बिलासपुर ।प्रदेश में सरकार बनाने भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है लेकिन 5 दिन बीत जाने के बाद भी पार्टी सीएम तय नहीं कर पाई है ।संभव है कल शनिवार को धुंध का बादल छट जाए मगर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष तीनों राज्यों के लिए मुख्यमंत्री का नाम आसानी से तय कर पाना थोड़ा मुश्किल जान पड़ रहा था क्योंकि दावेदार कई है। वैसे यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिसे चाहेगे वही सी एम बन सकेगा और श्री मोदी ने नाम फाइनल कर दिया है ।पर्यवेक्षक गण रायपुर आकर सिर्फ नाम की घोषणा करेंगे और बताया जाएगा कि भाजपा के सभी विधायकों ने सर्वानुमति से सी एम पद के लिए फलाने का नाम सुझाया है ।सबसे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव का नाम सी एम पद के लिए आया और अभी भी वे दौड़ में सबसे आगे है ।श्री साव यदि सी एम बनते हैं तो निश्चित रूप से प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद पर किसी और नेता की ताजपोशी होगी ।सी एम पद के लिए भले ही विष्णुदेव साय,रेणुका सिंह , डा रमन सिंह ,रामविचार नेताम , ओ पी चौधरी के साथ ही महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस,और संघ पृष्टभूमि के पूर्णेंदु सक्सेना का नाम मीडिया में चल रहे है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री किसे बनाना है यह तय कर दिया है और पर्यवेक्षक गण इसकी घोषणा विधिवत रूप से शनिवार को कर देंगे ।फिर भी मुख्यमंत्री के दावेदार भाजपा विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत अन्य नेताओ से मिलने का क्रम जारी रखे हुए है। भाजपा में यह भी कहा जाता है कि किसी को कुछ नही बनाया जाना है तो उनका नाम दावेदारों के तौर पर उछाल दिया जाता है।यदि मुख्यमंत्री का नाम आश्चर्य जनक होता है तो मंत्रिमंडल भी उसी तरह का हो सकता है। अविभाजत बिलासपुर जिले में धरम लाल कौशिक,अमर अग्रवाल ,धर्मजीत सिंह ,पुन्नुलाल मोहले और अरुण साव ,सुशांत शुक्ला पार्टी के निर्वाचित विधायक है ।बड़ा सवाल यह है कि इन सारे विधायकों को क्या मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है? यदि नहीं तो किस किस को मंत्री बनाया जायेगा यह उत्सुकता भी कई दिनों तक रहेगी ।इधर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के महाअधिवक्ता का पद भी रिक्त हो चुका है तो क्या भाजपा के पिछले शासन की ही तरह महाअधिवक्ता का पद नागपुर से भरा जाएगा? उल्लेखनीय है पिछले कार्यकाल में नागपुर की पसंद के अधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा को महाअधिवक्ता नियुक्त किया गया था ।श्री गिल्डा अभी हाल ही में बिलासपुर आए थे ।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव जो हाईकोर्ट में उप महाअधिवक्ता रह चुके है,का नाम यदि किसी कारणवश मुख्यमंत्री पद से चूक जाता है तो उन्हें उप मुख्यमंत्री का पद और विधि विधायी विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है ।बहरहाल 24 घंटे तो प्रतीक्षा करनी ही पड़ेगी ।