निगम चुनाव सर पर मगर अधिसूचना जारी नही हुआ कहकर पल्ला झाड़ा
सड़कों में गड्ढे के प्रश्न पर कहा – उन लोगो से पूछो जो बिलासपुर को खोदापुर कहकर प्रचारित किये ।
बिलासपुर । नगर निगम चुनाव सर पर है और पार्टियां तैयारियो में जुट चुकी है भले ही चुना व की अधिसूचना जारी नही हुई है लेकिन भाजपा ने जिस पूर्व मंत्री को नगरीय निकाय चुनाव का प्रभारी बनाया है वह प्रेस वार्ता में बुलाये तो सहज ही अनुमान लग जाता है कि निगम चुनाव को लेकर वे पार्टी की तैयारियों के सम्बंध में जानकारी देंगे मगर यह क्या पूर्व मंत्री ने देश मे आर्थिक मंदी का बचाव करने और मोदी सरकार द्वारा आर्थिक विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी पत्रकारों को दी और निगम चुनाव की जानकारी देने बाद में प्रेस वार्ता करने की बात कही ।
दर असल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से भाजपा के नेता शायद अभी तक उबर नही पाएं है उस पर दन्तेवाड़ा उप चुनाव में हुई पार्टी की हार ने भाजपा नेताओं को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है ऐसे में उनके पास यक्ष प्रश्न यह है कि नगरीय निकाय चुनाव में वे किन मुद्दों को लेकर जनता के पास जाएंगे ?पार्टी ने विक्रम उसेंडी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया मगर वे भी कोई चमत्कार नही कर पाए और बस्तर तक ही सीमित रह गए है जिसके चलते अधिकांश नेता घरों में आराम फरमा रहे है ।पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष छत्तीसगढ़ में भाजपा की जो स्थिति है वह छिपा नही है शायद इसी लिए पार्टी नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के नेताओ को हार के सदमे से उबरने और सक्रिय करने के लिए केंद्र की आर्थिक नीतियों का बखान करने और विपक्ष द्वारा आर्थिक मंदी का जो प्रचार किया जा रहा हैउसे रोकने के लिए जिलेवार प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी दे प्रेसवार्ता करने के निर्देश के तहत ही पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने आज पत्रकारों को चर्चा के लिए बुलाया ।
प्रेस वार्ता में सांसद , विधायक द्वय डॉ कृष्ण मूर्ति बांधी व रजनीश सिंह भी थे मगर ये सारे मौन ही रहे । महापौर किशोर राय का तो बोलने का प्रश्न ही नही उठता । इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि चुनाव में हार के बाद भी बिलासपुर जिले में अमर अग्रवाल का पार्टी में जलवा जलाल बरकरार है और बाकी नेता ,सांसद, विधायक सब गौड़ है ।
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फरमान के तहत सोमवार को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा शुरू की और उन्होंने केंद्र की आर्थिक नीति का बखान किया। विपक्ष और सोशल मीडिया पर मंदी की बात के बीच पूर्व मंत्री ने मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की परिकल्पना का खाका यहां प्रस्तुत किया। श्री अग्रवाल ने बताया कि आज़ादी के बाद से लेकर 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था केवल 2 ट्रिलियन डॉलर की थी, लेकिन 2014 से 2019 तक मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में ही यह अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन की बढ़ोतरी के साथ 3 ट्रिलियन डॉलर तक जा पहुंची। वही अगले कार्यकाल में मोदी सरकार ने इसे 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है ।इसके लिए निर्माण, उद्योग, कृषि इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी अमर अग्रवाल ने दी। वहीं उन्होंने 12 बैंकों का विलय कर चार बैंक मर्ज कर बनाए जाने की भी वकालत करते हुए कहा कि इससे बीमार बैंकों से छुटकारा मिलेगा और लिक्विडिटी के साथ पूंजी बाजार में प्रवेश करेगी।
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा कॉरपोरेट टैक्स में कमी कर 22% और मैन्युफैक्चरिंग टैक्स में 15% करने को भी उन्होंने ऐतिहासिक फैसला करार दिया और कहा कि इससे निवेशक आकर्षित होंगे। अपने बातों का लब्बो लुआब अमर अग्रवाल ने हालांकि आर्थिक नीतियों और उदारीकरण के इर्द-गिर्द ही रखा। उन्होंने इस दौरान कहा कि विश्वव्यापी मंदी का आंशिक असर भारत में भी है वहीं उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान कि पूरे देश में मंदी है लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं का मखौल उड़ाया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सपने देखना और उन सपनों को सच करना जानती है, इसीलिए आरबीआई से भी नियमों के तहत कर्ज लिया गया है, हालांकि अमर अग्रवाल नगरी निकाय संबंधी सवालों को टालने की पूरी कोशिश करते रहे फिर भी उन्होंने गोलमोल उत्तर देते हुए कहा कि पिछले 9 महीने में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को ही भारतीय जनता पार्टी मुद्दा बनाएगी। सबसे बड़ा मुद्दा यही होगा कि कांग्रेस सरकार ने निकायों को केवल 100 करोड रुपए दिए हैं जबकि पूर्ववर्ती सरकार 1000 करोड़ देती थी। यही कारण है कि सभी विकास के कार्य ठप्प हो चुके हैं। नए कार्यों की स्वीकृति नहीं मिल रही और पुराने काम भी पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के बारे में अधिसूचना के बाद बात करेंगे। वे कैंडिडेट पर भी बोलने से बचते नजर आए । उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग बिल्कुल बचकानी है क्योंकि ईवीएम कांग्रेस शासनकाल में ही लाया गया था और ईवीएम में गड़बड़ी की बात केवल हार से बचने का एक जरिया भर है। कदम आगे बढ़ाने के बाद पीछे लौटाने को उन्होंने कायरता और बेवकूफी करार दिया। अमर अग्रवाल ने ईवीएम के मामले में कांग्रेस पर अच्छे निर्णय को पलटने का आरोप लगाया। जब उनसे पूछा गया कि पहले खोदा पुर कहने वालों के राज में भी खुदाई जारी है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि शहर को खोदा पुर कहकर बदनाम करने वाले अब इस सवाल का जवाब क्यों नहीं देते
इस दौरान मौजूद अन्य भाजपा नेता केवल साथ निभाते नजर आए। पूरे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाकी सारे नेता पूरी तरह खामोश रहे। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि इस क्षेत्र की राजनीति में केवल अमर अग्रवाल की ही चलती है और अभी भी भाजपा का असली चेहरा अमर अग्रवाल ही है और नगरीय निकायों के चुनाव में महापौर से लेकर पार्षद तक की टिकट वही बाटेंगे । विधान सभा चुनाव के पहले तक कई कार्यकर्ता गुटीय राजनीति के पचड़े में पड़ने के बजाय सन्तुलन बनाये रखने अपने वाहनों में अमर ही धरम का स्टीकर चिपकाए घूमते थे । धरम का आशय नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक थे मगर अब वे सारे कार्यकर्ता नदारद है यानि अब अमर ही सब कुछ है ।आर्थिक मंदी को झुठलाने “अमर” ने ली प्रेस वार्ता,
निगम चुनाव सर पर मगर अधिसूचना जारी नही हुआ कहकर पल्ला झाड़ा
सड़कों में गड्ढे के प्रश्न पर कहा – उन लोगो से पूछो जो बिलासपुर को खोदापुर कहकर प्रचारित किये है
Amar agrwal Press Confrence
बिलासपुर । नगर निगम चुनाव सर पर है और पार्टियां तैयारियो में जुट चुकी है भले ही चुना व की अधिसूचना जारी नही हुई है लेकिन भाजपा ने जिस पूर्व मंत्री को नगरीय निकाय चुनाव का प्रभारी बनाया है वह प्रेस वार्ता में बुलाये तो सहज ही अनुमान लग जाता है कि निगम चुनाव को लेकर वे पार्टी की तैयारियों के सम्बंध में जानकारी देंगे मगर यह क्या पूर्व मंत्री ने देश मे आर्थिक मंदी का बचाव करने और मोदी सरकार द्वारा आर्थिक विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी पत्रकारों को दी और निगम चुनाव की जानकारी देने बाद में प्रेस वार्ता करने की बात कही ।
दर असल विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से भाजपा के नेता शायद अभी तक उबर नही पाएं है उस पर दन्तेवाड़ा उप चुनाव में हुई पार्टी की हार ने भाजपा नेताओं को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है ऐसे में उनके पास यक्ष प्रश्न यह है कि नगरीय निकाय चुनाव में वे किन मुद्दों को लेकर जनता के पास जाएंगे ?पार्टी ने विक्रम उसेंडी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया मगर वे भी कोई चमत्कार नही कर पाए और बस्तर तक ही सीमित रह गए है जिसके चलते अधिकांश नेता घरों में आराम फरमा रहे है ।पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष छत्तीसगढ़ में भाजपा की जो स्थिति है वह छिपा नही है शायद इसी लिए पार्टी नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के नेताओ को हार के सदमे से उबरने और सक्रिय करने के लिए केंद्र की आर्थिक नीतियों का बखान करने और विपक्ष द्वारा आर्थिक मंदी का जो प्रचार किया जा रहा हैउसे रोकने के लिए जिलेवार प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी दे प्रेसवार्ता करने के निर्देश के तहत ही पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने आज पत्रकारों को चर्चा के लिए बुलाया । प्रेस वार्ता में सांसद , विधायक द्वय डॉ कृष्ण मूर्ति बांधी व रजनीश सिंह भी थे मगर ये सारे मौन ही रहे । महापौर किशोर राय का तो बोलने का प्रश्न ही नही उठता । इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि चुनाव में हार के बाद भी बिलासपुर जिले में अमर अग्रवाल का पार्टी में जलवा जलाल बरकरार है और बाकी नेता ,सांसद, विधायक सब गौड़ है ।
पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के फरमान के तहत सोमवार को पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा शुरू की और उन्होंने केंद्र की आर्थिक नीति का बखान किया। विपक्ष और सोशल मीडिया पर मंदी की बात के बीच पूर्व मंत्री ने मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की परिकल्पना का खाका यहां प्रस्तुत किया। श्री अग्रवाल ने बताया कि आज़ादी के बाद से लेकर 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था केवल 2 ट्रिलियन डॉलर की थी, लेकिन 2014 से 2019 तक मोदी सरकार के 5 साल के कार्यकाल में ही यह अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन की बढ़ोतरी के साथ 3 ट्रिलियन डॉलर तक जा पहुंची। वही अगले कार्यकाल में मोदी सरकार ने इसे 5 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है ।इसके लिए निर्माण, उद्योग, कृषि इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी अमर अग्रवाल ने दी। वहीं उन्होंने 12 बैंकों का विलय कर चार बैंक मर्ज कर बनाए जाने की भी वकालत करते हुए कहा कि इससे बीमार बैंकों से छुटकारा मिलेगा और लिक्विडिटी के साथ पूंजी बाजार में प्रवेश करेगी।
पिछले दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा कॉरपोरेट टैक्स में कमी कर 22% और मैन्युफैक्चरिंग टैक्स में 15% करने को भी उन्होंने ऐतिहासिक फैसला करार दिया और कहा कि इससे निवेशक आकर्षित होंगे। अपने बातों का लब्बो लुआब अमर अग्रवाल ने हालांकि आर्थिक नीतियों और उदारीकरण के इर्द-गिर्द ही रखा। उन्होंने इस दौरान कहा कि विश्वव्यापी मंदी का आंशिक असर भारत में भी है वहीं उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री के बयान कि पूरे देश में मंदी है लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं का मखौल उड़ाया। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सपने देखना और उन सपनों को सच करना जानती है, इसीलिए आरबीआई से भी नियमों के तहत कर्ज लिया गया है, हालांकि अमर अग्रवाल नगरी निकाय संबंधी सवालों को टालने की पूरी कोशिश करते रहे फिर भी उन्होंने गोलमोल उत्तर देते हुए कहा कि पिछले 9 महीने में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को ही भारतीय जनता पार्टी मुद्दा बनाएगी। सबसे बड़ा मुद्दा यही होगा कि कांग्रेस सरकार ने निकायों को केवल 100 करोड रुपए दिए हैं जबकि पूर्ववर्ती सरकार 1000 करोड़ देती थी। यही कारण है कि सभी विकास के कार्य ठप्प हो चुके हैं। नए कार्यों की स्वीकृति नहीं मिल रही और पुराने काम भी पेंडिंग है। उन्होंने कहा कि निकाय चुनाव के बारे में अधिसूचना के बाद बात करेंगे। वे कैंडिडेट पर भी बोलने से बचते नजर आए । उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग बिल्कुल बचकानी है क्योंकि ईवीएम कांग्रेस शासनकाल में ही लाया गया था और ईवीएम में गड़बड़ी की बात केवल हार से बचने का एक जरिया भर है। कदम आगे बढ़ाने के बाद पीछे लौटाने को उन्होंने कायरता और बेवकूफी करार दिया। अमर अग्रवाल ने ईवीएम के मामले में कांग्रेस पर अच्छे निर्णय को पलटने का आरोप लगाया। जब उनसे पूछा गया कि पहले खोदा पुर कहने वालों के राज में भी खुदाई जारी है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए श्री अग्रवाल ने कहा कि शहर को खोदा पुर कहकर बदनाम करने वाले अब इस सवाल का जवाब क्यों नहीं देते
इस दौरान मौजूद अन्य भाजपा नेता केवल साथ निभाते नजर आए। पूरे प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बाकी सारे नेता पूरी तरह खामोश रहे। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि इस क्षेत्र की राजनीति में केवल अमर अग्रवाल की ही चलती है और अभी भी भाजपा का असली चेहरा अमर अग्रवाल ही है और नगरीय निकायों के चुनाव में महापौर से लेकर पार्षद तक की टिकट वही बाटेंगे । विधान सभा चुनाव के पहले तक कई कार्यकर्ता गुटीय राजनीति के पचड़े में पड़ने के बजाय सन्तुलन बनाये रखने अपने वाहनों में अमर ही धरम का स्टीकर चिपकाए घूमते थे । धरम का आशय नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक थे मगर अब वे सारे कार्यकर्ता नदारद है यानि अब अमर ही सब कुछ है ।