बिलासपुर । शहर और शहर के आसपास इन दिनों अवैध प्लाटिंग करने और सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों में दहशत का माहौल है क्योंकि जिला प्रशासन,नगर निगम और राजस्व का अमला जमीन माफियाओं और कारोबारियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है और कब्जा वाली जमीनों को खाली करवा रही है इसी कड़ी में सकरी क्षेत्र में निर्मित विवादास्पद विनायक प्लाजा में भी आखिर कार प्रशासन को कार्रवाई करनी ही पड़ी जबकि प्लाजा के निर्माण शुरू होने के समय से ही लगातार गोकने नाला को पाटने और उस पर निर्माण करने सरकारी जमीन पर कब्जा करने की शिकायते प्रशासन और राजस्व अमले को विभिन्न अवसरों पर की जाती रही लेकिन कार्रवाई तो दूर प्लाजा निर्माण को अप्रत्यक्ष रूप से मंजूरी दी जाती रही ।अब जबकि अवैध निर्माणों के खिलाफ कलेक्टर ने सख्त रवैया अपनाया तो विनायक प्लाजा निर्माण को आखिरकार अवैध बताना ही पड़ा ।चूंकि निर्माण को अवैध बताया जा रहा है इसलिए प्लाजा में और निर्माण को भी पूरी तरह से बंद कर प्लाजा को प्रशासन को अपने कब्जे में लेना चाहिए ।फिलहाल तखतपुर एस डी एम ने विनायक प्लाजा में निर्मित दुकानों की खरीद फरोख्त और बेची जा चुकी दुकानों के नामांतरण और बटांकन पर ही रोक लगाई है।बताया जा रहा कि प्लाजा के निर्माण के दौरान राजस्व अमले द्वारा करीब 5 बार नापजोख की गई लेकिन पता नहीं क्यों उस दौरान एक बार भी कार्रवाई नहीं की गई।
उल्लेखनीय है कि सकरी उसला पुर के बीच एक कांपलेक्स विनायक प्लाजा का निर्माण हुआ है यह प्लाजा शुरू से ही विवादास्पद रहा है।शिकायत है कि निर्माण के लिए गोेकने नाला को पाटने तथा शासकीय जमीन पर कब्जा करने ,दुकानों की बिक्री में रजिस्ट्री के दौरान शासन को राजस्व की हानि पहुंचाने जैसी अनेक शिकायते समय समय पर प्रशासन को विभिन्न माध्यमों से की जाती रही लेकिन राजस्व अमला ने कार्रवाई तो दूर प्लाजा में दुकानों के अवैध निर्माण को अप्रत्यक्ष रूप से शह दिया जाता रहा ।बिल्डर ने जिस पर दुकाने तान दी और दुकानों को बेचना शुरू कर दिया जबकि पूरे कांपलेकस शुरू से ही अवैध बताया जा रहा है।
कलेक्टर के आदेश पर तखतपुर एसडीएम वैभव क्षेत्रज्ञ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सकरी क्षेत्र में स्थित विनायक प्लाजा की दुकानों की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है। साथ ही जो दुकानें बिक गईं हैं, उनके नामांतरण और बटांकन पर भी रोक लगा दी गई है। दरअसल विनायक प्लाजा के प्रोपराइटर पर आरोप है कि उसने पहले तो गोकने नाला पर कब्जा करते हुए उसे पटवा दिया और फिर काम्प्लेक्स बना लिया जबकि बिल्डर ने सारे आरोपों को गलत बताया है उल्टे उसका कहना है गोकने नाले के किनारे उसकी खुद की जमीन दबी है। उसने अपने निर्माण को रेरा से एप्रूव करवाया है।शिकायत में ड्राइंग डिजाइन के विपरीत दुकानें बनाने का आरोप है । साथ ही दुकानों की खरीदी बिक्री में भी स्टांप ड्यूटी की चोरी की गई। यह भी आरोप है कि जिन भू स्वामियों की जमीन पर प्लाजा बना है, उनको पूरे पैसे भी नहीं दिए गए हैं। इन लोगों ने तहसील आफिस में शिकायत की थी जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई है।
उल्लेखनीय है कि सकरी-उसलापुर की सीमा में विनायक प्लाजा नामक कमर्शियल काम्पलेक्स का निर्माण किया गया है। काम्पलेक्स निर्माण के समय ही गोकने नाला को बिल्डर ने पाट दिया। फलस्वरूप नाला की चौड़ाई कम हो गई। सकरी में गोकने नाला निकली है, जो अरपा नदी में जाकर मिलती है। नाले की चौड़ाई 20 से 50 मीटर तक है।विनायक प्लाजा के बिल्डर के खिलाफ
लगातार शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से दुकानों का निर्माण जारी रहा और विनायक प्लाजा कमर्शियल काम्पलेक्स तन गया। इसके बाद नया खेल शुरू हुआ। शासन को स्टांप ड्यूटी का करोड़ों रुपए का चुना लगाया गया। स्टांप ड्यूटी की चोरी करते हुए 100 रुपए के स्टांप में 80 लाख रुपए की दुकानों का नामांतरण कर दिया गया।
प्लाजा अवैध रूप से बनाए गए कुल 22 दुकानें करीब 18 करोड़ रुपए में बेची गई है। नियमानुसार इसका नामांतरण होता तो बराबर स्टांप शुल्क वसूला जाता तो इसके लिए 4 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान करना होता लेकिन सिर्फ 22 लाख रुपए में नामांतरण की प्रक्रिया पूरी करते हुए सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई गई।
तखतपुर एस डी एम को खसरा नंबर 961/1 के 0.89 हेक्टेयर और खसरा नंबर 966 के 0.142 हेक्टेयर साथ ही शासकीय नाला भूमि खसरा नंबर 951 रख 08 हेक्टेयर और खसरा नंबर 914 के 1. हेक्टेयर भूमि पर बाउंड्रीवाल कर घेरा किए और बहुमंजिला इमारत बनाकर शासकीय पर कब्जा किए जाने की शिकायत मिली तो तहसीलदार से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार भूमियों के संपूर्ण बटांकन के साथ ही क्रय, विक्रय एवं नामांतरण पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है लेकिन बात इतने में ही समाप्त नहीं हो जानी चाहिए बल्कि अवैध कब्जा,गलत ढंग से निर्माण और शासकीय जमीन पर कब्जा समेत सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने जैसे गंभीर मामलों को ध्यान में रखते हुये और जो भी निर्माण कार्य जारी हो उस पर तत्काल रोक के साथ ही पूरे प्लाजा को सील कर उसे प्रशासन को अपने कब्जे में लेना चाहिए ।
Thu Feb 15 , 2024
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