बिलासपुर । सीपत एनटीपीसी मेगा पावर प्रोजेक्ट में 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है ।जिससे छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश राजस्थान सहित मध्य एवं पश्चिम भारत के कई राज्यों को बिजली प्रदान किया जा रहा है। बिलासपुर समेत पूरे छतीसगढ़ में तापमान गर्मी के दिनों में काफी बढ़ जाता है इसका कारण एनटीपीसी नही है बल्कि देश दुनिया मे जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग तेजी से बढ़ रहा है उसके कारण ही तापमान में भारी बढ़ोतरी हो रही है ।
उक्ताशय के विचार एनटीपीसी सीपत परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक पदम् कुमार राजशेखरन ने शनिवार को पत्रकारों के समक्ष रखी ।
उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन के अलावा एनटीपीसी अब उर्वरक उत्पादन के क्षेत्र में भी उतर चुका है । अपनी कार्यप्रणाली के चलते अब तक कई सम्मान एवं पुरस्कार भी एनटीपीसी सीपत ने हासिल कियाहै । पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्य महाप्रबंधक ने उपलब्धियां गिनाई और कहा कि
थर्मल पावर के साथ कई समस्याएं भी आती है। प्लांट से निकलने वाला राख हो , बेतहाशा पानी का इस्तेमाल और तापमान एक समस्या है। बिलासपुर में बढ़ते तापमान का दोष हमेशा एनटीपीसी के माथे ही लगा है। एनटीपीसी प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया और दावा किय्या कि वे सभी पैमानों पर खरा उतर रहे हैं साथ ही प्रदूषण दूर करने लगातार प्लांटेशन करवाया जा रहा है। सीएसआर मदद से प्रभावित गांव और आसपास के शहरी क्षेत्रों में लगातार विकास को गति देने का भी दावा किया गया । छत्तीसगढ़ में फुटबॉल को भी प्रोत्साहित एनटीपीसी द्वारा ही किया जा रहा है ।ग्रामीण स्कूलों में बच्चों के लिए शिक्षा का विषय हो या फिर ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार, साथ ही किसानों के लिए गोपालन और अन्य विषयों में भी एनटीपीसी विशेष सहयोग कर रहा है ।
उन्होंने बताया कि
पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी संवेदनशीलता को प्रकट करते हुए एनटीपीसी द्वारा हरीयर छत्तीसगढ़ योजना के तहत 12 करोड़ से अधिक की राशि वृक्षारोपण के लिए खर्च किया गया है । एनटीपीसी सीपत के मुख्य महाप्रबंधक पदम् कुमार राजशेखरन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि संयंत्र की स्थापना के लिए इस क्षेत्र के किसानों की भूमि का अधिग्रहण उपरांत एनटीपीसी के द्वारा 627 पदों के विरुद्ध अब तक 427 लोगो को नौकरी दी जा चुकी है।सरकार द्वारा आरक्षण लागू किये जाने के कारण यहां 154 अजजा के लोगो को नौकरी देनी है लेकिन इस क्षेत्र में अजजा की संख्या कम है इस कारण सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है । रिक्त स्थानों की नियुक्ति जल्द पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने बिलासपुर के बढ़ते ट्रेम्पेचर के लिए सीधे तौर पर ग्लोबल वार्मिग को प्रमुख कारण बताया।
एनटीपीसी सीपत में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य महाप्रबंधकश्री राजशेखरन के साथ ही महाप्रबंधक ओएण्डम घनस्याम प्रजापति,महाप्रबंधक जे एसएस मूर्ति तथा अतिरिक्त महाप्रबंधक मानव संसाधन आरएस कौल भी उपस्थित थे ।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए श्री राजशेखरन ने कहा कि बिलासपुर में बढ़ रहे ट्रेम्पेचर के लिए एनटीपीसी संयंत्र जिम्मेदार नही है जहाँ पर संयत्र स्थापित है वहां का तापमान शहर से 1 डिग्री कम ही रहता है। ऐसे में बढ़ते तापमान का कारण एनटीपीसी नही है। इसके लिए ग्लोबल वार्मिग ही प्रमुख कारण है। पूरी दुनिया मे ग्लोबल वार्मिग का संकट है और इसी के चलते हर तरफ गर्मी के दिनों में तापमान काफी बढ़ने लगा है ।किसानों के भूमि अधिग्रहण के बाद विस्थापित लोगों को नोकरी देने के सबंध में मानव संसाधन के प्रमुख श्री ने कोल ने कहा कि सीपत क्षेत्र में मुख्य आजीविका कृषि पर आधारित है। यहॉ 80 प्रतिशत आबादी कृषि पर आधारित है। इसलिए सरकार की पॉलिसी के तहत जमीन के बदले जमीन देने पर विशेष प्राथमिकता रखी गई। इसके साथ ही कृषि के लिए भूमि नही होने पर बकायदे उसे उपजाऊ बनाने के लिए संयंत्र ने राशि दी।