????????????मेरे झोपड़ी में राम आयेंगे????????????
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मेरे झोपड़ी में राम आयेंगे
मेरे संग संग गुनगुनाएंगे
मेरे झोपड़ी में राम आयेंगे
मेरे गांव के गलियों में,
प्रभात फेरियों में राम आयेंगे
जन जन को जगाएंगे,राम आयेंगे
जंगल ,झाड़ी,पहाड़,पर्वत ,मुझे घुमाएंगे
कल -कल करती झरनों में कर्ण प्रिय गीत
मुझे सुनाएंगे,मेरे राम जरूर आयेंगे
गरीब -दुबर के माटी के घर,
लीपे पोते घर अंगना,खपरा छानी
पहुना बन पैर धुलवाएंगे,आयेंगे
दुख हरता,सुख करता राम आयेंगे
जन जन को विराट रूप दिखाएंगे
मेरे राम,मेरे घर जरूर आयेंगे
चूंकि मेरे राम सब रूपों में,सबके राम
घट घट वासी,प्रेम पिपासी राम
जगत पसारा जग से न्यारा दसरथ जाए
सब रूपों में मेरे राम आयेंगे
नित प्रति अपना रूप दिखाएंगे
मेरे राम मेरे झोपड़ी में आयेंगे
मैं लालची,मैं क्रोधी,मैं कामी
नख सिख भरा विकार, मैं स्वार्थी
आकर मेरे राम मुझे जरूर समझाएंगे
जब से जन्म लिया तब से मेरे भीतर
रोना, हंसना,रीझना, खीझना सब
रूप अलग अलग दिखलाएंगे
मेरे झोपड़ी में मेरे राम आयेंगे
मेरे रा म न जात पात में
निर्मल मन में एक विश्वास में
खुश होकर सदा आयेंगे
मेरे झोपड़ी में मेरे राम आयेंगे।।