिंह ने बताया कि पोर्टल की मदद से साइबर अपराधियों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी जैसे साइबर अपराध, शिकायत की संख्या, साइबर अपराध के हॉटस्पाट, प्रोफाइल, डिवाइस एवं वित्तीय गतिविधियों से जुड़ी जानकारियां एक मंच में उपलब्ध है, जिससे साइबर अपराधियों की धरपकड़ में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल में समस्त जिलों का लॉगिन आई.डी. बनाया गया है ताकि जिला स्तर पर समस्त इकाई को पोर्टल का एक्सेस प्राप्त हो सके।
प्रशिक्षण में पुलिस उप महानिरीक्षक राजनांदगांव राम गोपाल गर्ग, पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (तकनीकी सेवायें) कवि गुप्ता एवं समस्त जिलों के साइबर नोडल अधिकारी एवं साइबर सेल प्रभारी वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए।