बिलासपुर में कांग्रेस महापौर व सभापति निर्विरोध निर्वाचित हुए , भाजपा ने प्रत्याशी खड़े नही किये , रामशरण यादव महापौर और शेख नजीरुद्दीन बने सभापति
बिलासपुर । महापौर और सभापति का चुनाव कांग्रेस ने एकतरफा जीत लिया । दोनो पदों के लिए मतदान की नौबत ही नही आई क्योकि भाजपा ने क्रॉस वोटिंग के डर से हथियार डालते हुए प्रत्याशी ही खड़ा नही किये जिस वजह से कांग्रेस प्रत्याशी रामशरण यादव महापौर और शेख नजीरुद्दीन सभापति पद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए । बिलासपुर नगर निगम के इतिहास में पहली बार महापौर और सभापति का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है वही भाजपा के लिए आज का दिन सबसे खराब रहा कि वह चुनाव मैदान से ही हट जाने के लिए विवश हो गई ।
बिलासपुर नगर निगम के महापौर और सभापति के चुनाव के लिए लखीराम आडिटोरियम में सुबह 9 बजे प्रक्रिया शुरू हुई पहले कांग्रेस भाजपा के निर्वाचित सभी 70 पार्षदो को कलेक्टर ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई उसके बाद सभी पार्षदो का ग्रुप फोटो सेशन हुआ । महापौर के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू होती उसके पहले कांग्रेस के सारे पार्षद चंद्रिका होटल में चले गए तो भाजपा के पार्षद जिला भाजपा कार्यालय पहुँच गए और वही महापौर प्रत्याशी को लेकर रणनीति बनाते रहे । इसी बीच कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी के नाम को लेकर चर्चा चलती रही । मामला सिर्फ 2 नामों रामशरण यादव और शेख नजीरुद्दीन तक ही सीमित रहा ।
महापौर के लिए नामांकन दाखिल करने का समय शुरू होने पर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पार्षद रामशरण यादव अपने समर्थंक और प्रस्तावक को लेकर पहुंचे तो स्पष्ट हो गया कि वही कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी है । उन्होंने 2 सेट में अपना नामांकन पत्र जमा किया । उसके बाद आधे घण्टे का समय शेष था भाजपा की ओर से किसी भी पार्षद के नही आने से यह खबर तेजी से फैली कि भाजपा ने चुनाव नही लड़ने का फैसला लिया है और ऐसा आदेश रायपुर से पार्टी की तरफ से आया है ।
ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी रामशरण यादव के निर्विरोध महापौर निर्वाचित होने की संभावना बढ गई । निर्धारित समय सीमा तक भाजपा ने महापौर
प्रत्याशी के लिये किसी भी पार्षद को नही भेजा तो एकमात्र कांग्रेस रामशरण यादव के नामांकन पत्रों की जांच और नामवापसी की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से पूरा करते हुए रामशरण यादव को महापौर घोषित कर कलेक्टर ने उन्हें प्रमाण पत्र दे दिया ।
दोपहर 3 बजे निगम सभापति पद के निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू की गई तो कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद शेख नजीरुद्दीन नामांकन जमा करने पहुंचे मगर भाजपा सभापति पद के चुनाव से भी किनारा कर लिया ।फलस्वरूप शेख नजीरुद्दीन भी एक मात्र कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में निगम के सभापति पद पर निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए ।
कांग्रेस खेमे में महापौर और सभापति के चुनाव में मिली ऐतिहासिक सफलता को लेकर भारी उत्साह है ।
35 हजार मतों से हुई हार की भरपाई मेयर पद पाकर हुई
नव निर्वाचित महापौर रामशरण यादव वर्ष 2015 के मेयर चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी थे । तत्कालीन नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में किशोर राय को लड़ाया था । किशोर राय मंत्री अमर अग्रवाल के जीत के आकड़ो को काफी पीछे छोड़ते हुए रामशरण यादव को 35 हजार से भी अधिक मतों से हराया था । समय कैसे करवट बदलता है यह आज स्पष्ट हो गया । 35 हजार से ज्यादा मतों से मेयर चुनाव जीतने वाली पार्टी आज सत्ता से बाहर ऐसी हुई कि वह महापौर और सभापति का चुनाव लड़ने की स्थिति में नही है । भाजपा के लिए यह सबसे खराब और दुर्दिन का दिन है ।वही दूसरी तरफ 35 हजार वोट से हारने वाले रामशरण यादव को पिछली हार की भरपाई ऐसी हुई कि इस बार उसकी उम्मीदवारी के सामने भाजपा को न प्रत्याशी मिल पाया और न ही पार्षदो का बहुमत हो पाया ।
भाजपा की करारी हार का जिम्मेदार कौन ?
पूर्व नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल को विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भाजपा ने उन्हें नगरीय निकाय चुनाव का प्रदेश प्रभारी बना दिया । उन्ही के नेतृत्व में नगर निगम चुनाव भी लड़ा गया । पार्षदो के रिजल्ट मेभी भाजपा को मात मिली । 70 में से सिर्फ 30 पार्षद भाजपा के जीत कर आये । उससे भी बड़ी फजीहत भाजपा की आज हुई जब मेयर और सभापति के लिए भाजपा ने कोई उम्मीदवार ही खड़ा नही किया और कांग्रेस को निर्विरोध चुनाव जीतने का तोहफा दिया ।एक समय बिलासपुर जिले में अमर अग्रवाल और भाजपा की तूती बोलती थी । हर चुनाव में वे जीत दर्ज करते थे मगर अब भाजपा लगता है कोमे में चली गई है । हालांकि कोटा रतनपुर पेंड्रा में भाजपा की लाज बच गई है क्योंकि वहां भाजपा पार्षदो की संख्या ज्यादा थी ।