सीवरेज को लेकर सदन में बिफर पड़े लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह… बिलासपुर निगम में 20-20 साल से कुंडली मारकर बैठे हैं… ऐसे में कैसे होगा शहर का भला… बिलासपुर विधायक शैलेश ने कहा- काम छोड़कर भाग गया ठेकेदार…जानिए इन्हें हटाने के सवाल पर मंत्री ने दिया क्या जवाब…
बिलासपुर । सीवरेज परियोजना की नाकामी और असफलता को लेकर आज विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ । छजकां विधायक धर्मजीत सिंह और बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय के आरोपों पर कि बिलासपुर नगरनिगम में 20 वर्षों से अधिकारी जमे हुए है और सीवरेज के बारे में निगम के अधिकारी सरकारको गलत जानकारी दे रहे ,नगरीय निकाय मंत्री डॉ शिव डहरिया ने ऐसे अधिकारियों को हटाने का आश्वासन दिया है ।मंत्री ने अपने वादे पर अमल किये तो नगर निगम के कौन कौन अधिकारी निपटेंगे इसकी चर्चा शुरू हो गई है , चर्चा तो यह भी होने लगी है कि कांग्रेस के नेता इन अधिकारियों को बचा ले जाएंगे ।
दरअसल भाजपा सरकार में नगरीय निकाय मंत्री रहे अमर अग्रवाल ने सीवरेज समेत अपने कई ड्रीम प्रोजेक्ट को शहर में लागू करने कई अधिकारियों को नगर निगम में लाकर बिठाया और उनके मंत्री रहते तक इन चहेते अधिकारियों के तबादले के सवाल ही नही उठता था । इन अधिकारियों में कई चतुर खिलाड़ी अधिकारी कांग्रेस के कुछ नेताओं से भी मधुर सम्बन्ध बना लिए थे इसकी जानकारी पूर्व मंत्री को नही रही होगी ऐसा तो हो नही सकता । कांग्रेस नेताओं से बनाये गए मधुर सम्बन्ध को आज भुनाने का वक्त आ गया है ।
सीवरेज के साथ ही गौरवपथ,अमृत मिशन ,प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे और भी बड़ी योजनाओं पर काम करने वाले अधिकारियों तथा उसमें भ्र्ष्टाचार के अनेक किस्से टाउनहाल विकास भवन से गलियारे में अक्सर सुनने को मिलते रहे है । अब चूंकि सरकार बदल गई है तो उम्मीद थी कि ऐसे अधिकारियों पर सरकार का रवैया सख्त होगा मगर ऐसा कुछ नजर नही आ रहा है ।
अब जबकि मंत्री ने सदन में कह दिया है कि निगम में लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों पर कार्रवाई होगी तो मंत्री के वादे पर भरोसा नही करने का कोई कारण नही बनता मगर उन चालॉक अधिकारियों पर कौन भरोसा करेगा जो आज के दिन के लिए ही वर्षों पूर्व कांग्रेस के अनेक नेताओ से सम्बन्ध बनाकर रखे है । ऐसे ही एक अधिकारी को बचाया भी जा चुका है । अब मंत्री शिव डहरिया पर कोई दबाव या सिफारिश न हो तभी बात बनेगी ।
विधान सभा मे क्या हुआ था आज?
दरअसल 11 साल से सीवरेज की दंश झेल रहे बिलासपुर वासियों के दर्द देखकर विधानसभा में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने चर्चा की शुरुवात करते हुए
बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि बिलासपुर नगर निगम में सब इंजिनियर से लेकर सुप्रींटेंट इंजीनयर तक अफसर 20-20 साल से कुंडली मार कर बैठे हुए हैं, क्या मंत्री 5 साल से अधिक पदस्थ अफसरों को हटाएगी, धर्मजीत ने कहा कि जब तक ऐसे अफसरों को इस नगर निगम से नहीं हटाएंगे, तब तक बिलासपुर में 100 करोड़ की भी योजना भेज देंगे, तब भी कार्य सफल नहीं होने वाला है | इस पर मंत्री ने ऐसे अफसरों को इस ट्रांसफर सत्र में हटाने का आश्वासन दिया है।
सदन में विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि जब से बिलासपुर में सीवरेज परियोजना शुरू हुई है तब से शहर के रहवासियों को सिर्फ तकलीफों का सामना करना पड़ा है । साल दर साल 2008 से शुरू हुई सीवरेज परियोजना का बजट बढ़ता गया, लेकिन इस परियोजना का लाभ अब तक जनता को नहीं मिल सका । धर्मजीत ने सवाल करते हुए कहा परियोजना में 113 करोड़ रुपये अतिरिक्त राशि खर्च की जा चुकी है, फिर भी अब तक काम पूरा नहीं हुआ। पूरी परियोजना में सिर्फ लापरवाही हुई और कहीं न कहीं सरकार की तरफ से ढीला रवैया इसके लिए जिम्मेदार है । धर्मजीत ने मंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि यहाँ पर अफसरों के आंकड़ों को बताने से अच्छा होगा कि एकबार बिलासपुर आकर देखें, वहां की स्थिति से वाकिफ हो, तब सही स्थिति की पता चल सकेगा | इस पर मंत्री ने बिलासपुर आने की भी बात कही है |
धर्मजीत ने कहा कि मंत्री ने अपने जवाब में गलत डीपीआर की वजह से खर्च राशि का बढ़ाना बताया है, तो इस तरह से लापरवाही करने वाले अफसाओन के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई कर रही है। धर्मजीत ने सवाल करते हुए कहा कि दो साल में पूरी होने वाली परियोजना 11 साल में पूरी नहीं हो सकी है । सात बार सीवरेज के पूर्ण होने के समय मे वृद्घि की गई है, अभी परियोजना में काम चल रहा है की नहीं? इस मंत्री ने कार्य प्रगति पर होना बताया, साथ ही 85 प्रतिशत कार्य पूरा होना बताया | मंत्री ने बताया की यह योजना दिसम्बर 2019 तक पूरा कर लिया जायेगा। इस दौरान मंत्री ने जवाब में कहा कि सीवरेज के चलते पिछली सरकार ने बिलासपुर को घुरवा बनाकर रख दिया था, जिसकी सफाई अब हमारी सरकार कर रही है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने चुटकी लेते हुए कहा कि आपकी सरकार तो पुरे प्रदेश को घुरवा बनाने का काम कर रही है।
बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने सदन में लापरवाही के साथ-साथ इंजीनियरों की तरफ से गलत जानकारी कर मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया। शैलेष पांडेय ने बताया कि समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया था कि सिर्फ 2 परसेंट काम बचा है, जबकि सीवरेज का 15 प्रतिशत से ज्यादा काम बचा है। यही नहीं काम कराने वाला ठेकेदार भी भाग गया है, ऐसे में काम कैसे होगा। शैलेष पांडेय ने सदन में कहा कि पिछली सरकार की कार्यशैली का खामियाजा आज भी शहर की जनता भुगत रही है। उन्होंने कहा कि शहर में सौ से ज्यादा गडढे हैं, जिससे शहर के लोग संकट में हैं। शैलेष पांडेय ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने और दोषियों पर एक्शन लेने की मांग की। मंत्री शिव डहरिया ने इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।