बिलासपुरआज 13 जून 2020 शनिवार को विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में लगातार 7वी बार संस्कारधानी न्यायधानी बिलासपुर में विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किया गया
बिलासपुर वासी सदैव समाजोपयोगी गतिविधियों में अपना सक्रिय योगदान देते हुये सदैव भाईचारे और मानवता की बड़ी मिसालें स्थापित कर रहे हैं.
शहर के विभिन्न समाज सेवी तथा व्यवसायी संगठनों ने मिलकर आज के विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया . *बैंकर्स क्लब बिलासपुर*,
लायंस क्लब, रोटरी क्लब रॉयल, अराइस टेलेंट, विश्व हिंदू परिषद – बजरंग दल , हैंड्स ग्रुप, चेम्बर ऑफ कॉमर्स, फ़ाउंडेशन क्रिकेट अकादमी, छत्तीसगढ़ एजुकेशन फोरम, इनडोर गेम्स अकादमी, जी टी बी कॉलेज, टीचर्स हु इंस्पायर, गुरुकुल, एरीना एनीमेशन, बिलासपुर ऑमीगोस राउंड टेबल और पिनाकल डिजाइन अकादमी ने एकता ब्लड बैंक के सहयोग से इसका आयोजन किया गया।
लायंस क्लब भवन में सुबह 10 बजे से प्रारंभ शिविर का शाम 4 बजे समापन किया गया। 142 रक्तदाता रक्तदान में महायज्ञ में योगदान दिये हैं. नगर विधायक शैलेष पांडेय, बैंकर्स क्लब के संयोजक ललित अग्रवाल, एरीना एनिमेशन के संदीप गुप्ता, अराइस टेलेंट, कोटा राजस्थान के डायरेक्टर अभीषेक गौतम ने संयुक्त रूप से शिविर का विधिवत उद्घाटन किया।
बैंकर्स क्लब के समन्वयक ललित अग्रवाल व संयुक्त आयोजन समिति के संदीप गुप्ता ने एकता ब्लड बैंक तथा समस्त आयोजको व विशेष रूप से रक्तदाताओं का धन्यवाद देते हुए शिविर का विधिवत समापन किया।
रक्तदान के लाभ
♥ ब्लड डोनेट कर एक शख्स दूसरे शख्स की जान बचा सकता है।
♥ ब्लड का किसी भी प्रकार से उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है।
♥ देश में हर साल लगभग 250 सीसी की 4 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है। सिर्फ 5,00,000 यूनिट ब्लड ही मुहैया हो पाता है।
हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है।
♥ आंकड़ों के मुताबिक 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को अपने जीवन में खून की जरूरत पड़ती है।
शारीर के लिए रक्तदान कितना लाभदायक है?
✙ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है, जो कि हृदय के लिए अच्छा होता है।
✙एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर व दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है, क्योंकि यह शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है।
✙ ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है। इससे शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है।
✙ ब्लड डोनेशन सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है। इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। ब्लड का वॉल्यूम तो शरीर 24 से 72 घंटे में ही पूरा बन जाता है।
ब्लड डोनेट करने से पहले क्या-क्या होता है और क्या करना चाहिए?
✓ब्लड देने से पहले मिनी ब्लड टेस्ट होता है, जिसमें हीमोग्लोबिन टेस्ट, ब्लड प्रेशर व वजन लिया जाता है। ब्लड डोनेट करने के बाद इसमें हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, सिफलिस और मलेरिया आदि की जांच की जाती है। इन बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर डोनर का ब्लड न लेकर उसे तुरंत सूचित किया जाता है।
✓ ब्लड की कमी का एकमात्र कारण जागरूकता का अभाव है।
✓ 18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 प्रतिशत भी खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है। ऐसा करने से असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
✓ ब्लड डोनेट करने से पहले व कुछ घंटे बाद तक धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
ब्लड डोनेट करने से पहले पूछे जाने वाले सभी प्रश्नों के सही व स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
नोट Note – ब्लड डोनेट करने के बाद आप पहले की तरह ही कामकाज कर सकते हैं। इससे शरीर में किसी भी तरह की कमी नहीं होती।
✓इस मैसेज को हर आदमी व हर ग्रुप में पहुचाऎ ताकि रक्तदान करने वालो की गलतफहमी दूर हो सके तथा रक्तदान नहीं करने वाले भी ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करके खुद भी स्वस्थ रहे तथा कई लोगों की जान बचा सके।
आज के शिविर को सफल बनाने में संदीप गुप्ता, ललित अग्रवाल, मोहन होनप,राजीव शर्मा, दीपक सिंह ठाकुर, प्रिंस भाटिया, अविनाश आहूजा, नवदीप अरोरा, जीत द्विवेदी, सतविंदर सिंह,देव रुद्राकर, अभीषेक विधानी, डॉ एस के गिडवानी, अभिषेक गौतम, विष्णु सिंह, सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी ने अपना योगदान दिया।
आज के शिविर की विशेषता यह रही कि साउथ इंडियन बैंक के प्रबन्धक श्री आंनद मुच्छल बी निगेटिव ने रक्तदान करते हुए बताया कि पहले उनका हीमोग्लोबिन 10 से कम होता था। अब लगातार रक्तदान करने से वह बढ़कर 15.3 हो गया हैं। उन्होंने नये से रक्तदान कर स्वयं का स्वास्थ्य सुधारने की अपील की। आज के शिविर में 67 यूनिट ब्लड डोनेट हुआ ।