बिलासपुर । लोकसभा चुनाव के नजदीक आते आते भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओ और उनके समर्थकों को भाजपा में शामिल होने जिस तरह मजबूर! किया गया है उससे पूरे देश के राजनैतिक दलों में भगदड़ की स्थिति है । एमपी के पूर्व मंत्री कमलनाथ उनके सांसद पुत्र और कई समथक कांग्रेस विधायक ,कई महापौर के भाजपा में जाने की खबरों ने सबको चौका दिया है हालांकि खबर लिखे जाने तक कमलनाथ के अपने समर्थको के साथ भाजपा में शामिल होने की अधिकृत खबर नहीं आई है लेकिन आम लोगो को यह सोचने मजबूर कर दिया है कि आखिर भाजपा में ऐसी क्या बात है कि दूसरे दल के नेता शामिल होने टूट पड़े है । आखिर इन नेताओ की क्या मजबूरी हो सकती है जो जिंदगी भर कांग्रेस में रहने के बाद घर से बाहर हो रहे है ।भाजपा नेताओ ने ऐसा क्या लालच दिया कि उनके शरण में जाने विवश हो रहे है । इस भगदड़ का छत्तीसगढ़ की राजनीति में क्या असर पड़ेगा यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा लेकिन इतना तो है कि इस समय जो राजनैतिक बवंडर उठा है उसका असर छत्तीसगढ़ में नही पड़ेगा ऐसा कहना जल्दबाजी होगी हालांकि कमलनाथ के समर्थकों की संख्या छत्तीसगढ़ में इक्के दुक्के ही है लेकिन भाजपा का यदि दलबद्ल कराने “आपरेशन लोटस ” का कोई गुप्त एजेंडा चल रहा हो तो छत्तीसगढ़ में भी इसका असर दिख सकता है ।छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा दलबदल कराने का श्रेय प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को जाता है जिन्होंने एक साथ दर्जन भर भाजपा विधायको को कांग्रेस में शामिल करवाया था लेकिन जनता जनार्दन ने दलबदलू 11 विधायको को चुनाव में नकार दिया था ।आज उसी अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी भाजपा में जाने इतने लालायित है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भगवान बताने कोई कसर नहीं छोड़ रहे बड़ा सवाल यह है कि क्या भाजपा के स्थानीय नेता अमित जोगी को स्वीकार भी कर पाएंगे?छत्तीसगढ़ में दो माह पहले भाजपा की बनी सरकार ने पूर्व कांग्रेस सरकार में शामिल नेताओ को निशाने पर रखा है और तमाम योजनाओं की जांच विभिन्न एजेंसियों से कराने की लगातार घोषणाएं की जा रही है ।आबकारी ,कोयला ,छग पी एस सी ,राजीव मितान योजना, महादेव एप समेत कई निर्णय जांच के घेरे में है और पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्रियों के खिलाफ जांच की सुगबगाहट भी हो रही है एक पूर्व मंत्री के निवास में तो ईडी की टीम धमक गई और कई दिनों तक जांच चलती रही ।ऐसे में जांच की जद में आने वाले कांग्रेस नेताओ और पूर्व मंत्री में से कुछ भाजपा में चले जाते है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा ।हो सकता है भाजपा में जाने के बाद उन नेताओ के खिलाफ जांच बंद कर दी जाए ।फिलहाल तो कमलनाथ और उनके समर्थकों के भाजपा प्रवेश तक इंतजार तो करना ही पड़ेगा ।
दो दिनों से सुर्खियों में है कमलनाथ
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के भाजपा में आने की खबरों ने दिल्ली स्थित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जहां एक तरफ गदगद कर दिया हैं, वही प्रदेश भाजपा हतप्रभ हैं। उसे सूझ ही नही रहा है कि ये अकस्मात कमलनाथ जैसे दिग्गज नेता की भाजपा में इंट्री कैसे? एमपी भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कमलनाथ को भाजपा के लिये मुफ़ीद नही मानने का बयान दिया था और कहा था वे हमारे किस काम के? अब वे ही कमलनाथ, भाजपा के नाथ बनकर व्हाया दिल्ली से भोपाल आने वाले हैं। इंदौर की वरिष्ठ भाजपा नेत्री और पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी कहा था कि नाथ राम का जयकारा लगाए और भाजपा में आ जाये। नाथ की एंट्री से प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेता हतप्रभ है। इसमें सीएम से लेकर मन्त्रिमण्डल के वरिष्ठ मंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष जरूर निर्विकार हैं लेकिन महामंत्री भी हतप्रभ रहने वाले नेताओं की कतार में हैं।कमलनाथ अगर भाजपाई हुए तो उनके तमाम इन्दौरी समर्थक भी कमलदल के साथ हो जाएंगे। इस बात का खुलासा स्वयम नाथ के खास समर्थक पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने किया। उनका कहना है कि 40 साल का साथ है हमारा। जहां हमारे नेता वहां हम। उनके इस स्पष्ट बयान के बाद उनके खास समर्थक वरिष्ठ नेता राजेश चौकसे व उनके समर्थकों का भी भाजपा प्रवेश तय माना जा रहा हैं। इसमे गिरधरनागर से लेकर अमित चौरसिया तक शामिल हैं। शनिवार को सज्जन वर्मा और राजेश चौकसे अपनी टीम के साथ दिल्ली पर नजरें गढ़ाए रहे।
कमलनाथ कांग्रेस के बड़े नेता हैं। वे कांग्रेस को बड़ा झटका देकर ही भाजपा में जाएंगे। बताते है कि उनके साथ प्रदेश के 20 से 30 विधायक भी पार्टी छोड़ेंगे। 22 से ज्यादा संख्या में विधायक पार्टी छोड़ेंगे तो उन पर दलबदल कानून लागू नही हो पायेगा। सूत्रों की माने तो बस इसी मुद्दे पर नाथ की मोदी और शाह से अंतिम चर्चा शेष है जो आज हो सकती हैं। नाथ शनिवार से ही दिल्ली में ही है और उनके समर्थक बड़ी संख्या में शनिवार से ही दिल्ली पहुँच चुके है ।
कमलनाथ की इच्छा है कि मोदी शाह उन कांग्रेस विधायकों को टिकट का आश्वासन दे जो उनके साथ पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहें हैं। इंदौर के दो पूर्व विधायक विशाल पटेल और संजय शुक्ला के भी नाथ के साथ होने की खबरें शनिवार को ऊंचाई पाती रही। संभव है आज शाम के बाद तक ये धुंध छट जाए ।छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस नेता दिल्ली के खबरों पर नजर गड़ाए हुए है ।महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को भाजपा में शामिल कराने के बाद झारखंड में विधायको को तोड़ने की कोशिश और एमपी में कमलनाथ और समर्थको के भाजपा में शामिल होने की संभावना जैसी खबरों से छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओ की बेचैनी स्वाभाविक है ।
Sun Feb 18 , 2024
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