बिलासपुर ।*यह भी है सच्चाई* मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारी-कर्मचारी / पंचायत मंत्री के अधीनस्थ अधिकारी- कर्मचारी 15% कमीशन लेकर सी सी रोड स्वीकृत करते हैं , यही स्थिति विधायक – सांसद निधि की है । संबंधित विधायक सांसद या उनके प्रतिनिधि 15% कमीशन लेकर सी सी रोड अपने कोटे की निधि से स्वीकृत करने की अनुशंसा करते हैं ।(कुछ सांसद-विधायक ,इसके लिए अपने चिरंजीव / निज सहायक को अधिकृत कर देते हैं)
सी सी रोड स्वीकृति के बाद स्वीकृति आदेश और अग्रिम आंबटन जारी करने के लिए ज़िला पंचायत / ज़िला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय के संबंधित प्रभारी अधिकारी – कर्मचारी 05% राशि कमीशन लेते हैं ।
जनपद पंचायत कार्यालय से कार्य आदेश और अग्रिम राशि भुगतान करने के लिए 01-02% कमीशन सरपंचो को बाबू स्तर पर देना पड़ता है ।
सी सी रोड बनाने के बाद मूल्याँकन सत्यापन के लिए सरपंचो को संबंधित इंजीनियरों को 05% कमीशन देना पड़ता है ।
उसके बाद अंतिम भुगतान लेने के लिए सरपंचो को मुख्यकार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत) को 05% कमीशन देने के बाद ही कार्य का समापन होता है ।
इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत स्तर पर पंचों को , जनपद सदस्य, ज़िला पंचायत सदस्य, पंचायत सचिव को , पंचायत इंस्पेक्टर , ज़िला आडिटर को भी चढ़ावा भेंट
करना ज़रूरी होता है अन्यथा शिकवा-शिकायत की कहानी शुरू हो जाती है ।
इस पूरे मामले में अगर कोई शिकायत हो गई तो उसकी सेटिंग में भी चढ़ावा चढ़ाना सरपंच की मजबूरी होती है ।
कमीशन खोरी का यह गोरखधंधा open secret है । आमतौर पर सभी नेताओं और अधिकारियों को इस पूरे प्रकिया की जानकारी रहती है ।
कमीशन के इस मायाजाल में सी सी रोड की गुणवत्ता से किसी का कोई सरोकार नहीं होता है । यह सच्चाई है कि -“वर्तमान में ईमानदार वही है जिसे बेईमानी करने का अवसर नहीं मिल रहा है।”