गिल्ली-डंडा, भौंरा जैसे पारम्परिक खेलों में खिलाड़ी दिखा रहे हैं जौहर
बिलासपुर 7 अक्टूबर 2022/मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को वैश्विक पहचान दिलाने और लोगों में खेल के प्रति जागरूकता लाने शुरू की गई छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
शहर के छत्तीसगढ़ स्कूल में आयोजित प्रतियोगिता की शुरूआत महापौर श्री रामशरण यादव ने गिल्ली डंडा और कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने पिट्टूल खेलकर की। इस दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर और नगर निगम कमिश्नर श्री कुणाल दुदावत ने भी इन खेलों में अपने हाथ आजमाएं। अपने बीच जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की मौजूदगी से खिलाड़ियों का उत्साह दोगुना हो गया। महापौर श्री रामशरण यादव ने कहा कि पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने का बेहतर अवसर है छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ की परम्पराओं को सहेजने की दिशा में काम कर रहे है।
कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी परम्परा और पहचान है। इन खेलों के माध्यम से हमें अपनी जड़ों की तरफ फिर से लौटने का मौका मिला है। यहां की संस्कृति के साथ-साथ खेले जाने वाले ये पारम्परिक खेल बहुत महत्व रखते हैं। गांव-गांव में इस तरह के आयेाजन होने से एक बार फिर इन खेलों की पहचान बढ़ेगी और आने वाली पीढ़ी इन्हें जान पायेगी। कलेक्टर ने छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में लोगों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की भी अपील की। गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ के पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने के साथ ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के माध्यम से छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 6 अक्टूबर 2022 से 6 जनवरी 2023 तक पूरे राज्य में किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में छत्तीसगढ़ के पारम्परिक 14 खेल विधाओं मेें प्रतियोगिताएं आयेाजित की जाएगी। इन खेल विधाओं में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, रस्साकसी, बाटी, फुगड़ी, भंवरा, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, संकली, लंबी कूद, गेड़ी दौड़, 100 मी दौड़ और बिल्लस शामिल है। प्रतियोगिता तीन वर्गाें में आयोजित की जा रही है। पहला 18 वर्ष की आयु तक, दूसरा 18 से 40 वर्ष की आयु तक एवं तीसरा 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग तक महिला और पुरूष दोनों वर्ग में शामिल हो सकते है। प्रतियोगिता पहले स्तर पर राजीव युवा मितान क्लब स्तर पर होगी। दूसरे स्तर में 8 क्लब को मिलाकर एक जोन बनाया जाएगा। चयनित खिलाड़ी विकासखण्ड स्तर पर होने वाली प्रतिस्पर्द्धा में भाग लेंगे। इसके बाद जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर पर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में विजेता और प्रतिभागी दल को पुरस्कार राज्य युवा महोत्सव में दिया जाएगा।