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November 24, 2024 10:17 am

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भाजपा ,कांग्रेस में भिलाई के नेता को प्रत्याशी बनाने के लिए होड़,भाजपा ने कोरबा सीट पर भिलाई की सरोज पांडे को उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने भी भिलाई के देवेंद्र यादव को बिलासपुर सीट थमाया,अब कोई बाहरी प्रत्याशी नहीं

बिलासपुर ।लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन को लेकर भाजपा ,कांग्रेस के बीच लगता है नूरा कुश्ती चल रही है । पहले भाजपा ने भिलाई की मैडम सरोज पांडेय को कोरबा सीट से प्रत्याशी घोषित किया  उसके बाद ना नुकुर करते हुए कांग्रेस ने भी भिलाई के देवेंद्र यादव को बिलासपुर सीट का उम्मीदवार बना दिया यानि हिसाब बराबर हो गया ।अब देखना यह है कि भिलाई के दोनो नेता सांसद बन पाते है कि नही।ज्यादा सोचना है तो यह भी सोच लें कि भिलाई वासी दोनो नेता में किसकी किस्मत साथ देती है । हां कही ऐसा न हो कि कोरबा और बिलासपुर की जनता स्थानीय प्रत्याशी  को पसंद करना तय कर ले तो भिलाई के दोनो नेता को वापस भिलाई लौटना न पड़ जाए ।इतना जरूर है कि कांग्रेस भाजपा दोनो दलों के नेता अब बाहरी प्रत्याशी होने का आरोप अब नहीं लगा पाएंगे । अब जबकि कांग्रेस ने बिलासपुर सीट से पिछड़ा वर्ग का उम्मीदवार घोषित कर दिया है तो इसके पीछे मजबूरी ही है ।पिछले चार चुनाव में कांग्रेस ने सामान्य वर्ग से प्रत्याशी दिया और तीन बार उसे हार का मुंह देखना पड़ा जबकि भाजपा ने तीन बार पिछड़ा वर्ग से और वह भी साहू समाज से प्रत्याशी दिया इसलिए दो बार तो भाजपा ने बाजी मारी  अब तीसरी बार भी जीत का स्वाद चखने तैयार बैठी है। अब जबकि कांग्रेस ने भी पिछड़ा वर्ग से ही प्रत्याशी चयन किया है इसलिए पिछड़ा वर्ग का वोट विभाजित हो सकता है ।साहू और यादव मतों की संख्या बिलासपुर लोकसभा में उन्नीस बीस है इसलिए अच्छा खासा वोटर वाले कुर्मी समाज के मतदाता निर्णायक हो सकते है। दोनो दलों के उम्मीदवार घोषित हो जाने बाद बिलासपुर सीट में किंतु परंतु की संभावना बढ़ गई है । कोरबा सीट में वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत और भाजपा प्रत्याशी भिलाई की सरोज पांडे के बीच मुकाबला है तो बिलासपुर सीट से भाजपा के तोखन साहू और भिलाई के देवेंद्र यादव के बीच टक्कर होगी ।बात बहुत सारे किंतु परंतु की हो रही थी तो फिलहाल तो भिलाई सौभाग्य शाली शहर हो गया है ।भिलाई वासी तो यही चाहेंगे कि उनके दोनो लाडले और लाडली चुनाव जीत कर आए लेकिन ऐसा संभव तो नही दिख रहा ।दोनो में से किसी एक की सुविधा संतुलन के हिसाब से गारंटी देने की कोशिश हो सकती है। दोनो हार सकते है ऐसा कह पाना भी संभव नहीं है ।भिलाई वासी दोनो प्रत्याशी के चुनावी भविष्यवाणी में कई तरह के पेंच और कितु परंतु है लेकिन इसका फैसला मतदाता करेंगे।

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