बिलासपुर । अलग अलग जाति के युवक युवती ने प्रेम विवाह कर लिया तो युवती के परिवार वालो ने पुलिस से व राजनैतिक दबाव डलवाने शुरू कर दिए । डर के मारे दोनो ने बिलासपुर आकर अधिवक्ता आशीष शुक्ला से मुलाकात की । शुक्ला ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की जिस पर पहली ही सुनवाई में कोर्ट ने याचिका को निराकृत करते हुए रायगढ़ के एसपी को नवदम्पत्ति की और युवक के परिवार को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है ।
प्रकरण के मुताबिक रायगढ़ जिले के सरिया क्षेत्र निवासी रामभरोस पटेल की पुत्री रश्मि और लक्ष्मण मेश्राम के पुत्र कमल किशोर के बीच प्रेम सम्बन्ध था । दोनों ने एक राय होकर 13 अक्टूबर 19 को रामपुर कोरबा के आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लिया ।उसके बाद 30 अक्टूबर 19 को कलेक्टर कोरबा के यहां विवाह का पंजीयन कराने आवेदन दिया ।
चूंकि युवक आदिवासी और युवती अघरिया पटेल है इसलिए युवती के परिजन इस विवाह को स्वीकार नहीं कर रहे थे तथा युवती का पुनर्विवाह स्वजातीय युवक से कराना चाह रहे थे इसलिए नवदम्पत्ति पर लगातार दबाव बढ़ रहा था । पुलिस भी उन्हें बयान लेने के नाम पर बार बार बुला रही थी ।वे दोनों डर के मारे रायगढ़ एसपी से मिलने के बजाय बिलासपुर आ गए और अधिवक्ता आशीष शुक्ला से भेंट कर पूरी बात बताई । इस पर श्री शुक्ला ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर कहा कि नवदम्पत्ति बालिग है और अपना निर्णय लेने दोनो सक्षम है इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए ।।
याचिका को स्वीकार करते हुए पहली ही सुनवाई में जस्टिस संजय के अग्रवाल ने निराकृत कर दिया और रायगढ़ एसपी को निर्देशित किया है कि नवदम्पत्ति तथा प्रेम विवाह किए युवक के परिवार को भी पूरी सुरक्षा प्रदान की जाए ।