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November 23, 2024 2:34 am

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पर्यावरण संरक्षण के लिए दपुमरे का सराहनीय प्रयास

“पर्यावरण संरक्षण के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का प्रयास”

“पिछले चार वर्षो में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 22 लाख से भी अधिक वृक्ष रोपित किए गए”

“दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में जून, 2019 तक 1183 कोचों में 4188 बायो-टायलेट लगाये गए”

बिलासपुर

– 10 जुलाई।
पर्यावरण संरक्षण की महत्ता एवं पर्यावरण संरक्षण में एक जागरूक संगठन की तरह अपनी भूमिका को जिम्मेदारी पूर्वक निभाने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में लगातार वृक्षारोपण एवं पर्यावरण से संबंधित अनेको कार्यक्रम आयोजित किये जाते है । इसके साथ ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, ना सिर्फ किसी विशेष अवसर पर बल्कि पूरे वर्ष जल, पर्यावरण एवं वातावरण को संरक्षित रखने के लिए प्रयासरत है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के इन सफल प्रयासों का प्रत्यक्ष उदाहरण बिलासपुर स्थित रेलवे कॉलोनी की हरियाली है ।
पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण की इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में पिछले 5-7 वर्षो में लाखो वृक्ष लगाये है, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 2 लाख 73 हजार, वित्तीय वर्ष 2016-17 में 9 लाख 34 हजार, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4 लाख तथा वित्तीय वर्ष 2018-19 में 6 लाख 18 हजार से भी अधिक वृक्ष लगाये गए थे एवं इस वर्ष लगभग 8 लाख वृक्ष लगाने की योजना है । ताकि वातावरण को ओर अधिक हरा- भरा रखा जाके।
इसी प्रकार स्टेशन परिसर, प्लेटफार्म, गाडी तथा रेलवे ट्रैक को गंदगी से मुक्त रखने तथा वातावरण को साफ-सुथरा रखने एवं हरित विकास को बढ़ावा देने हेतु रेलवे द्वारा यात्री गाड़ियों के कोचों में बायो-टायलेट लगाये जा रहे है। भारतीय रेलवे एवं रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने एक साथ मिलकर बॉयो-टायलेट का विकास किया है। यह बॉयो-टायलेट पर्यावरण के अनुकुल है इसमें मानव अवशिष्ट 6 से 8 घंटे में हानि रहित पानी और गैस में तब्दील होकर वातावरण में मिल जाता है । इसमें सीधे टैंक से डिस्चार्ज नही होता है । जिससे स्टेशन एवं पटरी के आस पास स्वच्छता बनाये रखने में आसानी होती है ।
वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में जून, 2019 महीने तक 1183 कोचों में 4188 बायो-टैंक लगाए जा चुके है, एवं लगातार अन्य सभी कोचो में भी बॉयो-टायलेट लगाने का कार्य तीव्र गति से किए जा रहे है।
बायो-टैंक के सुचारू रूप से कार्य करते रहने के लिए रेल प्रशासन यात्रियों से अनुरोध करता है कि इस प्रकार के टायलेट में चाय के कप, पानी के बोतल, गुटका पाउच, पॉलीथीन, डायपर इत्यादि इनमें ना डाले । इनके डाले जाने से बॉयों-टायलेट जाम होकर यह सुचारू रूप से कार्य नहीं कर पाता है जिससे ओवर फ्लो होकर गंदगी बाहर आ जाती है, एवं यात्रियो को परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है ।

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