रायपुर । ग्राम पंचायत टेकारी राजनीतिक और जनप्रतिनिधियों की दबंगई के कारण हमेशा सुर्खियों में रहा है। राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के चलते यह ग्राम पंचायत राज्य के प्रमुख दलों का सीधे तौर पर हस्तक्षेप है। भाजपा-कांग्रेस की सरकार होने से टेकारी की राजनीति में कोई फर्क नहीं पड़ता, यहां निर्वाचित जनप्रतिनिधि सरपंच और पंच मिलकर सारा खेल कर लेते है। बाहरी को कुछ करने का मौका ही नहीं देते
। यहां जो भी सरपंच या पंच बनता है, सरकारी घास भूमि या नजूल की भूमि में अपने परिवार को दबंगई के साथ कब्जा करवा कर मकान बनवा लेता है। ताजा मामले में भी आवेदक नरेंद्र वर्मा के लिखित आवेदन पर जांच परीक्षण कर अभनपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने शिकायत जांच में सही पाए जाने पर संलिप्तता के आधार पर सरपंच सावित्रीपाल, पंचगण टेकारी -हेमलता वमा,पुन्नी निषाद, पूर्णिमा वर्मा, परसराम घीवर, शशिकल कुर्रे, सरिता पाल, धन्नु पाल तहसील टेकारी को विखं अभनपुर में दारित उनके पद से पृथक करते हुए बर्खास्त किए जाने का आदेश पारित किया है। आदेश की प्रति मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत अभनपुर को पालनार्थ भेजी गई है। सीईओ 15 दिनों में आदेश पालन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है। नरेंद्र वर्मा की शिकायत पर निलंबित सरपंच सावित्री पाल व्दारा अतिक्रमण कर बतौर अवैध कब्जा भवन निर्माण को अतिक्रमण मुक्त करने आवेदन प्रस्तुत किया था,शिकायत पर तहसीलदार अभनपुर के आदेशानुसार जांच स्थल निरीक्षण हेतु टीम गई जिसने 21 सितंबर 17 को पंचनामा बनाया, उस समय सावित्रा पाल सरपंच थी, और स्थल निरीक्षण और पंचनामा को अपने स्तर पर प्रभावित करने का प्रयास की थी, ताकि उसके और परिजनों, हितैषी व्दारा भखंड पर अवैध निर्माण को झुठलाया जा सके। जांच दल को प्रभावित करने और अपने अपराध को छुपाने के दुराशय से सावित्री पाल ने जेठानी नोनिया पाल, रिश्तेदार धमनू पाल , सहेली रेखा सप्रे,मित्र श्रीकृष्ण कुमार कुंभकार जो पंच पति हैं, महेश कुमार, जो सावित्री पाल का रिश्तेदार हैं, पति चंद्रहास पाल के मित्र रामेश्वर साहू जो पंच है, अपने साथ रखकर जांच टीम को गुमराह करने का प्रयास किया। सावित्री पाल अपने नाते रिश्तेदारों को ग्राम टेकारी की शासकीय बूमि को बिना शासन की जानकारी दिए अवैध निर्माण की अनुमति दे दी। जांच टीम ने शिकायत के आधार पर निरीक्षण व अवलोकन उपरांत संबंधित हल्का पटवारी व्दारा शासकीय भूखंड क्रमांक 4/1 के प्रतिवेदन उपरांत यह प्रमाणित किया कि सावित्री पाल व्दारा गांव का सरपच एवं प्रधान होते हुए अपने पद व गरिमाके विपरीत विधि व शासकीय आदेश -निर्देश का उल्लंघन करके अतिक्रमण किया। इसलिए उसके व्दारा निर्मित मकान को शासन के आदेश से तोड़ दिया गया। सावित्री पाल के अवैध निर्माण के संबंध में संबंधित हल्का पटवारी ने अतिक्रमणकारियों की सूची में उसका नाम सम्मिलित किया था, तथा शासकीय भूखंड पर बने हुए मकान में सावित्री पाल का बोर्ड लगा था तथा विद्युत कनेक्शन भी सावित्री पाल के घर में ग्राम पंचायत टेकारी में नल, जल योजना के तहत नल कनेक्शन बी लगा था, जिसमें नल,जलकर वसूली के लिए संबंधित पंजी / रजिस्टर में सावित्री पाल का ही नाम इंद्राज था, सावित्री पाल ने अपना नाम छुपाने के दुराशय से अतिक्रमण स्थल पर निर्मित मकान को जेठानी नोनिया पाल ख.न. 4/1 के भाग रकबा 800 वर्ग फीट व स्वामित्व के संबंध में दस्तावेज सबूत या प्रमाण नोनिया पाल के नाम पर नहीं है, सावित्रा पाल जब सरपंच थी तब उसके व्दारा शासकीय बूखंड पर रुपए लेकर अवैध निर्माण की अनुमति, हितग्राहियों से राशन कार्ड बनाने के नाम पर वसूली, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों से अवैदानिक रकम वसूली सावित्रा पाल व्दारा लिया गया। शौचालय निर्माण की राशि हितग्राहियों को देने के बजाय स्वयं गबन कर अपने पास रख लिया। ग्राम टेकारी के जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में सही व वास्तविक जानकारी लोगों को जागरूक करने हेतु प्रदाय करने वाले व्यक्ति के खिलाफ झूठी मनगढ़ंत कहानी के आधार पर शिकायत की गई। जिसके संबंध में सावित्री पाल के विरूद्ध ग्राम टेकारी के नागरिकों के व्दारा पृथक से कार्यवाही की जा रही है। नरेश वर्मा ने अपने प्रतिपरीक्षण में यह स्वीकार किया कि सावित्री पाल की कब शादी हुई और वह गांव में कब आई उसे याद नहीं है। सावित्री पाल के परिवार का ग्राम टेकारी में भूमि और मकान है तथा सावित्री पाल और उनके परिवार का कितने मकान और कब-कब बना उसे जानकारी नहीं है। प्रतिपरीक्षण में यह स्वीकार किया कि उसने अवैध कब्जा कर मकान बनाया था, जिसे तहसीलदार अभनपुर व्दारा बेदखली आदेश कर तोड़ा गया है।