बिलासपुर। शहर को आखिर हो क्या गया है?किसकी नजर लग गई है ?मासूमों के साथ दुष्कर्म ,सामूहिक अनाचार, चोरियां,चाकूबाजी ,तलवारबाजी जैसी घटनाओं में तेजी से इजाफा क्यों हो रहा है ?15 दिन में बिलासपुर को अपराध मुक्त कर देने का दावा करने वाले नेता की पार्टी के लोग मोदी की लहर नहीं सुनामी चल रही का दावा कर रहे है। उन्हे घटित हो रहे अपराधों से लगता है कोई मतलब नहीं है। चंद माह पहले तक यही नेता शहर में बढ़ते अपराध को लेकर मोर्चा खोले हुए थे ।वे आज सत्ताधारी दल के नेता हो गए । बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराध पर वे मौन है तभी तो बिलासपुर शहर के पूर्व विधायक शैलेष पांडेय ने कहा”शहर में अब बेटियां सुरक्षित नहीं है ,सुशासन का राग अलापने वाले सत्ताधारी दल के नेता आखिर हैं कहां? वे मौन क्यों है ?
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद आम नागरिकों को नई सरकार और प्रशासन से यह उम्मीद बंध जाती है कि सरकार भले ही कुछ न करे लेकिन कानून व्यवस्था ऐसी तगड़ी हो कि अपराधियों पर पुलिस का खौफ हो और जनता सुख चैन से रह सके मगर यहां तो ग्रामीणों की भीड़ कलेक्ट्रेट में आती है और उनकी मांग व्यक्तिगत नही बल्कि दुष्कर्म के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और उसके घर में बुलडोजर चलवाने (यह मांग और कार्रवाई दो माह पहले ही शुरू हुई है ) हास्यास्पद तो यह है कि आरोपी के घर बुलडोजर चलवा देने को पीड़ित को न्याय मिलना भी बताया जाने लगा है।
सिरगिट्टी में 3 साल की अबोध बालिका के साथ एक नाबालिग द्वारा वहशियाने ढंग से अनाचार और बालिका की मौत की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया ।सभ्य समाज के लिए यह एक कलंकित घटना है ।
ग्रामीणों के आक्रोश पर पुलिस ने नाबालिग और उसके चाचा को गिरफ्तार किया ।यह घटना अभी सुर्खियों में ही था कि कोनी में सामूहिक दुष्कृत्य की वारदात हो गई। कोटा में भी एक बालिका के साथ दुष्कृत्य किया गया ।पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन मामला यही शांत नहीं होता ।सवाल उठता है कि ऐसी घटना एकाएक क्यों बढ़ने लगी है ?
शहर में चोरी ,चाकूबाजी,तलवारबाजी ,मारपीट , उठाई गिरी ,लूट जैसी घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो गई है ।अब चूंकि घटनाएं हो रही है इसलिए कानून व्यवस्था पर सवाल तो उठेंगे ही ।चूंकि तीन माह पहले सत्ता में काबिज हुई भाजपा के नेताओ ने सुशासन का वादा किया था इसलिए भाजपा की सरकार पर भी आरोप लगना या लगाना लाजिमी है ।यह उस में स्थिति में भी लाजिमी है जब चुनाव के समय 15 दिन के भीतर बिलासपुर को अपराध मुक्त किए जाने का दावा किया गया था लेकिन दावा करने वाले नेता और उसकी पार्टी के लोग बढ़ते अपराध पर मौन है मगर पार्टी के यही नहीं यह प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे कि “मोदी की लहर नहीं,सुनामी चल रही है ” और “आएगा तो मोदी ही” हमे इस पर कोई सरोकार नहीं कि किसकी लहर और किसकी सुनामी चल रही है ,और कौन कहां आएगा लेकिन शहर में अमन चैन हो और अमानवीय अपराधों पर नियंत्रण हो यह सभी चाहते है ।
सत्ताधारी दल के लोग भी यही चाहते है तो बढ़ते अपराधो को रोकने उन्हे भी चिंतन करनी चाहिए ,सिर्फ दावों और जुमलो से बात नहीं बनेगी ।रहा सवाल पुलिस का तो कोई भी पुलिस अधिकारी और सिपाही यह कभी नहीं चाहेगा कि उसके इलाके में कोई जघन्य और अमानवीय अपराध हो फिर भी अपराधियों पर पुलिस की खौफ तो दिखनी ही चाहिए ।
Wed Mar 20 , 2024
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