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April 8, 2025 5:02 am

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मंत्रिमंडल गठन के लिए 24 दिसंबर तक करना पड़ सकता है इंतजार, शिवराज,वसुंधरा के अगले कदम की प्रतीक्षा की जा रही,पुराने मंत्रियों की छुट्टी होने का खतरा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ ,मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन जाने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व या सीधे शब्दों में कहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद पर नए चेहरों को मौका देकर पार्टी के पुराने और वरिष्ठ नेताओं की स्थिति ऐसी कर दी है कि उन्हें ना कुछ कहते बन रहा है और नहीं कुछ सहते बन रहा है। श्री मोदी और श्री शाह ने तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के लिए शपथ समारोह तो करवा दिया लेकिन मंत्रिमंडल के गठन के इंतजार को लंबा कर दिया है। दरअसल तीनों राज्यों में जिस तरह नए चेहरों को बागडोर संभालने की जिम्मेदारी दी गई  है उससे पुराने नेताओं और लंबे समय तक मंत्री रहे वरिष्ठ नेताओं के दिलों दिमाग पर क्या चल रहा है यह जानने की कोशिश श्री मोदी और श्री शाह द्वारा अपने विश्वस्त सिपहसलारों के माध्यम से किया  जा रहा है और छत्तीसगढ़ में डॉक्टर रमन सिंह ,मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान तथा राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में पार्टी के खिलाफ कुछ कदम तो नहीं उठाया जा रहा है? इसका इंतजार किया जा रहा है ।यदि तीनों राज्यों के इन तीनों मुख्यमंत्री द्वारा शांत रहकर पार्टी हित में नए मुख्यमंत्री का सहयोग किया जाता है तो तीनों ही राज्यों में पुराने पूर्व मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा लेकिन यदि थोड़ी भी बगावत की बू आती है तो तीनों राज्यों में कुछ पुराने चेहरों को मंत्रिमंडल में एडजस्ट कर उठने वाले बगावत को ठंडा करने का प्रयास किया जायेगा ऐसा इसलिए भी किया जाना जरूरी है क्योंकि सामने लोकसभा का चुनाव है ।बात करें छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के गठन की तो  सूत्रों के मुताबिक 24 दिसंबर तक इसके लिए और इंतजार करना पड़ सकता है ।छत्तीसगढ़ में भी नए चेहरे और पुराने मंत्रियों के बीच मामला लटका हुआ है कहा तो यह भी जा रहा है कि पार्टी मंत्रिमंडल गठन को लेकर कड़े निर्णय ले सकती है और नरम स्वभाव तथा सुविधा संतुलन के हिसाब से राजनीति करते आए नेताओं को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है चूंकि तीनों राज्यों में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के चयन में पार्टी ने जिस तरह तेज तर्रार और हिंदुत्व को लेकर फर्राटेदार बोलने वाले युवा ओजस्वी विधायको को महत्व दिया है उससे स्पष्ट हो गया है कि हिंदुत्व की चासनी में डूबकर निकले नए लोग ही आने वाले समय में भाजपा का नेतृत्व करेंगे ।मंत्रिमंडल में भी ऐसे ही चेहरों को अहमियत दी जाएगी।मोदी और शाह के निर्णय पार्टी के लिए दूरगामी परिणाम देने वाले है ।भाजपा में एक  और महत्वपूर्ण चेंजिंग आया है कि अब किसी भी नेता को सरकार में रहने के लिए वर्षो तक के लिए न  तो पट्टा दिया जाएगा और न ही रिनिवल किया जायेगा ।पांच साल का पट्टा मिलेगा और काम अच्छा हुआ तो पट्टे का रिनिवल सिर्फ 5 साल के लिए ही और कर दिया जायेगा। मंत्रिमंडल में जिन भी विधायको को मौका दिया जायेगा जरूरी नहीं कि उन्हें  लगातार रखा जायेगा ।संभव है ,कई को लोकसभा चुनाव भी लड़वाया जा सकता है ।

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