बिलासपुर । विधायक शैलेष पांडेय के खिलाफ पुलिस द्वारा जुर्म दर्ज करने का मामला गहरा गया है और यह दूर तलक तक जा सकता है क्योंकि मुख्यमंत्री ने स्वयं विधायक को फोन कर मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है वही भीड़ को लेकर विधायक ने कई सवाल उठाते हुए कहा है कि वे विधान सभा मे कलेक्टर और एसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला उठाएंगे । सवाल यह भी कि शहर क्या पूरे जिले में जब लॉक डाउन कड़ाई से लागू है और पुलिस लोगो को घर से निकलने से मना करते हुए कड़ाई भी बरतते आई है तो सैकड़ो की संख्या में लोगो की भीड़ विधायक के दफ्तर कैसे पहुंच गई ? पेट्रोलिग कर रही पुलिस की टीम को यह भीड़ आखिर क्यों नजर नही आई ?भीड़ को रास्ते मे रोककर पुलिस वापस भी भेज सकती थी मगर ऐसा नही हुआ ?सवाल भीड़ क्या स्वमेव आई थी या प्रायोजित था?आश्चर्य तो इस बात का है कि आईजी दफ्तर से चंद कदम दूर पर ही सैकड़ो की संख्या में भीड़ जमा हो गई और पुलिस को पता नही । विधायक ने स्वयं पुलिस को फोन कर भीड़ होने की जानकारी दी ।
कांग्रेस विधायक शैलेष पांडेय के खिलाफ लॉकडाउन और महामारी अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में सिविल लाइन थाने में अपराध दर्ज किया गया है। जरूरतमंदों ने आज सुबह मुफ्त राशन के लिए विधायक के कार्यालय में भीड़ लगा ली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। पांडेय ने पुलिस की कार्रवाई को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि उन्हें एक विधायक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका गया है। वे विधानसभा में कलेक्टर व एसपी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लायेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एफआईआर दर्ज होने पर हैरानी जताते हुए विधायक से कहा है कि वे इस मामले को देख रहे हैं।
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये जारी लॉकडाउन के कारण अनेक गरीब परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे जरूरतमंदों के लिए विधायक पांडेय ने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक करते हुए कहा था कि जिनके लिए भी भोजन और राशन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है वे सीधे उनसे सम्पर्क कर सकते हैं। पिछले एक सप्ताह से वे अपने कार्यालय में जरूरतमंदों को राशन बांट रहे हैं। हर दिन सौ डेढ़ सौ लोग उनके घर पहुंच रहे हैं, जिन्हें वे राशन का पैकेट उपलब्ध करा रहे हैं। इस पैकेट में चावल, दाल, शक्कर, सब्जी, मसाले इत्यादि हैं। रविवार की सुबह जब वे निवास से पहुंचे तो कार्यालय के बाहर पांच सौ से ज्यादा लोगो की भीड़ दिखी जबकि पहले ऐसा नही होता था । इतनी भीड़ एकत्र होने पर संदेह है सन्देह तो यह भी है कि भीड़ कही प्रायोजित तो नही थी ?
श्री पांडेय का कहना है कि उनके दफ्तर के पास ही महापौर ,पूर्व मुख्यमंत्री का निवास है , महाधिवक्ता का आवास भी कुछ समय के लिए था । वीआईपी एरिया होने के बाद भी पुलिस को सैकड़ो की संख्या में लोगो की भीड़ जुटने और उनके आने की खबर पुलिस को न होना आश्चर्य लगता है । शहर की सड़कों को तय कर यह भीड़ आई मगर पुलिस इस भीड़ को किसी भी चौक चौराहे पर नही देखी यह कैसे हो सकता है।
उन्होंने कहा वे अपने दफ्तर में पहुंचे तो भीड़ वहां पहुंच चुकी थी मैने पुलिस अधिकारियो को फोन करके सूचना दी और पुलिस के वाहन से ही भीड़ के लोगो को अपील करता रहा कि वे सब घर जाएं उनके वार्ड के पार्षद के द्वारा सबको राशन मिल जाएगा । इसके बाद पुलिस की समझाइश के बाद लोग धीरे धीरे अपने घरों को लौट गए । बाद में पता चला कि पुलिस द्वारा उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है । वे पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय भी जाएंगे ।