बिलासपुर।कहते हैं न कि केक कटेगा तो सबमें बटेगा,जी हां भारतीय जनता पार्टी में यही सब होने वाला है यानि विधानसभा चुनाव में नए चेहरों को प्राथमिकता देने के ढिंढोरे की हवा निकलने वाली है। दरअसल कर्नाटक चुनाव के नतीजे ने भाजपा को अंदर तक हिलाकर रख दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के तमाम पैतरे कर्नाटक में फेल हो गए इसलिए 6 माह बाद विभिन्न राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनावों में भाजपा कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहती और चाहे जैसा भी हो इन राज्यों में बहुमत पाने के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर नए चेहरों को महत्व तो दिया जायेगा लेकिन पुराने चेहरे और प्रभावी पदो पर रहे पार्टी नेताओं को भी पार्टी अब टिकट देगी ।इतना ही नहीं पूर्व मंत्रियों, पिछले चुनाव में किन्ही कारणों से हार चुके कद्दावर नेताओं और मंत्री रह चुके पार्टी के बड़े चेहरों को भी टिकट दिया जायेगा ताकि ऐसे चेहरों जिन्हे क्षेत्र की जनता दो दशक से जानती पहचानती है, के चुनाव लड़ने से आसपास के कई विधानसभा क्षेत्रों में प्रभाव पड़ेगा। पार्टी के नेताओ को यह भी अच्छी तरह पता है कि ऐसे नेताओं की टिकट काटने से भी आसपास के विधानसभा क्षेत्रों में विपरीत असर पड़ सकता है। शायद यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को प्रत्याशी बनाए जाने की अपेक्षा पुराने और प्रभावी नेताओं को भी टिकट दिए जाने का संभवतः निर्णय लिया जा चुका है लेकिन इसे सार्वजनिक इसलिए नही किया रहा कि कहीं टिकट के नए दावेदारों का उत्साह कम न हो जाए। अभी फिलहाल भाजपा संगठन के पदाधिकारियों और नेताओ का उन विधानसभा क्षेत्रों का धुंआधार दौरा चल रहा है जहां से सरकार बनाने का रास्ता शुरू होता है ।नवतपा के भीषण गर्मी और लू के बाद भी पार्टी संगठन के बड़े नेता पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय पदाधिकारियों को बैठक लेकर पसीना बहाने में कोई गुरेज नहीं कर रहे। जीत की और बहुमत पाने की चाबी खोजने में संगठन के नेता इन दिनों भारी मशक्कत कर रहे है । छत्तीसगढ़ में 14 सीटो को बढ़ाकर 50 से ऊपर सीटो पर जीत दर्ज करने पार्टी कार्यकर्ताओं में अभी से से ऊर्जा भरने अथक कोशिश हो रही है।
अब बात मुख्य मुद्दे की करें यानि किनकी टिकट पक्की होने की संभावना है तो पार्टी सूत्रों से छनकर आ रही खबरों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह,पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरम लाल कौशिक के साथ ही पिछले विधानसभा चुनाव में पराजित हो चुके पूर्व मंत्रियों केदार कश्यप,अमर अग्रवाल ,गौरीशंकर अग्रवाल के साथ ही राजेश मूणत को भी भाजपा चुनाव लड़ाएगी ।पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल ने तो जनसंपर्क तथा राज्य सरकार के खिलाफ अभियान तक शुरू कर दिया है ।पूर्व मंत्री पुन्नू लाल मोहले का टिकट कटने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उन्होंने पिछले चुनाव में भी जीत दर्ज कर किया था और श्री मोहले का विकल्प न तो भाजपा के पास है और न ही कांग्रेस के पास है। इसके पहले भी भाजपा में सिर्फ दो नेताओ बृजमोहन अग्रवाल और पुन्नू लाल मोहले की टिकट पहले से ही तय मानी जा रही है।
Sat Jun 3 , 2023
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