पैतृक जमीन का सालो क़ानूनी लड़ाई के बाद मिला हक मगर फैसले पर अतिरिक्त कलेक्टर ने लगाई रोक भूमाफिया जमीन हड़पने रच रहे साजिश
बिलासपुर| शहर के घनी बस्ती में करोड़ो की निजी जमीन पर भूमाफियाओं की गिद्ध दृष्टि लगी हुई है । इस निजी जमीन को पहले नगर निगम ने नजूल विभाग से वाहन स्टैंड के लिए सरकारी दस्तावेजों में दर्ज करवा लिया लेकिन पुस्तैनी जमीन के हक के लिए वारिसों ने लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी तो राजस्व न्यायालय ने दस्तावेजो के आधार उनके पक्ष में फैसला तो दे दिया मगर यह खुशी ज्यादा दिन के लिए नही रहा क्योकि नगर निगम की अपील पर अतिरिक्त कलेक्टर ने भूस्वामी के परिजन के पक्ष में दिए गए फैसले पर रोक लगा दी है । मसानगंज इलाके में वर्षो से काबिज एक अजा परिवार की हजारो वर्गफीट पैतृक जमीन प्रशासनिक त्रुटियों के चलते नजूल भूमि में चली गयी जिसका हक पाने जमीन वारिसो ने लंबे समय तक क़ानूनी लड़ाई लड़ी जिसके बाद राजस्व न्यायालय ने उक्त जमीन के हक़ का फैसला जमीन वारिसो के पक्ष में दस्तावेजों को पुख्ता सबूत मानते हुए दे दिया लेकिन शहर के कई रसूखदार भूमाफियाओ की नजर इस जमीन पर गड़ी हुई है जो जमीन पर कब्ज़ा जमाने के लिए हर सम्भव कोशिश कर रहे है तथा भूस्वामी के परिजन को तरह-तरह से धमकी देकर जमीन पर अपना हक जताने की कोशीश करते आ रहे है | शहर के भू-माफियाओ द्वारा परिवार की जमीन पर कब्ज़ा करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है चर्चा है एक भूमाफिया का नजदीकी रिश्तेदार मंत्रालय में पदस्थ है और वह इस मामले में दबाव डाल रहा है भाई साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियो के ऊपर भी जमीन के सम्बन्ध में लगातार दबाव बना रहा है
बिलासपुर मसानगंज निवासी जिल्लेलाल, किलेलाल, मिलन सभी पिता चुन्नीलाल सतनामी के मुताबिक पूर्वज हीराधर के पुत्र दुखीराम है जो दादी भजियारीन बाई के पिता थे जिसका एकमात्र पुत्र चुन्नीलाल है जो वर्तमान में आवेदको के पिता थे इस प्रकार पूर्वजो से ही मोहल्ला मसानगंज में निवास करते आ रहे है, मसानगंज स्थित शीट नंबर 24, पलाट नम्बर 01, रकबा 136460 वर्गफीट भूमि पर वर्ष 1926-27 के पूर्व से काबिज चले आ रहे है, जहा वर्तमान में आवेदको के पिता चुन्निलाल नानी भजियारीन बाई की मृत्यु हो चुकी है व आवेदक उक्त भूमि पर अपने पूर्वजो के समय से लेकर वर्तमान में रकबा 39240 वर्गफीट भूमि पर काबिज है| आवेदकों द्वारा पेश दस्तावेज नम्बर बंदोबस्त दिनाक 01/10/1920 के अनुसार मोहल्ला मसानगंज स्थित शीट नम्बर 24, प्लाट नम्बर 01, रकबा 39240 वर्गफीट दुखीराम वल्द हीराधर निवासी मसानगंज के नाम पर दर्ज रहा है जिसे पट्टा पर बंगाल नागपुर रेलवे द्वारा अधिग्रहण किया गया| वर्ष 2020 के संघारण खसरा अनुसार मोहल्ला मसानगंज, शीट नम्बर 24, प्लाट बम्बर 1/1, रकबा 60955 खुला नजूल एवं प्लाट नम्बर ½, रकबा 75505 वर्गफीट आवासीय क्वाटर व खुला आरक्षी विभाग बिलासपुर के नाम पर दर्ज है उक्त दरस्तावेज से स्पस्ट होता है कि वर्तमान में उक्त भूमि बंगाल नागपुर रेलवे के नाम पर दर्ज नहीं है क्योकि बंगाल नागपुर रेलवे ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई आधिकारिक रूप से नही की तथा भूमि नजूल बिलासपुर के नाम पर दो प्लाट में दर्ज है| मसानगंज इलाके में वर्षो से काबिज अजा परिवार की हजारो वर्गफीट पैतृक जमीन प्रशासनिक त्रुटियों के चलते नजूल भूमि में चली गयी जिसका हक पाने जमीन के वारिसो ने सालो तक क़ानूनी लड़ाई लड़ी जिसके बाद राजस्व न्यायालय ने उक्त जमीन के हक़ का फैसला जमीन वारिसो के पक्ष में दिया| कलेक्टर के आदेश दिए जाने के बाद से सालो से बेशकीमती जमीन पर नज़रे गडाए बैठे शहर के कतिपय भूमाफियाओ द्वारा लगातार उक्त परिवार को डराने के साथ ही तरह-तरह से धमकी देकर जमीन पर कब्ज़ा करने क़का प्रयास किया जा रहा है जबकि उक्त जमीन के हक़ का फैसला मसानगंज निवासी जिल्लेलाल, किलेलाल, मिलन सभी पिता चुन्नीलाल सतनामी के पक्ष में दिया जा चूका है|
इसी जमीन का कुछ भाग नगर निगम ने वाहन स्टैंड के लिए राजस्व विभाग के दस्तावेजो में करवा लिया था । फैसला आने के बाद नगर निगम ने अतिरिक्त कलेक्टर के कोर्ट में अपील किया जिस पर अतिरिक्त कलेक्टर ने जमीन के असली वारिसान के परिवार के पक्ष में दिए गए फैसले पर रोक लगा दी है ।