बिलासपुर – भाजपा से काँग्रेस प्रवेश कर दो दिनों तक सुर्खियों में रहने वाले रेलवे क्षेत्र के व्ही रामराव ने आज साफ इंकार कर दिया वे काँग्रेस में शामिल हुए है बल्कि उन्होंने अपने को भाजपा का सच्चा सिपाही और निष्ठावान कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि पार्षद की टिकट से उन्हें षणयंत्र पूर्वक वंचित किया गया है पार्टी के बड़े लोग नही चाहते कि वह राजनीति में आगे बढ़े फिर भी पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौपेगी उसे निभाएंगे ।।
भारतीय जनता पार्टी पार्षद टिकट आबंटन के नाटकीय घटनाक्रम के केंद्र बिंदु में रहे रेलवे क्षेत्र के चार बार के पार्षद वी रामाराव इस दौरान पूरे वक्त सुर्खियों में रहे। संगठन के समर्थन के बावजूद पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव के दौरान उनका प्रचार नहीं करने की अदावत भुनाते हुए उनका टिकट काट दिया। जिसके बाद चर्चा यह थी कि शहर विधायक शैलेश पांडे के साथ जाकर उन्होंने रायपुर में कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। लेकिन भीतर खाने से यह भी खबर आई कि अटल और शैलेश की तनातनी में कांग्रेस में भी रामाराव के टिकट पर संशय की तलवार लटक रही थी। जिसके बाद बीजेपी के बड़े नेताओं द्वारा समझाने पर रामाराव एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी में लौट आए ।सुबह का भूला शाम को लौटा तो फिर इसकी खबर भी मीडिया को देने शुक्रवार को रामाराव बिलासपुर प्रेस क्लब पहुंच गए। यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी निष्ठा आज भी भारतीय जनता पार्टी के प्रति है और इस बार वे पार्षद का चुनाव भले ना लड़े लेकिन भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करेंगे । हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि सामान्य सीट से पिछड़े वर्ग के कैंडिडेट को अवसर दिया गया है। वहीं चुनाव से पूर्व किए गए सर्वे में उनका नाम सबसे ऊपर होने के बावजूद उनकी जगह दूसरे प्रत्याशी को अवसर दिया गया है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के कहने पर उन्होंने प्रचार का प्रयास किया था लेकिन रेलवे जोन प्रभारी अशोक विधानी उनके आड़े आ गए। जिस कारण से वे नियमित प्रचार नहीं कर पाए और यही बात अमर अग्रवाल को चुभ गयी। रेलवे क्षेत्र में होने वाले कार्यक्रमों में भी शैलेश पांडे को मुख्य अतिथि बनाने से नाराज अमर अग्रवाल ने उनका टिकट काट दिया। अब रामाराव संगठन में रहकर पार्टी के निर्देशानुसार काम करने की बात कह रहे हैं । पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए रामाराव ने कहा कि भविष्य में उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसका वे निर्वहन करेंगे। हालांकि पार्टी का संगठन चुनाव भी हो चुका है और पार्षद के साथ विधायक और सांसद का चुनाव भी संपन्न हो गया। इसलिए निकट भविष्य में उनके पास बड़े अवसर नहीं आने हैं। लेकिन कांग्रेस में जाकर अपनी दुर्गति कराने की जगह रामाराव ने भाजपा में रहकर ही अच्छे वक्त का इंतजार करने का फैसला लिया है। पत्रकार बार-बार उन्हें कुरेदते रहे कि उन्होंने रायपुर में जाकर पीएल पुनिया के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी फिर ऐसा क्या हुआ कि उन्हें यू टर्न लेना पड़ा। लेकिन इन सवालों को खारिज करते हुए रामाराव ने साफ कहा कि वह कभी भी कांग्रेस में नहीं गए थे और भविष्य में भी उनका ऐसा कोई इरादा नहीं है। इस मुद्दे पर शहर विधायक शैलेश पांडे ने बयान दिया था कि रामाराव ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है ।इस सवाल के जवाब में रामाराव ने कहा कि पता नहीं शहर विधायक ऐसा क्यों कह रहे हैं लेकिन रामाराव ने ऐसे सभी अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया कि उनका ना तो कांग्रेस में जाने का कोई इरादा है और ना ही वे निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं । हालांकि पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने इस बात का मलाल जरूर जाहिर किया कि सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग के प्रत्याशी को अवसर नहीं दिया गया और न हीं बिलासपुर में किए गए सर्वे सूची का ही पालन किया गया। हलाकि इसी के साथ रामाराव के राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आने वाले 5 सालों तक बिना किसी पद के उनका राजनीतिक भविष्य क्या और कैसा होगा यह देखना होगा।