बिलासपुर ।कांग्रेस में सिर्फ 7 माह गुजारने के बाद आदिवासी नेता नंद कुमार साय ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है ।बड़ा सवाल क्या श्री साय भाजपा में वापस लौट रहे है और क्या श्री साय को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिल चुकी है ?यदि ऐसा है तो श्री साय की अब भाजपा में क्या उपयोगिता रहेगी?
करीब 7 माह पहले ही नंद कुमार साय ने दुखी मन से भाजपा को छोड़ा था ।कांग्रेस में शामिल होते ही पार्टी ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें सी एस आई डी सी का चेयरमैन बना दिया था ।सात माह तक सरकारी सुविधाएं लेने के बाद जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सत्ता चली गई तो श्री साय ने शायद वापस भाजपा में लौट जाने जाने का मन बना लिया ।यदि वे कांग्रेस में शामिल होने के बजाय भाजपा में ही रहते तो शायद वे विष्णुदेव साय के स्थान पर मुख्यमंत्री होते लेकिन ऐसा हो न सका ।अब उन्होंने कांग्रेस भी छोड़ दी है शायद भाजपा के बड़े नेताओ से ससम्मान जनक पार्टी में वापसी के लिए बात कर ली होगी यदि ऐसा न हो तो शायद सक्रिय राजनीति में नही रहने का उन्होंने मन बना लिया हो । नंद कुमार साय के भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने पर पूर्व मंत्री बृज मोहन अग्रवाल ने टिप्पणी की थी कि श्री साय मन से भाजपा में है और उनका तन कांग्रेस में गया है ।वे लौटेंगे । श्री साय ने अपने इस्तीफा में लिखा है कि ”कुछ समय पहले किन्हीं स्थितियों के कारण मैंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, कुछ दिनों तक पार्टी में रहकर निष्ठा पूर्वक कार्य भी कियामेरे सामने जो परिस्थितियां उपस्थित हुई है, उसे देखकर मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्य से त्याग पत्र दे रहा हूं.” साय के इस पत्र के बाद 13 दिसंबर की चर्चा फिर हो रही है. क्योंकि साय ने कांग्रेस पार्टी में रहते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को बधाई देने पहुंचे थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साय को बीजेपी में फिर से वापस लाने के लिए बातचीत हुई थी। माना जा रहा है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से अनुमति मिलने के बाद साय बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल को नंद कुमार साय ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।पार्टी के सभी जिम्मेदारियों से खुद को अलग कर दिया था। इसके अगले दिन 1 मई को नंद कुमार साय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। इस दौरान नंद कुमार साय ने कहा था कि ”अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी जैसे लोगों के साथ रहा हूं।अटल बिहारी वाजपेयी को फॉलो करता था। अटल आडवाणी के दौर की जो बीजेपी थी, वो पार्टी अब उस रूप में नहीं है. परिस्थितियां बदल चुकी हैं ।इसलिए वे भाजपा छोड़ रहे है ।आज उन्होंने कांग्रेस भी छोड़ दी है ।
Wed Dec 20 , 2023
बिलासपुर।खनिज अमला बिलासपुर द्वारा विगत 05 दिनों में खनिजो के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर लगातार कार्यवाही कर रहा है। कोनी, रतनपुर, मस्तुरी, सिरगिट्टी एवं बिलासपुर क्षेत्रों में सतत निरीक्षण कर अवैध खनिज परिवहन कर रहे कुल 11 वाहनों को जप्त कर खनिज अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया है। […]