बिलासपुर । ज्योतिर्य पीठ के शंकराचार्य जगदगुरू स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने चमत्कार दिखाने वाले साधु संतो से कहा है कि वे जोशी मठ जाए और वहां पड़ रहे दरारों को अपने चमत्कार से भरे ।हम तो ऐसे साधु-संतों का स्वागत करने के लिए माला लिए खड़े हैं और यदि ऐसा नहीं है तो चमत्कार सिर्फ छलावा है ।उन्होंने कहा कि आज पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में 75 साल पहले लिए गए देश विभाजन के निर्णय पर समीक्षा करना तो बनता है जाति के आधार पर देश का विभाजन कर पाकिस्तान बनाया गया तो फिर मुस्लिम इस देश में कैसे रह रहे हैं उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए लेकिन हम यह नहीं कह रहे हैं कि हम मुसलमानों के साथ नहीं रहना चाहते बल्कि हम तो चाहते हैं कि मुसलमान भी हमारे साथ ही रहे और पाकिस्तान को भारत में मिला दिया जाना चाहिए।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि देश विभाजन के पहले अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए हिंदू मुस्लिम सभी ने लड़ाई लड़ी लेकिन जब देश की आजादी की बात आई तो मोहम्मद जिन्ना ने अलग मुस्लिम राष्ट्र की ज़िद कर दी और पाकिस्तान लेकर ही माने मगर आज की स्थिति में देश विभाजन के निर्णय की समीक्षा होनी चाहिए। हम यह नहीं चाहते कि मुस्लिम हमारे साथ नहीं रहे बल्कि हमारा तो यह मानना है कि तमाम मुस्लिम हमारे साथ रहे और इसके लिए एक ही विकल्प है वह यह कि पाकिस्तान को भारत में मिला दिया जाए।
उन्होंने जोशीमठ में दरारे पड़ने की घटनाओं को मानवीय भूल बताते हुए कहा कि हम वहां की स्थिति को सुधारने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं अब स्थिति बेहतर होते जा रही है वैज्ञानिकों से भी तथा साधु संतों से भी हम राय ले रहे हैं कि उस पर कितना अच्छा प्रयास हो।
उन्होंने भारतीय लोकतंत्र में कार्यपालिका व्यवस्थापिका और न्यायपालिका का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया को चौथा स्तंभ बताया गया क्योंकि मीडिया जनता का प्रतिनिधि होता है ।आज वह स्थिति नहीं है। पहले अखबारों में जनता का हेडिंग ऊपर और सरकार का पक्ष नीचे छपता था ।आज मीडिया में बड़ा बदलाव आया है और जनता की आवाज को अनसुनी कर दिया गया है। कारपोरेट घरानों ने मीडिया कर्मियों को भी असहाय कर दिया है। मीडिया कर्मियों को कहना है हम लाचार हैं ।आज मीडिया में सरकार की खबरें हेडिंग में रहती है और जनता का पक्ष लापता है।
बिलासपुर पहुंचे स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी ने दिव्य दरबार दिखाने वालों चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि चमत्कार दिखाने वाले जोशी मठ आकर धसकती हुई जमीन को रोककर दिखाए,तब उनके चमत्कार को मैं मान्यता दुँगा ।
शंकराचार्य ने यह भी कहा कि वेदों के अनुसार चमत्कार दिखाने वालो को मैं मान्यता देता हूं, लेकिन अपनी वाहवाही और चमत्कारी वाले बनने की कोशिश करनेवालों को मैं मान्यता नहीं देता।
आपको जानकारी दें कि पिछले दिनों जबलपुर में दिए अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा था कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि मुसलमानों को अलग कर दिया जाए क्योंकि वह अपनी धरती पर जाकर खुश रहेंगे, इसलिए भारत के टुकड़े किए गए थे और पाकिस्तान बनाया गया था ।लेकिन उस समय भी कुछ मुसलमान भारत में ही रह गए यदि उन्हें यहां सुख और शांति की प्राप्ति हो रही है तो फिर पाकिस्तान बनाने की क्या आवश्यकता है । इसलिए एक बार इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और फिर से अखंड भारत की का निर्माण किया जाए । इसी देश में रहना और हिंदुओं के बीच रहना हिंदू और मुसलमान दोनों की नियति है तो फिर अलग देश की आवश्यकता नहीं है। इसलिए एक बार फिर से पाकिस्तान पर पुनर्विचार कर दोनों देश को एक कर दिया जाए इसमें कोई बहुत ज्यादा तकलीफ की बात नहीं है केवल कागज पर दोनों देश को अपनी सहमति देनी होगी । धर्मान्तरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के पक्ष में बोलने वाले या विरोध करने वालों के पीछे धार्मिक कारण नहीं है,इसके पीछे राजनीतिक कारण है ।
Sun Jan 22 , 2023
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