बिलासपुर । प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में राजस्व व नगर निगम के अमले के साथ शनिचरी गोंड़ पारा में अतिक्रमण हटाने का महाअभियान शुरू कर दिया है पक्के मकान आरा मिल समेत कई दुकाने जेसीबी से तोड़ दी गई है । अतिक्रमण स्थल पर कई सम्पन्न लोगों ने कब्जा कर किराया दे रखा था तो एक भाजपा नेत्री ने एक मकान को 8 लाख रुपये में गुजरात से आये परिवार को बेच दिया था वह मकान भी तोड़ दिया गया है ।
प्रभावितों को अटल आवास में मकान देने की घोषणा पर मकान लेने होड़ मच गई है । एक भाजपा नेता ने भाजपा शासन काल मे तमाम तरह की सुविधा लेने के बाद भी अब अपने पूरे परिवार के नाम से अटल आवास लेने आवेदन किया और आवेदन मंजूर भी हो गया इसकी शिकायत कलेक्टर से की गई है ।
गोंड़ पारा में भाजपा नेताओं से सम्बन्ध रखने वाली एक महिला ने बेजा कब्जा कर बनाये मकान को गुजरात से आये एक संयक्त परिवार को 4 साल पूरक 8 लाख में बेचकर निकल गई । गुजराती परिवार ने मकान में 3 लाख रुपये और खर्च कर रहने योग्य बनाया मगर आज के अभियान में वह मकान भी तोड़ दिया गया । सदमे में गुजराती परिवार के मुखिया को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है ।
इसी तरह कलेक्टर को की गई शिकायत में बताया गया है कि गोड़पारा के रहने वाले देवरी खुर्द से परिवर्तन सन 2008 में नाग नगीन तालाब के पास बहताराई में बाम्बे आवास क्रमांक 45 गोड़पारा निवासी पुष्पलता पति नंदलाल के नाम आवास आबंटन हो चुका है जो विगत 8 वर्ष पूर्व अपने रिश्तेदार को पुष्पलता के नाम के आबंटन आवास को काबिज कर रखा है*
वर्तमान में गोड़पारा नदी किनारे से हटाए जाने वाले अवैध बेजा कब्जाधारियों को दिए जाने वाले आवास में भी अपने नाम आवास क्रमांक डी,11 शरद पिता स्व,बिहारी लाल के नाम आबंटन एवं अपने मौसी मां पुष्पलता/ पति नंदलाल के नाम पुनः आवास क्रमांक डी,10 में आबंटन तथा अपनी पत्नी श्रीमति लछमी/पति शरद गुप्ता के नाम आवास क्रमांक डी,11 को आबंटन करा लिया है
जबकि शरद गुप्ता कार्यालय मंत्री भारतीय जनता पार्टी बिलासपुर संगठन के प्रभारी बताते हुए एवम् वार्ड क्रमांक 30 के भा,ज,पा, के नेता और वार्ड के पार्षद के दम पर नदी किनारे गोड़पारा में मवेशियों को रख कर डेयरी का अवैध कब्जा कर अवैध संचालन करता है जबकि डेयरी संचालक के रूप में नगर निगम बिलासपुर में गोकुलधाम योजनाओ के तहत् शरद गुप्ता पिता स्व, बिहारी लाल गुप्ता गोड़पारा बिलासपुर निवासी के नाम पर गोकुलधाम घुरू में पशु पालन मवेशियों डेयरी के लिए , गोकुधाम योजनाओ के तहत् डेयरी हेतु प्लाट आबंटन है डेयरी के ऐवज में डेयरी,के लिए प्लाट आबंटन हो चुका है। बेजा कब्जा मकान के ऐवज में बांबे आवास आवंटन हो चुका है फिर भी अभीतक डेयरी के मवेशियों को गोकुलधाम में शिप्टिंग नहीं किया है पुष्पलता , नंदलाल के नाम से बॉम्बे आवास क्रमांक 45 नाग नागिन तालाब बहतराई में सन् 2008 से आबंटन हो चुका है*
लक्ष्मी गुप्ता पति शरद गुप्ता अपने परिवार के साथ शीतला मंदिर के बाजू में नाऊपारा सुभाष नगर गोड़पारा में निवास करती है जबकि लक्ष्मी गुप्ता/पति शरद गुप्ता के नाम पर आवास क्रमांक डी,11 में आबंटन कराया जा रहा है* आबंटन आवास के सूची में ये नाम नगर निगम में दर्ज है।
ईधर अतिक्रमण हटाने से प्रभावित दुकानदारों ने भी कलेक्टर से कहा है कि हम
सात दुकानदार विगत 70 साल से शनिचरी पड़ाव स्थित शीट नंबर 30 प्लाट 82/1 में शांति पूर्वक अपना व्यवसाय करते आ रहें हैं।किसी के पास 1950 का पट्टा है तो किसी के पास 1972-73से एवं किसी के पास 82-83से पट्टा है।सातों दुकानदार बराबर नवीनीकरण हेतु आवेदन देते आ रहें हैं एवं किराया जमा कर रहें हैं।आज भी हम इस भूमि पर काबिज हैं एवं नियमानुसार अपना व्यवसाय कर रहें हैं।
सन 1996 में बेदखली की आशंका से हम सातों दुकानदारों ने एक रिट पिटिशन मप्र जबलपुर हाईकोर्ट में दाखिल की थी।जिस पर 29-11-96को जबलपुर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने हेतु स्टे दिया।तत्पश्चात दिनांक 8- 12-1999 उच्च न्यायालय में जस्टिस दीपक मिश्रा ने हमारे पक्ष में निर्णय देते हुए हम लोगों को बलपूर्वक बेदखल करने के विरुद्ध आदेश दिया। हाईकोर्ट के इस आदेश की कॉपी 22-6-2000 से नवीनीकरण के आवेदन के साथ हम सभी सातों दुकानदार लगातार नजूल अधिकारी को उपलब्ध कराते आ रहें हैं। उक्तआदेश के सम्बन्ध यह भी विचारणीय हैं न तो इस पर कभी सुनवाई हुई न इसका कोई संज्ञान लिया गया। यहां हम सातों के साथ यह बेदखली आदेश एकदम एकतरफा एवं अवैधानिक है।न कोई पेशी न कोई सुनवाई न कोई मुकदमा यह बेदखली आदेश हम सातों दुकानदारों एवं उनके परिवारों के खिलाफ एक वज्रपात जैसा है। हम सभी को बहुत अभद्र तरीके से एक बेदखली नोटिस थमाया गया है
हम सभी आपको यह अवगत कराना चाहते हैं कि मप्र जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश की जो अवहेलना स्थानीय प्रशासन ने की है उसका संज्ञान हम सभी बिलासपुर हाईकोर्ट को देने जा रहें हैं। नियमानुसार किसी भी आरा मशीन को उसके वर्तमान कार्यस्थल से , प्रधान मुख्य वनसंरक्षक रायपुर की अनुमति के बिना नहीं हटाया जा सकता है।
सुधार-नवीनीकरण का शुल्क हर वर्ष का अभी तक का और किराया ,दो हजार तेईस तक लिया जा चुका है