बिलासपुर।नटीपीसी सीपत में 26 जनवरी को 74वां गणतंत्र दिवस समारोह हर्षोल्लास से मनाया गया। इस पावन पर्व पर मुख्य अतिथि, कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति द्वारा ध्वजारोहण किया गया तथा इस दौरान बाल भारती पब्लिक स्कूल के बच्चों के साथ सामूहिक राष्ट्रगान गायन किया गया। तत्पश्चात् सी.आई.एस.एफ. के जवानों ने मार्च पास्ट किया और मुख्य अतिथि ने परेड का निरीक्षण किया।कार्यकारी निदेशक ने अपने सम्बोधन के माध्यम से गणतंत्र की महत्ता को बताते हुए समारोह में उपस्थित सभी कर्मचारियों उनके परिजनों, स्कूली छात्र-छात्राओं को 74वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यकारी निदेशक ने एनटीपीसी की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि एनटीपीसी की कुल स्थापित क्षमता संयुक्त उद्यमों सहित 71544 मेगावाट है, देश की ऊर्जा जरुरतों को पूरा करते हुए देश और समाज के विकास में योगदान एनटीपीसी का प्रमुख लक्ष्य है। उन्होने एनटीपीसी सीपत की उपलब्धियों को साझा करते हुए कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान एनटीपीसी सीपत द्वारा 80.33 प्रतिशत पीएलएफ की दर से कुल 17120.91 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया। मुख्य अतिथि द्वारा परियोजना में कार्यरत नैगम सामाजिक दायित्व अनुभाग, संगवारी महिला समिति, सभी यूनियन व एसोसिएशन, इंडियन कॉफी हाउस, बीबीपीएस स्कूल, स्टेट बैंक सीपत, उज्ज्वल डाकघर एवं सभी सहयोगी एजेंसियों की उनके रचनात्मक व सकारात्मक योगदान के लिए सराहना की गई।
तत्पश्चात् मुख्य अतिथि घनश्याम प्रजापति एवं सभी महाप्रबंधक गण, अन्य विशिष्ट अतिथियों तथा संगवारी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती सरोज प्रजापति, एवं समिति के सदस्याओं, यूनियन व एसोशिएशन के प्रतिनिधियों द्वारा हर्ष एवं उल्लास के प्रतीक गुब्बारे को आसमान में विमोचित किया।
इस दौरान प्रचालन विभाग एवं केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (अग्नि) द्वारा आकर्षक झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया।
कार्यकारी निदेशक घनश्याम प्रजापति, मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) रमानाथ पुजारी एवं अन्य महाप्रबंधक गण द्वारा परियोजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को ‘‘मेरीटोरियस’’ अवार्ड से सम्मानित किया गया।
समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत टाईनी ब्लासम प्ले स्कूल, बाल भवन, दिशा केंद्र एवं बाल भारती पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं द्वारा देशभक्ति से प्रेरित सामूहिक नृत्य एवं गीत प्रस्तुत किए गए।
इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि कार्यकारी निदेशक श्री घनश्याम प्रजापति, के साथ मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) रमानाथ पुजारी, एवं अन्य महाप्रबंधक गण, अध्यक्षा संगवारी महिला समिति श्रीमती सरोज प्रजापति, एवं समिति की पदाधिकारीगण, प्राचार्य, बाल भारती पब्लिक स्कूल, शलभ निगम, डिप्टी कमांडेंट, सीआईएसएफ मुनिराज मीणा, सभी यूनियन एवं एसोसिएशन के पदाधिकारी उज्ज्वल नगर वासी एवं आसपास के ग्रामीण उपस्थित रहे।
स्टेज-1 सर्विस बिल्डिंग में मुख्य महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) रमानाथ पुजारी, द्वारा ध्वजारोहण कर कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ दी। इसके अलावा बाल भवन में संगवारी महिला समिति की अध्यक्षा श्रीमती सरोज प्रजापति, द्वारा ध्वजारोहण कर समिति की सदस्याओं एवं बाल भवन, टाईनी ब्लासम प्ले स्कूल, दिशा केंद्र के बच्चों को 74वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दी।
एनटीपीसी सीपत ने 26 जनवरी को पुलिस ग्राउंड बिलासपुर में आयोजित 74वें गणतन्त्र दिवस समारोह में भी आकर्षित झांकी प्रस्तुत किया। इस समारोह में जिला प्रशासन बिलासपुर के विभिन्न विभागों के साथ ही एनटीपीसी सीपत द्वारा लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरता एनटीपीसी थीम के साथ सस्टेनेबिलिटी/ संधारणीयता प्रस्तुत झांकी प्रदर्शित किया गया।
इस झांकी के माध्यम से एनटीपीसी द्वारा विद्युत उत्पादन, राखड़ उपयोगिता, नैगम सामाजिक दायित्व, मियावाकी विधि द्वारा वनीकरण को प्रदर्शित किया गया।
सीपत स्टेशन से निकलने वाले राखड़ का शत प्रतिशत उपयोगिता को सुनिश्चित करते हुए इसके विभिन्न क्षेत्रों सीमेंट उद्योग, विनिर्माण इकाइयों, रोड और फ्लाई ओवर निर्माण के उपयोग में प्रदर्शित किया गया।
इसके अलावा, एलडब्ल्यूए, जीपीसीए, एनएसीए, ऐश टू सैंड, ऐश बैगिंग जैसी विभिन्न पायलट परियोजनाएं निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं जिसकी जानकारी प्रदान की गई। इसके अतिरिक्त राखड से बने हुए उच्च गुणवत्ता युक्त फ्लाई ऐश ब्रिक्स अत्याधुनिक मशीनों द्वारा निर्मित ईंट बिक्री की उपलब्धता को भी प्रचारित किया गया|
नैगम सामाजिक दायित्व के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, दिव्यांगजनों, बालिका सशक्तिकरण अभियान एवं खेलकूद को प्रोत्साहित करने फूटबाल चैंपियनशिप एवं कोचिंग कैंप को भी प्रदर्शित किया गया।
इस झांकी के माध्यम से पौधरोपण के जापानी तकनीक मियावकी विधि को भी प्रदर्शित किया गया, जिसके द्वारा थोड़े से उपलब्ध जगह में भी छोटे झाड़ियों के वन विकसित किए जाते हैं।
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