बिलासपुर की भूमि से आशोक बेहरा ने मि. एशिया बॉडीबिल्डिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने का सफर शुरू किया वे चिरमिरी से हैं और वर्तमान में अंबिकापुर में रहते हैं और अंबिकापुर के स्काई जिम में ही वर्कआउट करते हैं । उनके इस उपलब्धि को लक्ष्यम निरोगी द्वारा एक सम्मान समारोह में मनाया गया, जिसमें वे खिलाड़ियों के विकास के लिए धन्यवाद और बधाई देने का संदेश था। इस अवसर पर कई समाज सेवी, धर्म प्रचारक, फिटनेस ट्रेनर और लक्ष्यम निरोगी के पदाधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने उन्हें बधाई और समर्थन दिया।
लक्ष्यम निरोगी का मुख्य उद्देश्य है कि वे वास्तविक खिलाड़ियों को उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार करने के लिए सहायता प्रदान करें, ताकि वे लंबे समय तक फिजिकली और मानसिक रूप से मजबूत और सक्रिय रह सकें। इसके अलावा, लक्ष्यम निरोगी एक स्वस्थ, समृद्ध और ज्ञानी समाज के निर्माण के लिए भी प्रयासरत हैं.।
इस समारोह में कैलाश आवलिया रायपुर से, मुकेश जी रायपुर से, और अन्य पदाधिकारी भी शामिल रहे। सिद्धार्थ वर्मा ने 11,000 रुपये की सहायता राशि चेक के माध्यम से योगदान दिया। इस अवसर पर निशांत वर्मा, जलज शर्मा, शुभम माणिक और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपनी उपस्थिति से योगदान दिया ।
लक्ष्यम निरोगी का मुख्य उद्देश्य है कि वे वास्तविक खिलाड़ियों को उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति में सुधार करने के लिए सहायता प्रदान करें, ताकि वे लंबे समय तक फिजिकली और मानसिक रूप से मजबूत और सक्रिय रह सकें। इसके अलावा, लक्ष्यम निरोगी एक स्वस्थ, समृद्ध और ज्ञानी समाज के निर्माण के लिए भी प्रयासरत है।
इस अवसर पर एक छोटे से डिनर और गेट-टूगेदर कार्यक्रम के माध्यम से सभी को बधाई दी गई, जिससे एक साथ आकर्षित किया गया कि एक स्वस्थ, समृद्ध और ज्ञानी समाज की ओर हम कैसे बढ़ सकते है
इस अवसर पर सभी उपस्थित व्यक्तियों ने साझा किया कि एक स्वस्थ और समृद्ध समाज के निर्माण के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। वे इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए लक्ष्यम निरोगी और उसके कार्यकर्ताओं के साथ एकजुट होने का समर्थन दिए।
इस समारोह में ध्यान दिया गया कि खिलाड़ियों को सही आहार और पोषण की भी जानकारी दी जाती है, ताकि वे अपनी शारीरिक और मानसिक तौर पर बेहतर प्रदर्शन कर सकें। इसके साथ ही, समाज को भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया गया।
यह समारोह न केवल एक सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण प्रदान करता है, बल्कि इससे खिलाड़ियों को भी उत्साहित किया गया कि वे अपनी खेल क्षमता में सुधार sकरते रहें और समाज के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बनें।