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November 22, 2024 1:19 am

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विश्वविद्यालय मानव निर्माण तथा ज्ञान सृजन की संस्था- राज्यपाल ,सीयू में दो दिवसीय कुलपति समागम का शुभारंभ


बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) मध्य क्षेत्र कुलपति समागम का उद्घाटन समारोह गुरुवार 18 जनवरी  को अपरान्ह 1.30 बजे आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि श्री विश्वभूषण हरिचंदन,  राज्यपाल  छत्तीसगढ़ रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में  अतुल कोठारी सचिव, सांस्कृतिक उत्थान न्यास नई दिल्ली उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने की। मंच पर प्रो. विनय कुमार पाठक, उपाध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ, डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ, प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, प्रो. नीलांबरी दवे, कुलपति, सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट एवं प्रो. मनीष श्रीवास्तव, कुलसचिव गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर उपस्थित रहे।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री विश्वभूषण हरिचंदन,  राज्यपाल   ने अपने उद्बोधन में कहा कि नये-नये अनुसंधान एवं नवाचारों के माध्यम से नये ज्ञान का सृजन करना विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण काम है। विश्वविद्यालय के स्वयं के अस्तित्व के साथ-साथ देश दुनिया की निरंतरता के लिए भी नित नये अनुसंधान किया जाना अनिवार्य माना गया है। उन्होनें कहा कि भारत सशक्त नेताओं का देश रहा है। भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान तो पोखरण परमाणु परीक्षण के समय अटल बिहारी बाजपेयी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान का नारा दिया। वहीं वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसमें जय अनुसंधान भी जोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय मानव निर्माण की संस्था है और यहां के छात्रों को त्याग एवं समर्पण की शिक्षा दी जानी चाहिए। वसुधैव कुटुम्बकम् के रास्ते पर चलते हुए हमारा देश पूरे दुनिया को दिशा दिखाएगा। उन्होंने यह भी कहा भारत अब कमजोर राष्ट्र नहीं रहा। अमेरिका, रूस जैसी महाशक्तियाँ भी अब भारत को महत्व देने लगी हैं। उन्होनें इस अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा प्रकाशित पत्रिका यूनिवर्सिटीस न्यूज लेटर के विशेषांक का विमोचन भी किया।
इससे पूर्व स्वागत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यह सौभाग्यशाली क्षण है कि प्रदेश के  राज्यपाल ने अपनी गरिमामय उपस्थिति से हमें अनुग्रहित किया। यह हर्ष का विषय है कि भारतीय विश्वविद्यालय संघ का मध्य क्षेत्र बनने के बाद इसका पहला सम्मेलन सन् 2012 में गुरू घासीदास विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया था। हम सब गौरवान्वित है कि एक बार फिर मध्य क्षेत्र का कुलपति समागम यहां आयोजित हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस समागम में शामिल होने के लिए कुल 61 कुलपतियों ने अपना पंजीयन कराया है। इनमें से 35 कुलपति आज यहां उपस्थित हैं। किसी कुलपति समागम में शामिल होने वाले कुलपतियों की यह सबसे बड़ी संख्या है।

डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने संघ के कार्यो एवं गतिविधियों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि एआईयू करीब 100 साल पुरानी संस्था है। सन् 1925 में इसकी स्थापना हुई। विश्व में विश्वविद्यालयों का यह सबसे बड़ा संगठन है। वर्तमान में 990 विश्वविद्यालय इसके सदस्य हैं। भारतीय विश्वविद्यालय संघ छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबध्द है। उन्होंने कहा कि एआईयू, विश्वविद्यालयों के संरक्षक की तरह है। किसी प्रकार की समस्या आने पर यह विश्वविद्यालयों की सहायता करता है। प्रो. विनय कुमार पाठक, उपाध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ, ने कहा की पिछले 10 वर्षो में देश में नवाचार एवं शोध का वातावरण बना है। नवाचार एवं अनुसंधान को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री ने 16 जनवरी को स्टार्ट अप डे घोषित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने के लिए तकनीकी सीखना एवं सीखने में पारंगत होना जरूरी है। इसके लिए देश के युवाओं को आगे आना होगा।
प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा की यह गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के ऊर्जावान एवं दूरदर्शी कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल की प्रतिबध्दता एवं समर्पण का प्रतिफल है कि इस विश्वविद्यालय का हैप्पीनेस इंडेक्स उच्चतम है। पूरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है, जिसे हम माँ कहते हैं। वहीं छत्तीसगढ़ देश का एक मात्र प्रदेश है, जिसे छत्तीसगढ़ महतारी संबोधित किया जाता है यह हमारे देश के ऋषि-मुनियो की परम्परा है। भगवान राम ने अपने वनवास का 10 साल मध्य भारत में बिताया था। अपने जीवन की रूकावटों को दूर करते हुए वे आगे बढ़ गये। इसी तरह मध्य क्षेत्र में आयोजित इस समागम में उच्च शिक्षा के क्षेत्र की सभी रूकावटें दूर होंगी। उन्होनें यह भी कहा की पहली बार हम भारतीय शिक्षा को अपने पड़ोसी देशों में ले जा रहे हैं। भारतीय विश्वविद्यालय संघ पहले नेपाल, फिर बांग्लादेश, भूटान एवं श्रीलंका में सम्मेलन आयोजित करेगा।
विशिष्ट अतिथि  अतुल कोठारी सचिव, सांस्कृतिक उत्थान न्यास नई दिल्ली ने कहा कि आजादी के 100 साल पूरे होने पर किस तरह का भारत चाहते हैं? इस पर व्यापक चिंतन एवं विमर्श प्रारंभ हुआ है। सन् 2047 तक भारत को विश्व गुरू बनाना हमारा सपना है। यह सपना तभी साकार होगा जब यहां की शिक्षा उस तरह की हो। देश को विश्वगुरू बनाने के लिए शिक्षा पर ध्यान देना होगा। प्रत्येक विश्वविद्यालय में इस पर चिंतन, मनन एवं विमर्श प्रारंभ होना चाहिए। आधुनिक शिक्षा में नवाचार एवं शोध महत्वपूर्ण है और यह विश्वविद्यालय इस दिशा में सही कदम बढ़ा रहा है। प्रतिदिन देश में हजारों पीएचडी की डिग्री प्रदान की परंतु इनमें से कितनी देश एवं मानवता के लिए उपयोगी है, यह देखना होगा। भारतीय ज्ञान परम्परा के अनुसार शोध होना चाहिए। साथ ही शोध अपने मातृभाषा में होना चाहिए। शोध को स्थानीय आवश्यकताओं के साथ जोड़ने की जरूरत है। शोध ही किसी देश की प्रगति का आधार बनता है।
कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ सरस्वती एवं गुरू घासीदास जी की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्जवलन हुआ। इसके पश्चात् मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधों से स्वागत किया गया। तत्पश्चात मंचस्थ अतिथियों को शॉल, श्रीफल से सम्मानित करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। अंत में प्रो. मनीष श्रीवास्तव, कुलसचिव गुरू घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर ने आभार प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक, वानिकी विभाग ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, गुरू घासीदास विश्वविद्यालय के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक एवं छात्र काफी संख्या में उपस्थित रहे।
*शीर्ष अधिकारियों के साथ संवाद एवं बिजनेस सत्र आयोजित*
सुबह 10 बजे से शीर्ष निकायों के अधिकारियों के साथ संवाद का सत्र हुआ। इस सत्र के अध्यक्ष प्रो.विनय कुमार पाठक, उपाध्यक्ष, भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं सह-अध्यक्ष डॉ.(श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव, भारतीय विश्वविद्यालय संघ रहीं। इस सत्र के वक्ताओं में प्रो. गणेसन कन्नाबिरण,निदेशक, नैक, बैंगलोर एवं डॉ. सीमा जग्गी, एडीजी (एजुकेशन) आईसीएआर आभासी माध्यम से तथा डॉ. आर. के. सोनी एडवाइजर-II, एआईसीटीई, नई दिल्ली रहे। एआईयू बिजनेस सत्र आयोजित हुआ इस सत्र के अध्यक्ष प्रो.जी.डी.शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ एवं सह-अध्यक्ष डॉ.(श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव,भारतीय विश्वविद्यालय संघ रहीं।
*कल 19 जनवरी को होगा समापन*
भारतीय विश्वविद्यालय संघ मध्य क्षेत्र के कुलपतियों का सम्मलेन 2023-24 का समापन समारोह दिनांक 19 जनवरी, 2024 को अपराह्न 12.30 बजे आयोजित होगा। समापन समारोह के मुख्य अतिथि  अरुण साव,  उप मुख्यमंत्री,  होंगे। अध्यक्षता प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ करेंगे। यूनिवर्सिटी न्यूज की सम्पादक डॉ.एस.रमा देवी पाणी प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगी। प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल, कुलपति, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय देंगे। अंत में डॉ. आलोक कुमार मिश्रा, संयुक्त सचिव, भारतीय विश्वविद्यालय संघ आभार प्रदर्शन करेंगे।

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