बिलासपुर। लोकतंत्र के महायज्ञ में वोट रूपी आहुति किसी नेता का भविष्य नहीं बल्कि जनता का अपना भविष्य तय करती है। एक वोट देश, प्रदेश विधानसभा और गांव का भविष्य निर्धारण करता है। इसीलिए इस अवसर को किसी लोभ, लालच ,भय और प्रलोभन में पड़कर वोट जाया करने की बजाय निर्भीक और पूरी समझदारी- ईमानदारी के साथ वोट देने की आवश्यकता है। यही कारण है कि मस्तूरी विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी लगातार अपने चुनाव प्रचार के दौरान सभी ग्रामीणों को शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। चुनाव पंडितों का भी मानना है कि अगर छत्तीसगढ़ में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा, इसलिए वोटिंग प्रतिशत अधिक से अधिक करने पर पार्टी के प्रत्याशी जोर दे रहे हैं, तो वही भाजपा पूरी तरह से विकास एवं राष्ट्रवाद के नाम पर जनता से समर्थन मांग रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता दोनों मुख्य दलों की घोषणाओं को भांपने का प्रयास कर रहे हैं। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी ने वशी ठोस घोषणाये की है जिन्हें राज्य में सरकार बनने के बाद पार्टी पूरा कर सकती है, लेकिन भाजपा के घोषणा पत्र की नकल करते हुए कांग्रेस ने हवा हवाई घोषणा कर दी। जिनमे से अधिकांश भाजपा के घोषणाओं की नकल भर है। डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महतारी वंदन योजना के तहत सभी विवाहित महिलाओं को ₹12000 वार्षिक प्रदान करेंगे। इसकी देखा देखी कांग्रेस ने भी ₹15,000 देने का ऐलान तो कर दिया लेकिन ऐसा ही ऐलान वह कर्नाटक से लेकर हिमाचल प्रदेश ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश में भी कर चुकी है जो सिर्फ वादों तक ही सीमित रहे। जब कांग्रेस ने चुनाव जीतने के बाद इन राज्यों में अपने वायदे पूरे नहीं किये तो जाहिर है छत्तीसगढ़ में भी लोग एक बार फिर से छले जाएंगे । कांग्रेस गैस सिलेंडर में ₹500 सब्सिडी देने की बात कह रही है। अगर कांग्रेस ऐसा कर सकती है तो फिर उन राज्यों में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा जहां कांग्रेस की सरकार है । जाहिर है कांग्रेस केवल चुनावी वायदे कर रही है। ठीक उसी तरह जैसे पूर्ण शराब बंदी का वादा किया गया था। कांग्रेस ने विधवा पेंशन के हजार रुपए, बुजुर्ग पेंशन के डेढ़ हजार रुपए नहीं दिए। शराबबंदी नहीं की। महिला स्व सहायता समूह का कर्ज माफ नहीं किया , उल्टे उनसे काम को ही छीन लिया, जिससे मस्तूरी क्षेत्र की भी सैकड़ो ग्रामीण महिलाएं बेरोजगार हो गई है । इससे पहले भी ग्रामीण महिलाओं को हर वर्ष चार सिलेंडर देने का वादा किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया। सहायक शिक्षकों के वेतन की विसंगति का मामला भी अटका हुआ है। लाखों सरकारी कर्मचारियों को केंद्र की भांति महंगाई भत्ता नहीं मिला। ऐरियर्स की राशि गोबर घोटाले में खर्च कर दी गई। बेरोजगारी भत्ता देने के नाम पर शर्तों में उलझा दिया गया। शिक्षकों की विधवाओं को अनुकंपा नियुक्ति देने का भी वादा हवा हवाई साबित हुआ। विभागों में पदोन्नति के मामले भी लटके हुए हैं। छत्तीसगढ़ का किसान खाद, बीज, उर्वरक को तरस रहा है। जाहिर है कांग्रेस केवल झूठी घोषणाओं की झड़ी लगाकर मतदाताओं को झांसा देकर सत्ता पर काबिज होना चाहती है जिसके बाद सत्ता की मलाई कांग्रेस के नेता और उनके कुछ खास विशेष वर्ग के लोग उठाएंगे।
एक तरफ प्रदेश में शराब बंदी के नाम पर चुनाव जीतती है तो वही महामारी की आड़ में शराब पर सेस लगाकर टैक्स वसूलती हैं। कांग्रेस की नीतियों के विरोधी अनुसूचित जाति को नग्न प्रदर्शन करना पड़ा, जिसे छत्तीसगढ़ की जनता नहीं भूलेगी। मुख्यमंत्री हजारों करोड़ की घोषणाएं करते हैं लेकिन यह राशि कहां जाती है यह जवाब देने मुख्यमंत्री कभी सामने नहीं आते। डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने मुख्यमंत्री को कांग्रेस आलाकमान का एटीएम बताते हुए कहा कि प्रदेश को लूटकर पार्टी का खजाना भरा जा रहा है ,इसलिए 5 वर्षों बाद जनता के हाथ में ऐसे भ्रष्ट सरकार को बदलने का अवसर आया है, इसलिए अपना वोट इधर-उधर बर्बाद करने की बजाय ईमानदार राष्ट्रवादी और परखे हुए उम्मीदवार को ही देने की बात कही गई है । प्रदेश में बढ़ते अपराध और गुंडाराज को भी समाप्त करने के लिए 17 नवंबर को अनिवार्य रूप से वोटिंग करने की बात डॉक्टर बांधी कर रहे हैं, ताकि मस्तूरी से भी माफिया राज, लालफीता शाही, तानाशाही खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में लंबित विकास कार्यों को राज्य में सरकार बनते ही 6 महीने के भीतर पूरा किया जाएगा, जिसमें बिजली की समस्या प्राथमिकता होगी । 17 नवंबर को रामराज की परिकल्पना को साकार करने के लिए कमल के निशान पर मोहर लगाने की अपील डॉक्टर बांधी और उनके समर्थक लगातार कर रहे हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन गाजे बाजे के साथ ग्रामीण इलाकों में सघन जनसंपर्क करते हुए डॉक्टर बांधी ने जनता का आशीर्वाद मांगा।