बिलासपुर-गंभीर अपराधो में गिरफ्तार हुए आरोपियों को भी अब कोर्ट से जमानत आसानी से मिलने लगा है उसका उदाहरण जमीन कारोबारी नरेंद्र मोटवानी है।संभव है जमानत आवेदन पर पुलिस और लोक अभियोजक पुख्ता ढंग से कोर्ट में शासन का पक्ष नही रख पाए हो और कोर्ट के पास जमानत का आवेदन स्वीकार करने के अलावा कोई चारा नहीं रहा हो ।कोर्ट सबूतों और साक्ष्य के आधार पर अपना निर्णय देता है ।शायद मोटवानी के मामले में भी ऐसा ही कुछ हो ।अब पुलिस द्वारा कहा जा रहा कि जमानत का विरोध किया जायेगा और कोर्ट में आवेदन लगाया जाएगा।यदि इसी तरह कोर्ट से जमानत हासिल किया जाता रहा तो गंभीर अपराधी भी पुलिस की कार्रवाई से नही डरेंगे।
अब पता चला है कि जमीन हथियाने के लिये एक नाबालिग और उसकी माँ को धमकाने वाले नरेंद्र मोटवानी की जमानत का पुलिस कोर्ट में विरोध करेगी। भूमाफिया नरेंद्र मोटवानी की पहले कई शिकायत थाने में है लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई । पुलिस नरेंद्र मोटवानी का रिकॉर्ड छान रही है उसके बाद उसके खिलाफ जांच शुरू होगी ।नरेद्र मोटवानी को आगे करके उसके पीछे लगे लोगो का रिकॉर्ड पुलिस के पास पहुंच गया है । नरेंद्र मोटवानी के कंधे पर बंदूक रखकर उसे जमीन खरीद फरोख्त के उल्टे सीधे मामले में फंसाने और उसे अपराधी बनाने में कौन कौन शामिल है ,इसकी पूरी जानकारी पुलिस के पास हो ऐसी उम्मीद तो किया जा सकता है ।इन अपराधी तत्वों को किसका किसका संरक्षण मिलता रहा यह भी पुलिस के आला अधिकारियों को पता होना चाहिए ।
आई जी रतन लाल डाँगी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए फिर मेडिकल कराने की मांग अदालत से करने के निर्देश दिए है ,इसके लिए भी अलग से आवेदन पुलिस कोर्ट में लगाएगी। शहर में ज़मीन के मामलो में बढ़ते दहशतगर्दी और लोगो के जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से आई जी डाँगी ने ये निर्देश दिए है।भूमाफिया द्वारा गुंडे बदमाशों के साथ खुले आम जमीन के लिए मारपीट करने से शहर में शान्ति भी भंग हो रही है। ,कार्यवाई नही होने से अपराधियों के हौसले बढ़ेंगे,इसलिए पुलिस एहतियातन कार्रवाई कर रही है ।अपराधी खुले में घूमेंगे तो आम आदमी खास कर नाबालिग का परिवार अपने आप को असुरक्षित महसूस करेगा। इसलिए पुलिस न्यायालय से जनहित में नरेंद्र मोटवानी को जमानत नही देने की अपील अदालत से करेगी।